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0 जयशंकर बोले- कनेक्टिविटी, कोऑपरेशन और कॉन्टैक्ट पर फोकस

नई दिल्ली/चेन्नई। तमिलनाडु और श्रीलंका के बीच फेरी सर्विस शनिवार 14 अक्टूबर को शुरू हो गई। यह फेरी तमिलनाडु के नागापट्टिनम से श्रीलंका के कांकेसंथुरई (जाफना के पास) के बीच चलेगी। इसमें 150 लोग बैठ सकेंगे।

फेरी सर्विस को भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अच्छी शुरुआत बताया। साथ ही कहा कि हमारा फोकस कनेक्टिविटी, कोऑपरेशन और कॉन्टैक्ट्स पर है। यह हमारी पड़ोसी फर्स्ट पॉलिसी का हिस्सा है। भविष्य में हमारा ग्रिड कनेक्शन, पाइपलाइंस और इकोनॉमिक कॉरिडोर का भी प्लान है। फेरी का शुरू होना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंकाई पीएम रानिल विक्रमसिंघे की सकारात्मक कोशिशों का ही परिणाम है।

भारत ने श्रीलंका को बता दिया था कि वहां रहने वाले तमिल समुदाय की जरूरतों का ध्यान रखा जाएगा, ताकि वे सम्मानजनक जिंदगी जी सकें। इसी साल जुलाई में ही दोनों देशों के नेताओं ने इस पर सहमति जता दी थी।

110 किमी की दूरी करीब साढ़े तीन घंटे में तय करेगी
अफसरों के मुताबिक, फेरी का संचालन भारत का शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया कर रहा है। इसमें 150 यात्री सफर कर सकते हैं। तमिलनाडु के नागापट्टिनम से श्रीलंका के कांकेसंथुरई के बीच की दूरी 60 नॉटिकल मील (110 किमी) है। सामुद्रिक परिस्थितियों के हिसाब से फेरी यह दूरी करीब साढ़े तीन घंटे में तय कर लेगी।

आसान वीजा देकर टूरिज्म बढ़ाना चाहते हैं
जयशंकर ने कहा कि मोदी जाफना पहुंचने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री थे, ये कोई नहीं भूल सकता। उनकी प्रतिबद्धता श्रीलंका में हाउसिंग प्रोजेक्ट्स, कल्चरल सेंटर्स और हॉस्पिटल्स में देखी जा सकती है। हमने क्षेत्र के सभी देशों के विकास के लिए सागर (सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन) पॉलिसी बनाई है। भारतीय विदेश मंत्री ने ये भी कहा कि भारत का मकसद लिविंग का आसान बनाना है। इसके लिए ही फेरी सर्विस शुरू की गई है। एयर कनेक्टिविटी से पहले जरूरी है कि वीजा आसानी से मिले, ताकि पर्यटन बढ़े।

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