0 2024 की शुरुआत में अनमैंड मिशन भेजा जाएगा
मदुरै। इंडियन रिसर्च स्पेस ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) 21 अक्टूबर को गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट भेजेगा। इसके बाद तीन और टेस्ट फ्लाइट भेजी जाएंगी। जिसकी जानकारी इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने दी।
रामेश्वरम में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए सोमनाथ ने मदुरै में मीडिया से बातचीत में कहा कि 21 अक्टूबर को पहली टेस्ट व्हीकल डेवलपमेंट फ्लाइट (टीवी-डी1) के बाद हमने डी2, डी3 और डी4 की प्लानिंग की है।
इस टेस्ट में क्रू मॉड्यूल को आउटर स्पेस में लॉन्च करना, पृथ्वी पर वापस लाना और बंगाल की खाड़ी में टचडाउन के बाद इसे रिकवर करना शामिल है। क्रू मॉड्यूल गगनयान मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों को आउटर स्पेस में ले जाएगा।
अगले साल अनमैन्ड और मैन्ड मिशन लॉन्च करने की योजना
गगनयान मिशन के तहत इसरो ने अगले साल की शुरुआत में गगनयान मिशन का पहला अनमैन्ड मिशन प्लान किया है। अनमैन्ड मिशन के सफल होने के बाद मैन्ड मिशन होगा, जिसमें इंसान स्पेस में जाएंगे।
गगनयान के लिए इसरो ने की थी पैराशूट की टेस्टिंग
इससे पहले इसरो ने गगनयान मिशन के लिए ड्रैग पैराशूट का सफल परीक्षण 8 से 10 अगस्त के बीच चंडीगढ़ में किया था। ये पैराशूट एस्ट्रोनॉट्स की सेफ लैंडिंग में मदद करेगा। यह क्रू मॉड्यूल की स्पीड को कम करेगा, साथ ही उसे स्थिर भी रखेगा। इसके लिए एस्ट्रोनॉट्स की लैंडिंग जैसी कंडीशन्स टेस्टिंग के दौरान क्रिएट की गई थीं।
तीन एस्ट्रोनॉट 400 किमी ऊपर जाएंगे, 3 दिन बाद लौटेंगे
'गगनयान' में 3 दिनों के मिशन के लिए 3 सदस्यों के दल को 400 किमी ऊपर पृथ्वी की कक्षा में भेजा जाएगा। इसके बाद क्रू मॉड्यूल को सुरक्षित रूप से समुद्र में लैंड कराया जाएगा। अगर भारत अपने मिशन में कामयाब रहा तो वो ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। इसे पहले अमेरिका, चीन और रूस ऐसा कर चुके हैं। 12 अप्रैल 1961 को सोवियत रूस के यूरी गागरिन 108 मिनट तक स्पेस में रहे। 5 मई 1961 को अमेरिका के एलन शेफर्ड 15 मिनट स्पेस में रहे। 15 अक्टूबर 2003 को चीन के यांग लिवेड 21 घंटे स्पेस में रहे।
पीएम मोदी ने 2018 में गगनयान मिशन की घोषणा की थी
साल 2018 में पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस भाषण में गगनयान मिशन की घोषणा की थी। 2022 तक इस मिशन को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। हालांकि, कोविड महामारी के कारण इसमें देरी हुई। अब 2024 के अंत या 2025 की शुरुआत तक इसके पूरा होने की संभावना है।
बेंगलुरु में स्थापित ट्रेनिंग फैसिलिटी में एस्ट्रोनॉट की ट्रेनिंग
इसरो इस मिशन के लिए चार एस्टोनॉट्स को ट्रेनिंग दे रहा है। बेंगलुरु में स्थापित एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग फैसिलिटी में क्लासरूम ट्रेनिंग, फिजिकल फिटनेस ट्रेनिंग, सिम्युलेटर ट्रेनिंग और फ्लाइट सूट ट्रेनिंग दी जा रही है। इसरो भविष्य के मानव मिशनों के लिए टीम का विस्तार करने की योजना भी बना रहा है। गगनयान मिशन के लिए करीब 90.23 अरब रुपए का बजट आवंटित किया गया है।