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0 रक्षा मंत्री बोले- भारत आ रहे जहाज के हमलावरों को समुद्र तल से भी खोज निकालेंगे

मुंबई। भारत आ रहे मालवाहक जहाज केम प्लूटो पर 23 दिसंबर को हुए हमले के बाद नौसेना ने अरब सागर में 3 युद्धपोत तैनात कर दिए हैं। इनमें आईएनएस मोरमुगाओ, आईएनएस कोलकाता और आईएनएस कोच्चि शामिल हैं। इसके अलावा लगातार निगरानी और इलाके के बारे में जानकारी बनाए रखने के लिए पी-8आई विमान को भी तैनात किया गया है।

इसके अलावा पश्चिमी नेवल कमांड मैरीटाइम ऑपरेशन सेंटर भी दूसरी एजेंसियों और कोस्ट गार्ड के साथ इलाके में निगरानी करेगा। वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि 23-24 दिसंबर को पहले एम/वी केम प्लूटो और फिर साईबाबा जहाज पर हुए हमलों की जांच की जा रही है। भारत सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया है। इन हमलों के लिए जो भी जिम्मेदार है, उन्हें समुद्र की गहराइयों से भी ढूंढ निकाला जाएगा।

आईएनएस इम्फाल से जुड़े एक इवेंट में रक्षा मंत्री ने कहा कि हमने समुद्री इलाकों में निगरानी बढ़ा दी है। हमले के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई जरूर की जाएगी। दरअसल, 23 दिसंबर को मेंगलुरु आ रहे एक मर्चेंट वेसल केम प्लूटो पर हिंद महासागर में ड्रोन से हमला किया गया था।

केम प्लूटो जहाज सोमवार को मुंबई के तट पर पहुंचा। इसके बाद नौसेना ने इसकी जांच की। उन्होंने बताया कि जहाज पर हमला तब हुआ था जब यह भारत के तट से 400 किमी दूर था। नेवी ने कहा- जहाज पर जो मलबा मिला है, उससे इस बात की पुष्टि होती है कि उस पर ड्रोन से हमला किया गया था।

केम प्लूटो जहाज की होगी फोरेंसिक जांच
इस जहाज पर 21 क्रू मेंबर सवार थे। इनमें से 20 भारतीय और 1 वियतनाम का नागरिक था। जहाज पर फोरेंसिक जांच के जरिए ये पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि हमला कितनी दूरी, कौन से विस्फोटक से किया गया था और ये कितना खतरनाक हो सकता था। जांच पूरी करने के बाद जहाज से सामान को शिफ्ट किया जाएगा। इसके बाद इसे मरम्मत और दोबारा इस्तेमाल के लिए कंपनी को वापस सौंप दिया जाएगा। भारतीय तट रक्षक दल का एक जहाज- आईसीजीएस विक्रम सोमवार को केम प्लूटो को एस्कॉर्ट कर मुंबई लाया था। दरअसल, ड्रोन अटैक से जहाज में आग लगने के बाद इसे ऑपरेट करने में क्रू को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था।

ईरान की जमीन से हमला
अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने रविवार को कहा था कि केम प्लूटो पर ईरान से हमला हुआ था। मैरीटाइम कंपनी ऑम्ब्रे के मुताबिक ये पहला ऐसा हमला है जो सीधे ईरान की तरफ से किया गया है। हालांकि, ईरान ने इस दावे को खारिज कर दिया था। एम/वी केम प्लूटो सऊदी अरब से भारत आ रहा था। इस जहाज पर शनिवार सुबह 10 बजे हमला हुआ था। उस समय जहाज अमेरिका के संपर्क में था। केम प्लूटो जहाज पर जब हमला हुआ, तब यह भारत के समुद्र तट से 370 किलोमीटर की दूरी पर था। इस पर लाइबेरिया का झंडा बना हुआ है। यह जापानी स्वामित्व वाला और नीदरलैंड द्वारा संचालित टैंकर है।

एक दिन में भारतीय क्रू मेंबर्स वाले 2 जहाजों पर हमला
हमले की जानकारी मिलने के बाद नेवी ने शिप को ट्रैक किया था। साथ ही उसे एस्कॉर्ट करने के लिए वॉरशिप भेजा था। एमवी केम प्लूटो पर हुए हमले के बाद शाम को भारतीय क्रू मेंबर्स वाले एक और जहाज पर हमला हुआ। इसमें 25 भारतीय मौजूद थे। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, गेबन फ्लैग वाले ऑयल टैंकर का नाम एम/वी साईबाबा पर ड्रोन से हमला हुआ था। इंडियन नेवी ने बताया था कि सभी लोग सुरक्षित हैं।