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बेंगलुरू। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज विमान बनाने वाली कंपनी बोइंग की दो महत्वपूर्ण पहलों की शुरूआत की जो भारत के एयरोस्पेस तथा रक्षा उद्योग को उन्नत बनाएगी। श्री मोदी ने बोइंग सुकन्या प्रोग्राम को लॉन्च किया जिसका लक्ष्य देश के तेजी से बढ़ते उड्डयन क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा लड़कियों को प्रवेश पाने में सहायता देना है।

यह प्रोग्राम समूचे भारत की लड़कियों तथा महिलाओं को अवसर मुहैया कराएगा। इससे वे विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) जैसे क्षेत्रों में जरूरी कौशल सीख पाएंगी और उन्हें उड्डयन क्षेत्र में प्रशिक्षण पाने का मौका मिलेगा। एसटीईएम में करियर के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए लड़कियों के लिए यह प्रोग्राम योजनाबद्ध स्थानों पर एसटीईएम प्रयोगशालाओं का निर्माण करेगा। यह प्रोग्राम उन महिलाओं को छात्रवृत्ति पाने की भी सुविधा देगा जो पायलट बनने की ट्रेनिंग लेना चाहती हैं। इसमें निवेश से उड़ान प्रशिक्षण पाठ्यक्रम, प्रमाणपत्र प्राप्ति, सिम्युलेटर ट्रेनिंग और कॅरियर डेवलपमेंट प्रोग्राम के लिए वित्तीय सहायता पाने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने आधिकारिक रूप से बेंगलुरू में अत्याधुनिक बोइंग इंडिया इंजीनियरिंग ऐंड टेक्नोलॉजी सेंटर (बीआईईटीसी) कैम्पस खुलने का अभिनन्दन किया। यह 1,600 करोड़ की लागत के साथ 43 एकड़ के परिसर में बना अमेरिका से बाहर बोइंग का सबसे बड़ा निवेश है। वैश्विक एयरोस्पेस तथा रक्षा उद्योग के अगली पीढ़ी के उत्पादों तथा सेवाओं के लिए भारत से साझेदारी की यह आधारशिला बन जाएगी।
इस मौके पर प्रधानमंत्री के साथ कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, बोइंग के मुख्य परिचालन अधिकारी स्टेफनी पोप और बोइंग के अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारी मौजूद थे।
बोइंग के अध्यक्ष एवं सीईओ डेविड एल कैलहून ने कहा “भारत के लिए प्रधानमंत्री की परिवर्तनकारी सोच में अपना सहयोग देते हुए हमें गर्व का अनुभव हो रहा है। साथ ही बोइंग परिसर को एयरोस्पेस नवाचार को बढ़ावा देने के लिए उसे समर्पित करने के लिए भी मैं उनका आभारी हूँ।”
पिछले कई सालों में अमेरिका के बाहर किसी भी देश में बोइंग की यह सबसे बड़ी इंजीनियरिंग एवं आर एंड डी टैलेंट टीम है, जिसमें दिसंबर 2023 तक 6,000 से अधिक लोग काम करते हैं।