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0 कहा-17वीं लोकसभा में पीढ़ियों का इंतजार खत्म हुआ, इसी सदन ने अनुच्छेद 370 हटाया
0 लोकसभा में राम मंदिर निर्माण के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ चर्चा की शुरुआत हुई
0 पीएम मोदी ने 42 मिनट की स्पीच में अपनी सरकार की 5 साल की उपलब्धियां गिनाईं

नई दिल्ली। संसद के बजट सेशन के आखिरी दिन लोकसभा में शनिवार को राम मंदिर निर्माण के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ चर्चा की शुरुआत हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाम को 4:58 बजे बोलने आए और 42 मिनट की स्पीच में अपनी सरकार की 5 साल की उपलब्धियां गिनाईं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछला 5 साल देश के रिफॉर्म, ट्रांसफॉर्म और परफॉर्म का रहा। पीएम ने कोरोना जैसी विपरीत परिस्थिति में संसद की कार्यवाही, पेपरलेस पार्लियामेंट की शुरुआत और 17वीं लोकसभा में 97% प्रोडक्टिविटी की प्रशंसा की।

प्रधानमंत्री ने कोरोना के समय सांसदों के सांसद निधि छोड़ने, सांसदों की 30% सैलरी कटौती, संसद की कैंटीन में समान रेट लागू किए जाने को लेकर सांसदों के सहयोग की भी तारीफ की। उन्होंने कोरोना के दौरान कुछ सांसदों के निधन पर भी दुख जताया।

पीएम मोदी ने नए संसद भवन, सेंगोल की स्थापना, जी-20 के आयोजन पर भी सांसदों के सहयोग की सराहना की। उन्होंने 5 साल के कार्यकाल में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने, अंग्रेजों की दंड संहिता हटाकर न्याय संहिता लाने, तीन तलाक कानून, पेपर लीक-चीटिंग बिल, डेटा प्रोटक्शन बिल, 60 से अधिक गैरजरूरी कानूनों को हटाने की भी चर्चा की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने 16-17 हजार ट्रांसजेंडर्स को आइडेंटिटी दी, पद्म अवॉर्ड दिया। उन्हें पहचान दी। सरकार से जुड़ी योजनाओं का लाभ उन्हें मिलना शुरू हुआ। प्रेग्नेंसी के समय 26 वीक की छुट्टी जैसे फैसलों की चर्चा दुनिया ने की।

मोदी ने अंत में कहा कि राम मंदिर ने देश की भावी पीढ़ियों को देश के मूल्यों पर गर्व करने का मौका दिया। इस विषय पर बोलने में कुछ लोग हिम्मत दिखाते हैं, कुछ मैदान छोड़कर भाग जाते हैं। आज जो व्याख्यान हुए, उसमें संवेदना, सहानुभूति और संकल्प भी है। बुरे दिन कितने भी गए हों, हम भावी पीढ़ी के लिए कुछ ना कुछ करते रहेंगे। सामूहिक संकल्प-शक्ति से परिणाम हासिल करते रहेंगे।

बुरे दिन कितने भी गए हों, हम भावी पीढ़ी के लिए कुछ ना कुछ करते रहेंगे
राम मंदिर ने देश की भावी पीढ़ियों को देश के मूल्यों पर गर्व करने का मौका दिया। इस विषय पर बोलने में कुछ लोग हिम्मत दिखाते हैं, कुछ मैदान छोड़कर भाग जाते हैं। आज जो व्याख्यान हुए, उसमें संवेदना, सहानुभूति और संकल्प भी है। बुरे दिन कितने भी गए हों, हम भावी पीढ़ी के लिए कुछ ना कुछ करते रहेंगे। सामूहिक संकल्प और शक्ति से उत्तम परिणाम हासिल करते रहेंगे।

चुनाव नजदीक हैं, कुछ लोगों को घबराहट रहती होगी
चुनाव बहुत दूर नहीं हैं। कुछ लोगों को घबराहट रहती होगी। यह लोकतंत्र का सहज और आवश्यक पहलू है। हम इसे गर्व से स्वीकार करते हैं। हमारे चुनाव ही देश की शान बढ़ाने वाले हैं। लोकतंत्र की परंपरा पूरे विश्व को अचंभित करने वाली रहेगी। सांसदों से मिले सहयोग, निर्णय कर पाए। कभी कभी हमले भी ऐसे हुए कि भीतर की शक्ति निखर आई। मेरा तो ऐसा ही रहा है चुनौती मिली तो और अच्छे से सामने आए।

लोकतंत्र और भारत की यात्रा अनंत है
विकट काल में हमारा समय गया, क्योंकि डेढ़-दो साल कोविड ने दबाव डाला। इस समय हमने कई साथियों को खो दिया। हो सकता है कि वो हमारे बीच मौजूद रहते। इसका दुख हमें हमेशा रहेगा। ये अंतिम संत्र और अंतिम घंटा है। लोकतंत्र और भारत की यात्रा अनंत है। ये देश किसी मकसद के लिए है। ये पूरी मानव जाति के लिए है। ऐसे ही अरविंदो, स्वामी विवेकानंद ने भी देखा था। उस विजन में जो सामर्थ्य था वो आज हम आंखों के सामने देख पा रहे हैं।

ट्रांसजेंडर्स को आइडेंटिटी दी
कोर्ट के चक्कर से बचाने के लिए मध्यस्थता कानून की दिशा में भी सांसदों ने भूमिका अदा की। हमेशा हाशिया पर थे, जिन्हें कोई पूछता नहीं था। सरकार होने का उनको अहसास हुआ है। जब कोविड में मुफ्त इंजेक्शन मिलता था तो उसे भरोसा होता था जान बच गई। सरकार होने का उसे अहसास होता था। ट्रांसजेंडर अपमानित महसूस करता था, बार-बार ऐसा होता था तो विकृतियों की आशंका बढ़ती थी। इनके प्रति भी संवेदना जताई। 16-17 हजार ट्रांसजेंडर्स को आइडेंटिटी दी, पद्म अवॉर्ड दिया। उन्हें पहचान दी। सरकार से जुड़ी योजनाओं का लाभ उन्हें मिलना शुरू हुआ। दुनिया हमारे निर्णयों की चर्चा करती है। प्रेग्नेंसी के समय 26 वीक की छुट्टी की चर्चा दुनिया के समृद्ध देशों को भी आश्चर्यचकित करते हैं।

60 से अधिक गैरजरूरी कानूनों को हमने हटाया है
कंपनीज एक्ट, लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप एक्ट, 60 से अधिक गैरजरूरी कानूनों को हमने हटाया है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए इसकी जरूरी थी। कई कानून ऐसे थे कि छोटे-छोटे वजह से लोगों को जेल में डाल दो। कंपनी है और बाथरूम 6 महीने में व्हाइट वाश नहीं कराया तो जेल में डाल दो। ये जो नागरिक पर भरोसा करने का काम था, ये लोकसभा ने किया। जनविश्वास एक्ट 180 से ज्यादा प्रावधान डीक्रिमिनलाइज करने का काम किया।

देश ने जो आर्थिक रीफॉर्म किए हैं, उनमें सभी सांसदों की भूमिका रही
देश ने जो आर्थिक रीफॉर्म किए हैं, उनमें सभी सांसदों की भूमिका रही। बीते वर्षों में हजारों कम्पलाएंसेस से बेवजह जनता जनार्दन को ऐसी चीजों में उलझाए रखा, उसमें से मुक्ति दिलाने का काम हुआ है। सामान्य व्यक्ति इसके बोझ में दब जाता है। लोगों की जिंदगी में से जितना जल्द सरकार निकल जाए, उतना लोगों का जीवन अच्छा होगा। रोजमर्रा की जिंदगी में हर कदम पर सरकार टांग क्यों अड़ाए। सरकार का प्रभाव उसकी जिंदगी को ही प्रभावित कर दे, ऐसा लोकतंत्र नहीं हो सकता है।

स्पेस की दिशा में महत्वपूर्ण काम हुए
जल-थल-नभ सदियों से इन पर चर्चा चली है। आज समुद्री शक्ति और स्पेस की शक्ति और साइबर की शक्ति। इनका मुकाबला करने की जरूरत उठ खड़ी हुई है। यहां हमें सामर्थ्य पैदा करना है और नकारात्मक शक्तियों का सामाना करना है। स्पेस की दिशा में ऐसा काम हुआ है।

21वीं सदी में हमारी बेसिक नीड्स पूरी तरह बदल रही है
21वीं सदी में हमारी बेसिक नीड्स पूरी तरह बदल रही है, कल तक जिसका मूल्य नहीं था वो आने वाले समय में अमूल्य बन गया है। जैसे डेटा, हमने डेटा प्रोटक्शन बिल लाकर पूरी भावी पीढ़ी को सुरक्षित कर दिया है। वो भविष्य को बनाने के लिए सही इस्तेमाल करेंगे। डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोडक्शन एक्ट बनाया। डाटा का उपयोग कैसे हो, उसकी भी गाइडलाइन उसमें हैं। जिस डेटा को लोग गोल्ड माइन कहते हैं, वो सामर्थ्य भारत को प्राप्त होगा। सिर्फ हमारे रेलवे पैसेंजर्स का डेटा दुनिया के लिए संशोधन का विषय बन सकता है।

पेपरलीक जैसी समस्या के लिए कठोर कानून बनाए हैं
5 साल में युवाओं के लिए कानून बने। पेपरलीक जैसी समस्या के लिए कठोर कानून बनाए हैं। युवाओं को व्यवस्था के प्रति गुस्सा था, उसे एड्रेस करने का सभी सांसदों ने महत्वपूर्ण फैसला किया है। ये बात सही है कि कोई भी मानव जाति अनुसंधान के बिना नहीं चल सकती है। मानव जाति का लाखों साल का इतिहास गवाह है कि हर काल में अनुसंधान होते रहे हैं, जीवन का विस्तार होता गया है। सदन ने विधिवत रूप से कानूनी व्यवस्था खड़ी कर अनुसंधान को प्रोत्साहन देने का काम किया। नेशनल रिसर्च फाउंडेशन के परिणाम दूरगामी होंगे।

आने वाले 25 साल महत्वपूर्ण, देश इच्छित परिणाम हासिल करेगा
आने वाले 25 साल महत्वपूर्ण हैं। राजनीति अपनी जगह है, राजनीतिक लोगों की आशाएं अलग हैं। देश की आकांक्षा, संकल्प बना चुका है। 25 साल वो हैं, जब देश इच्छित परिणाम हासिल करेगा। 1930 में दांडी यात्रा शुरू थी, तब ये घटना छोटी थी। 1947 तक 25 साल के कालखंड ने हर व्यक्ति के दिल में जज्बा पैदा करर दिया था कि मैं आजाद हूंगा। आज देश में वो जज्बा दिख रहा है कि 25 साल में विकसित भारत बनकर दिखाएंगे। हममें से कोई ऐसा नहीं होगा, जिसका सपना यही होगा। कुछ लोगों ने इसे संकल्प बना लिया है, जो नहीं जुड़ पाएंगे और जीवित होंगे, वो इसका फल तो जरूर खाएंगे।

मुस्लिम बहनों को तीन तलाक से मुक्ति इसी सदन ने दिया
कितने उतार-चढ़ाव से मुस्लिम बहनें इंतजार कर रही थीं तीन तलाक का। इससे मुक्ति और नारी सम्मान का कार्य 17वीं लोकसभा ने किया। सभी सांसदों के विचार कुछ भी रहे हों, लेकिन ये कहेंगे कि न्याय करने के मौके पर हम मौजूद थे। वो बहनें हमें आशीर्वाद दे रही हैं।