0 पीएम मोदी ने 41 हजार करोड़ रुपए से अधिक की दो हजार से ज़्यादा रेल परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन एवं लोकार्पण किया
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि रेलवे के कायाकल्प अभियान शुरू हो चुका है और उनके तीसरे कार्यकाल में भारतीय रेलवे के विकास का स्केल एवं स्पीड अभूतपूर्व होगी।
श्री मोदी ने सोमवार को वीडियो लिंक के माध्यम से 41 हजार करोड़ रुपए से अधिक की दो हजार से ज़्यादा रेल परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन एवं लोकार्पण किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि आज भारत जो करता है, अभूतपूर्व स्पीड (रफ्तार) से करता है। आज भारत जो करता है, अभूतपूर्व स्केल (कौशल) से करता है। आज के भारत ने छोटे-छोटे सपने देखना छोड़ दिया है। हम बड़े सपने देखते हैं और उन्हें पूरा करने के लिए दिन रात एक कर देते हैं। यही संकल्प इस विकसित भारत-विकसित रेलवे कार्यक्रम में दिख रहा है।
उन्होंने कहा कि आज एक साथ रेलवे से जुड़ी 2000 से अधिक परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। अभी तो इस सरकार के तीसरे टर्म की शुरुआत जून महीने से होने वाली है। अभी से जिस स्केल पर काम होना शुरू हो गया है, जिस स्पीड पर काम होना शुरू हो गया है, वो सबको हैरत में डालने वाला है। उन्होंने कहा, “कुछ दिन पहले मैंने जम्मू से एक साथ (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईटी-आईआईएम) जैसे दर्जनों बड़े शिक्षा संस्थानों का लोकार्पण किया। कल ही मैंने राजकोट से एक साथ पांच एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) और अनेक मेडिकल संस्थानों का लोकार्पण किया। अब आज का ये कार्यक्रम है, आज 27 राज्यों के, करीब 300 से अधिक जिलों में साढ़े 500 से ज्यादा रेलवे स्टेशनों के कायाकल्प का शिलान्यास हुआ है। आज उत्तर प्रदेश के जिस गोमतीनगर रेलवे स्टेशन का लोकार्पण हुआ है, वो वाकई कमाल का दिखता है। इसके अलावा आज, 1500 से ज्यादा रोड, ओवरब्रिज, अंडरपास इसकी परियोजनाएं भी इसमे शामिल हैं। 40 हज़ार करोड़ रुपए की ये परियोजनाएं, एक साथ जमीन पर उतर रही हैं। कुछ महीने पहले ही हमने अमृत भारत स्टेशन योजना की शुरुआत की थी। तब भी 500 से अधिक स्टेशनों के आधुनिकीकरण पर काम शुरु हुआ था। अब ये कार्यक्रम इसे और आगे बढ़ा रहा है। ये दिखाता है कि भारत की प्रगति की रेल किस गति से आगे बढ़ रही है। मैं देश के विभिन्न राज्यों को, वहां के सभी मेरे नागरिक भाई बहनों को अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आज विशेष रूप से अपने युवा साथियों को बहुत-बहुत बधाई देना चाहता हूं। मोदी जब विकसित भारत की बात करता है, तो इसके सूत्रधार और सबसे बड़े लाभार्थी, देश के युवा ही हैं। आज की इन परियोजनाओं से देश के लाखों नौजवानों को रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर मिलेंगे। आज रेलवे का जो ये कायाकल्प हो रहा है, ये उन साथियों को भी लाभ देगा, जो स्कूल-कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं। ये कायाकल्प उनके भी बहुत काम आएगा, जो 30-35 वर्ष से कम आयु के हैं। विकसित भारत, युवाओं के सपनों का भारत है। इसलिए विकसित भारत कैसा होगा, ये तय करने का सबसे अधिक हक वो भी उन्हीं को है।
उन्होंने इस बात पर संतोष जताया कि देशभर के हज़ारों विद्यार्थियों ने अलग-अलग स्पर्धाओं के माध्यम से विकसित भारत के रेलवे का सपना सामने रखा। इनमें से अनेक युवा साथियों को पुरस्कार भी मिले हैं। उन्होंने इन युवाओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मैं देश के हर नौजवान को बताना चाहता हूं कि आपका सपना ही मोदी का संकल्प है। आपका सपना, आपकी मेहनत और मोदी का संकल्प, यही विकसित भारत की गारंटी है।
श्री मोदी ने कहा कि ये जो अमृत-भारत स्टेशन हैं, विरासत और विकास, दोनों के प्रतीक होंगे। जैसे ओडिशा के बालेश्वर रेलवे स्टेशन को भगवान जगन्नाथ मंदिर की थीम पर डिजाइन किया गया है। सिक्किम के रंगपो रेलवे स्टेशन पर आप लोगों को स्थानीय वास्तुकला का प्रभाव दिखेगा। राजस्थान का सांगनेर रेलवे स्टेशन, 16वीं शताब्दी की हैंड-ब्लॉक प्रिंटिंग को दर्शाता है। तमिलनाडु के कुंभकोणम स्टेशन का डिजाइन चोल काल की वास्तुकला पर आधारित है। अहमदाबाद रेलवे स्टेशन, मोढेरा सूर्य मंदिर से प्रेरित है। गुजरात में द्वारका का स्टेशन, द्वारकाधीश मंदिर से प्रेरित है। आइटी सिटी गुड़गांव का रेलवे स्टेशन, आईटी के लिए ही समर्पित होगा। यानि अमृत भारत स्टेशन, उस शहर की विशेषता से दुनिया को परिचित कराएगा। इन स्टेशनों के निर्माण में दिव्यांगों और बुजुर्गों, उनकी सुविधा का भी विशेष ध्यान रखा गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 10 वर्षों में हम सभी ने एक नया भारत बनते देखा है। और रेलवे में तो परिवर्तन साक्षात हम अपनी आंखों के सामने देख रहे हैं। जिन सुविधाओं की हमारे देश के लोग कल्पना किया करते थे, लोगों को लगता था कि काश भारत में ये होता तो, लेकिन अब देखिए जो कभी आप कल्पना में सोचते थे आज हम आंखों के सामने होते हुआ देख रहे हैं। एक दशक पहले तक, वंदे भारत जैसी आधुनिक, सेमी-हाईस्पीड ट्रेन के बारे में कभी सोचा था, सुना था, किसी सरकार ने कभी बोला भी था। एक दशक पहले तक, अमृत भारत जैसी आधुनिक ट्रेन की कल्पना बहुत मुश्किल थी। एक दशक पहले तक, नमो भारत जैसी शानदार रेल सेवा के बारे में किसी ने कभी सोचा नहीं था। एक दशक पहले तक, विश्वास ही नहीं हो पाता था कि भारतीय रेल का इतनी तेज़ी से बिजलीकरण होगा। एक दशक पहले तक, ट्रेन में स्वच्छता, स्टेशन पर सफाई, ये तो बहुत बड़ी बात मानी जाती थी। आज ये सब रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गए हैं।
उन्होंने कहा कि एक दशक पहले तक, मानवरहित फाटक भारतीय रेल की एक पहचान बन चुकी थी, एक आम तस्वीर थी। आज ओवरब्रिज, अंडरब्रिज से बे-रोकटोक और दुर्घटना रहित आवाजाही सुनिश्चित हुई है। एक दशक पहले तक, लोगों को लगता था कि एयरपोर्ट जैसी आधुनिक सुविधाएं सिर्फ पैसे वालों के ही भाग्य में है। आज गरीब और मिडिल क्लास के लोग रेलवे स्टेशन पर भी एयरपोर्ट पर जैसी सुविधा होती है ना वो सुविधा रेलवे में सफर करने वाले गरीब भाई-बहन भी उसका लाभ ले रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दशकों तक रेलवे को हमारे यहां की स्वार्थ भरी राजनीति का शिकार होना पड़ा, लेकिन अब भारतीय रेलवे, देशवासियों के लिए आसान यात्रा का मुख्य आधार बन रही है। जिस रेलवे के हमेशा घाटे में होने का रोना रोया जाता था, आज वो रेलवे परिवर्तन के सबसे बड़े दौर से गुजर रही है। ये सब कुछ आज इसलिए हो रहा है क्योंकि भारत 11वें नंबर से छलांग लगाकर 5वें नंबर की अर्थव्यवस्था बना। 10 साल पहले जब हम 11वें नंबर पर थे, तब रेलवे का औसत बजट, 45 हज़ार करोड़ रुपए के आसपास रहता था। आज जब हम 5वें नंबर की आर्थिक ताकत हैं, तो इस वर्ष का रेल बजट, ढाई लाख करोड़ रुपए से अधिक का है। आप कल्पना कीजिए, जब हम दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक महाशक्ति बनेंगे, तो हमारा सामर्थ्य कितना अधिक बढ़ेगा। इसलिए मोदी भारत को जल्द से जल्द दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए जी-जान से जुटा हुआ है।
श्री मोदी ने भ्रष्टाचार का उल्लेख करते हुए कहा कि नदी-नहर में पानी चाहे कितना भी क्यों न हो, अगर मेढ़ टूटी हुई हो तो किसान के खेत तक बहुत ही कम पानी पहुंचेगा। इसी तरह बजट चाहे कितना भी बड़ा हो, अगर घोटाले होते रहें, बेईमानी होती रहे, तो जमीन पर उस बजट का असर कभी नहीं दिखता। बीते 10 वर्षों में हमने बड़े-बड़े घोटालों को, सरकारी पैसे की लूट को बचाया है। इसलिए बीते 10 वर्षों में नई रेलवे लाइन बिछाने की गति दोगुनी हुई। आज जम्मू-कश्मीर से लेकर नॉर्थ ईस्ट तक, ऐसे स्थानों तक भी भारतीय रेल पहुंच रही है, जहां लोगों ने कभी कल्पना भी नहीं की थी। ईमानदारी से काम हुआ, तभी ढाई हज़ार किलोमीटर से अधिक के डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का काम हुआ है। यानि आपने टैक्स के रूप में, टिकट के रूप में जो पैसा दिया, उसकी पाई-पाई आज रेल यात्रियों के हित में ही लग रही है। हर रेल टिकट पर भारत सरकार करीब-करीब 50 प्रतिशत छूट देती है।
श्री मोदी ने कहा कि जैसे बैंक में जमा पैसे पर ब्याज़ मिलता है, वैसे ही बुनियादी ढांचे पर लगी हर पाई से कमाई के नए साधन बनते हैं, नए रोजगार बनते हैं। जब नई रेल लाइन बिछती है, तो मजदूर से लेकर इंजीनियर तक अनेक लोगों को रोजगार मिलता है। सीमेंट, स्टील, ट्रांसपोर्ट जैसे अनेक उद्योगों, दुकानों में नई नौकरियों की संभावनाएं बनती हैं। यानि आज जो ये लाखों करोड़ रुपए का निवेश हो रहा है, ये हज़ारों प्रकार के रोजगार की गारंटी भी है। जब स्टेशन बड़े और आधुनिक होंगे, ज्यादा ट्रेनें रुकेंगी, ज्यादा लोग आएंगे, तो आसपास रेहड़ी-पटरी वालों को भी इससे फायदा होगा। हमारी रेल, छोटे किसानों, छोटे कारीगरों, हमारे विश्वकर्मा साथियों के उत्पादों को बढ़ावा देने वाली है। इसके लिए वन स्टेशन वन प्रोडक्ट योजना के तहत स्टेशन पर विशेष दुकानें बनाई गई हैं। हम रेलवे स्टेशनों पर हजारों स्टॉल लगाकर उनके उत्पाद बेचने में भी मदद कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने रेलवे के कायाकल्प अभियान की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारतीय रेल यात्री की सुविधा ही नहीं है, बल्कि देश की खेती और औद्योगिक प्रगति का भी सबसे बड़ा वाहक है। रेल की गति तेज़ होगी, तो समय बचेगा। इससे दूध, मछली, फल, सब्ज़ी, ऐसे अनेक उत्पादन तेज़ी से मार्केट पहुंच पाएंगे। इससे उद्योगों की लागत भी कम होगी। इससे मेक इन इंडिया को, आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति मिलेगी। आज पूरी दुनिया में भारत को निवेश के लिए सबसे आकर्षक माना जा रहा है। इसका एक बड़ा कारण ये आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर भी है। आने वाले 5 वर्षों में जब ये हज़ारों स्टेशन आधुनिक हो जाएंगे, भारतीय रेल की क्षमता बढ़ जाएगी, तो निवेश की एक और बहुत बड़ी क्रांति आएगी।