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0 दो दिन पहले 1823 करोड़ का नोटिस भेजा था
0 आयकर विभाग ने कुल 3567 करोड़ रुपए की देनदारी निकाली

नई दिल्ली। कांग्रेस को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने नया नोटिस दिया है। इसमें 2014 से 2017 के लिए 1745 करोड़ रुपए के टैक्स की डिमांड की गई है। इस नए नोटिस के साथ कांग्रेस पर टैक्स डिमांड बढ़कर 3567 करोड़ रुपए हो गई है।

न्यूज एजेंसी के मुताबिक 2014-15 के लिए 663 करोड़ रुपए, 2015-16 के लिए 664 करोड़ रुपए और 2016-17 के लिए 417 करोड़ रुपए का टैक्स डिमांड नोटिस कांग्रेस को भेजा गया है। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का दावा है कि आईटी विभाग ने राजनीतिक दलों को मिलने वाली टैक्स रिबेट खत्म कर दी है और पूरे कलेक्शन के लिए पार्टी पर टैक्स लगा दिया है। रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि जांच एजेंसी ने छापे में कांग्रेसी नेताओं से जब्त डायरियों की थर्ड पार्टी को लेकर हुई एंट्रीज पर भी टैक्स लगाया है।

दो दिन पहले मिला था 1800 करोड़ का नोटिस
कांग्रेस को 2 दिन पहले यानी 29 मार्च को ही शुक्रवार को आयकर विभाग से पहला नोटिस मिला था। जिसमें करीब 1823 करोड़ रुपए का भुगतान करने कहा गया है। यह डिमांड नोटिस 2017-18 से 2020-21 के लिए है। इसमें जुर्माने के साथ ब्याज भी शामिल हैं। कांग्रेस के सीनियर नेता विवेक तन्खा ने एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा- पागलपन की पराकाष्ठा है। पिछले 3 दिनों में कांग्रेस पर 3567.33 करोड़ रुपए के एस्ट्रोनॉमिकल फिगर से टैक्स की मांग हुई है। कांग्रेस मुक्त भारत के भाजपा मिशन के लिए उनके निष्ठावान राजस्व विभाग के अधिकारियों को धन्यवाद। लेकिन ये याद रखें, भारतीय मतदाताओं ने कभी भी निरंकुश आचरण का समर्थन नहीं किया है। विपक्षी दलों के बिना कोई भी लोकतंत्र संभव नहीं है। टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने पिछले सालों से जुड़ी टैक्स डिमांड के लिए पार्टी के खातों से 135 करोड़ रुपए पहले ही वसूल कर लिए हैं। हालांकि कांग्रेस ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है, जिस पर सोमवार को सुनवाई हो सकती है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था-खातों में कई लेन-देन बेहिसाब थे
कांग्रेस ने चार साल (2017-18, 2018-19, 2019-20 और 2020-21) के लिए इनकम टैक्स रीअसेसमेंट प्रोसिडिंग शुरू करने के खिलाफ याचिका दायर की थी। दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस यशवंत वर्मा और जस्टिस पुरुषेंद्र कौरव की बेंच ने 28 मार्च को याचिका खारिज करते हुए कहा था कि कांग्रेस के खातों में कई बेहिसाब लेनदेन थे। इनकम टैक्स अधिकारियों के पास टैक्स असेसमेंट पर एक्शन लेने के लिए ठोस सबूत थे, इसलिए एक्शन लिया गया है। कांग्रेस ने दिल्ली हाईकोर्ट में यह याचिका चार साल (2017-18, 2018-19, 2019-20 और 2020-21) के लिए इनकम टैक्स रीअसेसमेंट प्रोसीडिंग शुरू करने के खिलाफ दायर की थी। इससे पहले भी कांग्रेस ने 2014-15 से 2016-17 तक असेसमेंट प्रोसीडिंग को चुनौती दी थी। उसे भी कोर्ट ने खारिज कर दिया था।

3 याचिकाएं पहले भी खारिज हो चुकीं
25 मार्च को भी कोर्ट ने कांग्रेस की तीन याचिकाएं यह कहते हुए खारिज कर दी थीं कि कांग्रेस ने मूल्यांकन पूरा होने का समय खत्म होने से कुछ दिन पहले और प्रोसिडिंग के लास्ट स्टेज में कोर्ट में अपील करने का विकल्प चुना है। 8 मार्च को कोर्ट ने इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल (आईटीएटी) के आदेश को बरकरार रखा था। ट्रिब्यूनल ने 2018-19 के लिए 100 करोड़ रुपए से ज्यादा के बकाया टैक्स की वसूली के लिए कांग्रेस को जारी डिमांड नोटिस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।