
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों के साथ अशोभनीय व्यंग्यचित्र बनाने के मामले में आरोपी हेमंत मालवीय की अंतरिम जमानत की मांग वाली याचिका पर 14 जुलाई को सुनवाई करेगा।
न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की अंशकालीन कार्य दिवस पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर के मामले पर शीघ्र सुनवाई का अनुरोध आज स्वीकार करते हुए इस मामले को सोमवार के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।
इंदौर के व्यंग्यचित्रकार हेमंत ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के तीन जुलाई के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती देते हुए राहत की गुहार लगाई है।
उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर की एकल पीठ ने अपने फैसले में कहा था कि हेमंत ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया है। उन्हें संबंधित व्यंगचित्र बनाते समय अपने विवेक का इस्तेमाल करना चाहिए था। उच्च न्यायालय ने हेमंत को हिरासत में लेकर पूछताछ का आदेश दिया था।
हेमंत ने उच्च न्यायालय से राहत न मिलने पर शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया और याचिका दायर करके कहा कि हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता लगभग दंडात्मक लगती है, न कि ठोस जांच आवश्यकताओं या उद्देश्य पर आधारित।