0 सोनिया, राहुल, खड़गे घोर सांप्रदायिक, सनातन मिटाने की विचारधारा को समर्पित : अनिल शर्मा
नई दिल्ली। अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रवक्ता गौरव वल्लभ, बिहार प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा और राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता उपेन्द्र प्रसाद ने आज यहां भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
भाजपा के केन्द्रीय कार्यालय में पार्टी महासचिव विनोद तावड़े तथा राष्ट्रीय मीडिया सह प्रभारी संजय मयूख ने तीनों नेताओं को सदस्यता पर्ची एवं गुलदस्ता देकर पार्टी में स्वागत किया। श्री तावड़े ने तीनों नेताओं का स्वागत करते हुए कहा कि कांग्रेस अपना अस्तित्व खुद ही नष्ट करने पर तुली हुई है। बिहार में कांग्रेस ने प्रदेश के नेतृत्व से पूछे बिना कुछ ऐसे निर्णय थोपें हैं जिनसे कांग्रेस के कार्यकर्ता निराश हैं। महागठबंधन की शक्ति रहे बिहार के दोनों नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प से जुड़ गये हैं। उनकी योग्यता, क्षमता एवं प्रतिभा का उपयोग करते हुए विकसित भारत के अभियान को अधिक गति मिलने की आशा है।
इस अवसर पर गौरव वल्लभ ने कहा कि कांग्रेस ने श्रीराम मंदिर में प्राणप्रतिष्ठा के निमंत्रण को अस्वीकार करके ठीक नहीं किया। दिन रात देश के लिए पूंजी एवं संपत्ति निर्माण करने वाले उन उद्योगपतियों को गाली देना कतई उचित नहीं है जिन्हें पूर्व प्रधानमंत्री मनमाेहन सिंह की नीतियों के कारण आगे आने का मौका मिला है। गलत नीतियों के कारण मुद्दों को गलत ढंग से लिया जा रहा है। सनातन धर्म को गाली देने के मुद्दे पर कांग्रेस के बड़े बड़े नेताओं का चुपचाप बैठ जाना घोर आपत्तिजनक है। राजनीतिक पार्टियां विचारधारा के आधार पर चलतीं हैं लेकिन कांग्रेस व्यक्तिगत विरोध पर चल रही है जहां नयी सोच के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि वह भाजपा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत को विकसित बनाने में अपना हरसंभव योगदान देंगे।
अनिल कुमार शर्मा ने कांग्रेस के नेतृत्व पर करारा हमला बोला और कहा कि कांग्रेस पार्टी सांप्रदायिक दृष्टिकोण वाले नेताओं के चंगुल में फंस गयी है। खुद को सेकुलर कहने वाले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी घोर सांप्रदायिक सोच वाले नेता हैं। इसका प्रमाण है कि इन नेताओं ने अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्राणप्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को ठुकरा दिया लेकिन इटली में राेम में जब मदर टेरेसा का सेंटहुड कार्यक्रम हुआ था तो कांग्रेस के दो ईसाई नेताओं को अपना विशेष प्रतिनिधि बना कर भेजा था। उन्होंने कहा कि श्री खड़गे इस कदर पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं कि वह अपने भाषणों में कहते हैं कि अगर श्री नरेन्द्र मोदी सत्ता में आते हैं तो सनातन आ जाएगा। इससे स्पष्ट है कि दोनों नेताओं की मन:स्थिति घोर सांप्रदायिक एवं सनातन विरोधी है।
श्री शर्मा ने कहा कि श्री राहुल गांधी कहते हैं कि वह विचारधारा की लड़ाई लड़ रहे हैं। वह सचमुच विचारधारा की लड़ाई लड़ रहे हैं। दरअसल इस देश में दो तरह की विचारधाराएं हैं - एक सनातन धर्म को मिटाने वाली और दूसरी सनातन धर्म को बचाने वाली। श्री राहुल गांधी सनातन को मिटाने वाली विचारधारा के लिए लड़ रहे हैं। श्री गांधी कहते हैं कि वह मोहब्बत की दुकान लगाते हैं। जहां शांति एवं सद्भाव से लोग रह रहे हैं, वहां मोहब्बत की दुकान की जरूरत नहीं है, बल्कि उन्हें ऐसी जगह दुकान लगानी चाहिए जहां नफरत एवं हिंसा है। उन्होंने कहा कि भारत की आत्मा सनातन ही है। यदि सनातन नहीं हो तो भारत एक निष्प्राण, निर्जीव देश रह जाएगा।
श्री उपेन्द्र प्रसाद ने कहा कि उन्होंने अपनी राजनीति भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर की छत्रछाया में उनकी प्रेरणा से शुरू की थी और डॉ. राममनोहर लोहिया का अनुसरण किया था। डॉ. लोहिया ने परिवारवाद एवं भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया था। कर्पूरी ठाकुर के बाद बिहार में श्री लालू प्रसाद यादव एवं उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव ने परिवार वाद एवं भ्रष्टाचार को इस कदर बढ़ावा दिया कि समाजवाद नष्ट हो गया। इन दोनों नेताओं के कारण ही भारत में समाजवाद को आघात पहुंचा है। लालू यादव चुनावों में टिकटों का सौदा कर रहे हैं। इतनी गिरावट पहले कभी, कहीं नहीं देखी थी।
इस मौके पर श्री तावड़े ने कहा कि कांग्रेस में नारीशक्ति का सम्मान नहीं है। एक तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मंच पर सबके सामने किसी साधारण बुज़ुर्ग महिला के पैर छूने में संकोच नहीं होता है, वहीं कांग्रेस महिलाओं को अपमानित करने से बाज़ नहीं आती है। श्री तावड़े ने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने प्रधानमंत्री श्री मोदी का सिर फोड़ने की बात कही है। कांग्रेस नेता को समझना चाहिए कि देश की जनता श्री मोदी को चाहती है। उन पर लाठी उठाने वालों का जनता क्या हाल करेगी, उन्हें ये सोचना चाहिए। कच्छतिवू द्वीप के मामले में कांग्रेस के सहयोगी भी कहने लगे हैं कि कांग्रेस ने तमिलनाडु के साथ धोखा किया है।