नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के उद्देश्य से चुनाव आयोग ने शुक्रवार को 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के नगर निगम आयुक्तों और जिला चुनाव अधिकारियों (डीईओ) के साथ बैठक की और पिछले चुनावों के दौरान कम मतदान प्रतिशत होने को लेकर गहन विचार-विमर्श किया।
मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने बैठक के दौरान निगम आयुक्तों और जिला चुनाव अधिकारियों से ऐसा माहौल बनाने को कहा जिससे लोग मतदान करने के लिये स्वत: प्रेरित हो सकें। आयोग ने एक बयान में कहा कि अधिकतर शहरों से आये निगम आयुक्त और बिहार और उत्तर प्रदेश से चुनिंदा जिला चुनाव अधिकारियों ने चिह्नित शहरी और ग्रामीण पंचायत केन्द्रों (पीसीएस) में मतदाता भागीदारी बढ़ाने की दिशा में विचार-विमर्श किया गया।
बैठक में आवश्यक चुनाव संदेशों वाले सार्वजनिक परिवहन और स्वच्छता वाहनों को चलाने सहित अभिनव मतदाता जागरूकता अभियानों की कड़ी बनाने, व्यापक प्रसार के लिये उपयोगिता बिलों में मतदाता जागरूकता संदेशों को शामिल करने, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) और मतदाता जागरूकता मंचों के साथ सहयोग करना और विभिन्न प्लेटफार्मों का उपयोग करना शामिल है। सम्मेलन में ईसीआई द्वारा मतदाता शिक्षा सामग्री के प्रसार के लिये होर्डिंग्स, डिजिटल स्पेस, कियोस्क और कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) और अन्य योजनाओं की भी रूपरेखा तैयार की गयी।
श्री कुमार ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा, “ कम मतदाता मतदान वाले 215 ग्रामीण और 51 शहरी सहित कुल 266 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों की पहचान की गयी है और लक्षित तरीके से मतदाताओं तक पहुंचने के तरीके खोजने के लिये सभी संबंधित नगर निगम आयुक्तों, डीईओ और राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी को आज बुलाया गया है। ”
उन्होंने कहा कि मतदान केंद्रों पर कतार लगने पर सुव्यवस्थित प्रबंधन, भीड़भाड़ वाले इलाकों में पार्किंग, लक्षित पहुंच बनाने और संचार जैसी सुविधा प्रदान करने और लोगों को मतदान केंद्रों पर आने के लिये मनाने के वास्ते आवासीय कल्याण समिति (आरडब्ल्यूए) और युवा प्रभावशाली लोगों तथा महत्वपूर्ण हितधारकों की भागीदारी की तीन-स्तरीय रणनीति पर जोर दिया है।
श्री राजीव कुमार ने चुनावों में मतदाताओं की भागीदारी के लिये बूथ-वार कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया। उन्होंने सभी निगम आयुक्त और जिला चुनाव अधिकारी को शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिये अलग-अलग रणनीति तैयार करने को भी कहा। उन्होंने अधिकारियों से इस तरह से कार्य करने का आग्रह किया, जिससे मतदाताओं में लोकतांत्रिक कार्यक्रमों में शामिल होने पर गर्व हो और ऐसा माहौल बनाने का आह्वान किया जिससे लोग मतदान करने के लिये स्वयं-प्रेरित हों।
श्री कुमार ने कहा कि 11 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों जैसे बिहार, उत्तर प्रदेश, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, तेलंगाना, गुजरात, पंजाब, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर और झारखंड में 2019 के आम चुनावों में मतदान प्रतिशत राष्ट्रीय औसत 67.40 प्रतिशत से कम रहा था। उन्होंने कहा कि 2019 में राष्ट्रीय औसत से कम मतदान वाले 11 राज्यों के कुल 50 ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्रों में से 40 निर्वाचन क्षेत्रों में 22 निर्वाचन क्षेत्र उत्तर प्रदेश और 18 निर्वाचन क्षेत्र बिहार से हैं। उत्तर प्रदेश में 51-फूलपुर संसदीय क्षेत्र में सबसे कम 48.7 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि बिहार में 29-नालंदा संसदीय क्षेत्र में सबसे कम 48.79 प्रतिशन मतदान हुआ था। इस बैठक की अध्यक्षता मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू ने की।