0 19 अप्रैल को राज्य की 2 सीटों पर 72% मतदान हुआ था
नई दिल्ली/इम्फाल। मणिपुर में इनर मणिपुर लोकसभा क्षेत्र के 11 मतदान केंद्रों पर 22 अप्रैल को फिर से वोटिंग होगी। चुनाव आयोग ने शनिवार (20 अप्रैल) को इसे लेकर आदेश जारी किया। इन बूथों पर 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के फर्स्ट फेज में वोटिंग के दौरान हिंसा और तोड़फोड़ हुई थी।
जिन 11 बूथों पर दोबारा वोटिंग होगी, उसमें साजेब, खुरई, थोंगम, लेइकाई बामन कंपू (नॉर्थ-ए), बामन कंपू (नॉर्थ-बी), बामन कंपू (साउथ-वेस्ट), बामन कंपू (साउथ-ईस्ट), खोंगमान जोन-V(ए), इरोइशेम्बा, इरोइशेम्बा ममांग लेइकाई, इरोइशेम्बा मयाई लेइकाई और खैदेम माखा शामिल हैं।
19 अप्रैल को दोनों सीटों पर 72 फीसदी वोटिंग हुई
हिंसा प्रभावित मणिपुर की दोनों लोकसभा सीट- इनर और आउटर मणिपुर सीट के लिए 19 अप्रैल को 72 फीसदी वोटिंग हुई थी। चुनाव के दौरान कई बूथों पर गोलीबारी, ईवीएम में तोड़फोड़ और बूथ कैप्चरिंग की घटनाएं सामने आईं। बिष्णुपुर जिले के थमनपोकपी में मतदान केंद्र पर गोलीबारी में 3 लोग घायल हो गए। वहीं, इंफाल ईस्ट के थोंगजू के एक बूथ पर ईवीएम में तोड़फोड़ की खबर सामने आई। हालांकि हमला किसने किया, ये पता नहीं चल सका। हिंसा की घटनाओं के कारण आयोग ने 11 बूथों पर वोटिंग को अमान्य घोषित कर दिया। हालांकि, कांग्रेस ने बूथों पर कब्जा करने और चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए राज्य के 47 मतदान केंद्रों पर फिर से वोटिंग कराने की मांग की थी। इनमें इनर मणिपुर के 36 और आउटर मणिपुर के 11 बूथ शामिल थे।
राज्य में पिछले साल से जारी हिंसा में 200 से ज्यादा मौतें
मणिपुर में पिछले साल 3 मई से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर हिंसा चल रही है। आउटर मणिपुर सीट के हिंसा प्रभावित इलाकों के कुछ बूथ पर 26 अप्रैल को दूसरे फेज में भी मतदान होगा। राज्य में कुकी संगठनों ने कुछ दिन पहले लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया था। उन्होंने न्याय नहीं तो वोट भी नहीं का नारा लगाया था। राज्य में अब तक हुई हिंसा की घटनाओं में 200 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। 65 हजार से ज्यादा लोग अपना घर छोड़ चुके हैं।