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चंडीगढ़। पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं चंडीगढ़ लोकसभा सीट से इंडिया गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार मनीष तिवारी ने शनिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का अंतिम उद्देश्य आरक्षण खत्म करने और बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर के तैयार किये गये संविधान को बदलना है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्री तिवारी ने मलोया में एक जनसभा को संबोधित करते हुये कहा कि किस प्रकार श्री अनंत हेगड़े, सुश्री ज्योति मिर्धा और अन्य भाजपा नेताओं ने बार-बार कहा है कि एक बार भाजपा को लोकसभा चुनाव में 400 सीटें मिल जायें, तो वह देश के संविधान को बदल देगी।
कांग्रेस नेता ने कहा कि डॉ अंबेडकर के संविधान के प्रति घृणा भाजपा के डीएनए में गहराई से समाहित है। उन्होंने कहा कि न केवल भाजपा के आधुनिक नेता, बल्कि उनके वैचारिक पूर्वजों ने हमेशा संविधान का विरोध किया है और संविधान सभा की कार्यवाही को भी बाधित किया था। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने भी आरक्षण को खत्म करने का सुझाव दिया था।
श्री तिवारी ने आरोप लगाया कि भाजपा देश में लोकतंत्र नहीं, बल्कि तानाशाही और निरंकुशता चाहती है, जिसका प्रदर्शन वह पिछले 10 वर्षों से कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि आरक्षण ही नहीं, अगर संविधान को बदला गया, तो उसके साथ ही सभी तरह की स्वतंत्रतायें भी खत्म हो जायेंगी, जिनकी कल्पना करना अभी मुश्किल है, क्योंकि लोगों ने ऐसी स्वतंत्रताओं को हल्के में लिया है, जो संविधान की बदौलत उन्हें स्वाभाविक रूप से मिली हैं।
उन्होंने लोगों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के झूठे आश्वासनों से गुमराह न होने की चेतावनी दी कि संविधान में बदलाव नहीं किया जायेगा। उन्होंने चेतावनी देते हुये कहा कि कभी भी इनके वादों पर भरोसा न करें, क्योंकि ये अभी कुछ कहेंगे और सत्ता में आने पर कुछ और करेंगे। उन्होंने कहा कि न तो भाजपा और न ही श्री मोदी ने उन नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई की है, जिन्होंने सार्वजनिक रूप से संविधान को बदलने की बातें की हैं।