0 याचिका में कहा- बिल बिना बहस के पास हुए, तब ज्यादातर विपक्षी सांसद सस्पेंड थे
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में कल 3 नए आपराधिक कानूनों को लेकर सुनवाई है। सुप्रीम कोर्ट की वैकेशन बेंच में जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मिथल मामले की सुनवाई कर सकते हैं। सरकार बता चुकी है कि इन भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में सुधारों के बाद ये तीनों कानून बने।
तीनों कानूनों को लेकर याचिका एडवोकेट विशाल तिवारी ने दायर की है। इसमें कहा गया है कि ये तीनों बिल संसद में बिना बहस के पास कर दिए गए। साथ ही उस समय ज्यादातर विपक्षी सांसद सस्पेंड थे।
लोकसभा ने 21 दिसंबर 2023 को तीन बिलों भारतीय न्याय (दूसरा) संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा (दूसरा) संहिता और भारतीय साक्ष्य (दूसरा) संहिता बिल पास किए थे। 25 दिसंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इन बिलों पर दस्तखत किए थे।
एक जुलाई से लागू होंगे 3 नए क्रिमिनल लॉ
तीन नए आपराधिक कानून 1 जुलाई 2024 से लागू हो जाएंगे। सरकार ने 24 फरवरी 2024 को इससे जुड़ी अधिसूचना जारी की थी। यानी इंडियन पीनल कोड (आईपीसी) की जगह भारतीय न्याय संहिता, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (सीआरपीसी) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो जाएगा।
नए कानून के लागू होने के बाद जो धाराएं अपराध की पहचान बन चुकी थीं, उनमें भी बदलाव होगा। जैसे हत्या के लिए लगाई जाने वाली आईपीसी की धारा 302 अब धारा 101 कहलाएगी। ठगी के लिए लगाई जाने वाली धारा 420 अब धारा 316 होगी। हत्या के प्रयास के लिए लगाई जाने वाली धारा 307 अब धारा 109 कहलाएगी। वहीं, दुष्कर्म के लिए लगाई जाने वाली धारा 376 अब धारा 63 होगी।
हालांकि, हिट एंड रन केस का संबंधित प्रावधान तुरंत लागू नहीं होगा। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने जनवरी में कहा था कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (2) को लागू करने का फैसला अखिल भारतीय मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) से सलाह के बाद ही लिया जाएगा।
क्या था हिट एंड रन केस का प्रावधान
ट्रक ड्राइवरों ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (2) के प्रावधान का विरोध किया था। साथ ही पूरे देश में इसके खिलाफ प्रदर्शन करते हुए हड़ताल की थी। इस धारा में प्रावधान है कि यदि किसी ड्राइवर की तेज रफ्तार ड्राइविंग से किसी राहगीर की मौत हो जाती है। और ड्राइवर बिना पुलिस में रिपोर्ट किए भाग जाता है, तो यह अपराध गैर इरादतन हत्या की कैटेगरी में आएगा। साथ ही आरोपी ड्राइवर को 10 साल की कैद और 7 लाख रुपए जुर्माने की सजा होगी। ट्रक ड्राइवरों और ट्रांसपोर्टर्स ने 30 दिसंबर 2023 को जयपुर, मेरठ, आगरा एक्सप्रेस वे सहित कई हाईवे पर हिट एंड रन कानून के प्रावधान के खिलाफ विरोध शुरू किया था। जो 2 जनवरी को एआईएमटीसी से चर्चा के बाद खत्म हुई थी।
सशस्त्र विद्रोह करने और देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर जेल
बिल पेश करते हुए दिसंबर में लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि अंग्रेजों का बनाया राजद्रोह कानून, जिसके चलते तिलक, गांधी, पटेल समेत देश के कई सेनानी कई बार 6-6 साल जेल में रहे। वह कानून अब तक चलता रहा। राजद्रोह की जगह उसे देशद्रोह कर दिया गया है, क्योंकि अब देश आजाद हो चुका है, लोकतांत्रिक देश में सरकार की आलोचना कोई भी कर सकता है। शाह ने कहा था कि अगर कोई देश की सुरक्षा, संपत्ति को नुकसान पहुंचाएगा, तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। अगर कोई सशस्त्र विरोध, बम धमाके करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी, उसे आजाद रहने का हक नहीं, उसे जेल जाना ही पड़ेगा। कुछ लोग इसे अपनी समझ के कपड़े पहनाने की कोशिश करेंगे, लेकिन मैंने जो कहा उसे अच्छी तरह समझ लीजिए। देश का विरोध करने वाले को जेल जाना होगा।