0 हाईकोर्ट जज से जांच करवाने की मांग
रायपुर। बीजापुर जिले के पीड़िया में हुई मुठभेड़ पर लगातार सवाल उठा रही कांग्रेस ने यहां से भेजे गए कांग्रेस विधायकों और बस्तर के नेताओं के जांज दल की रिपोर्ट शनिवार को सार्वजनिक कर दी है। कांग्रेस ने पीड़िया मुठभेड़ की जांच के लिए जो टीम बनाई थी, उनमें संयोजक संतराम नेताम के साथ विधायक इन्द्रशाह मंडावी, विक्रम मंडावी, जनकलाल ध्रुव, सावित्री मंडावी, रजनू नेताम, शंकर कुडियम एवं छविन्द्र कर्मा को शामिल किया गया था। इस टीम ने 16 मई को पीड़िया जाकर ग्रामीणों से बातचीत की और प्रदेश कांग्रेस कमेटी को रिपोर्ट सौंपी।
प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने राजीव भवन में हुई प्रेस कांफ्रेंस में इस रिपोर्ट को रखा, जिसमें ग्रामीणों ने दावा किया है कि जिन 12 माओवादियों के मारे जाने की बात कही जा रही है, इनमें सभी माओवादी नहीं बल्कि पीड़िया और ईतावार के ग्रामीण भी थे। इस रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस ने पीड़िया मुठभेड़ की जांच हाईकोर्ट के जज से करवाने की मांग उठा दी है।
जांच दल का दावा है कि उन्होंने कई पीड़ितों के परिजन से बात की है। इनमें सुक्की कुंजाम, ललिता, अवलम समली, बुधरूराम बारसे, पोदिया और बेदे ने अलग-अलग पूछताछ की। ग्रामीणों ने बताया कि फोर्स ने मुठभेड़ में मारे गए मल्लेपल्ली निवासी बुधू ओयाम, पालनार निवासी कल्लू पुनेम, ईतावार निवासी-लक्खे कुजाम, उण्डा छोटू, उरसा छोटू सुक्कू ताती, चैतु कुंजाम, सुनीता कुजाम, जागो बरसी, पीडिया निवासी सन्नु अवलम, भीमा ओयाम और दुला तामो को माओवादी बताया है। यही नहीं, ईतावार निवासी कुंजाम गुल्ली, लेखा देवी, कुंजाम जिला, कुंजाम बदरू एवं पीडिया निवासी पोयाम नन्दू का नाम भी मुठभेड़ में घायल माओवादियों के तौर पर लिया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि मारे गए मल्लेपल्ली निवासी बुधू ओयाम एवं पालनार निवासी कल्लू पूनेम माओवादियों के संघम सदस्य के रूप में काम करते थे, जबकि बाकी मृतक और घायलों का माओवादी गतिविधियों से कोई संबंध नहीं था।
मारे गए लोगों में 2 को छोड़ कोई माओवादी नहींः कांग्रेस
ग्रामीणों से बातचीत के आधार पर कांग्रेस जांच दल इस नतीजे पर पहुंचा है कि मारे गए 12 लोगों में 2 को छोड़कर बाकी सामान्य ग्रामीण थे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि इस तथ्य के सामने आने के बाद यह जरूरी हो गया है कि इस मुठभेड़ की उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच की जानी चाहिये। कांग्रेस ने मांग उठाई कि इस मामले की जांच छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के वर्तमान जज से करवाई जानी चाहिए।