0 सीएम साय ने ली अफसरों की मीटिंग, कहा-प्रोजेक्ट तैयार करिए
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार आवारा मवेशियों को लेकर एक नया कदम उठाने जा रही है। अब प्रदेश में आवारा मवेशियों और सड़कों पर दिखने वाली गायों के लिए गौ-अभयारण्य बनाए जाएंगे। पिछली कांग्रेस सरकार ने गौठान तैयार किए थे। उसी अवधारणा पर इन अभयारण्यों को विकसित किया जा सकता है।
इसे लेकर शनिवार को मुख्यमंत्री ने अफसरों की बैठक लेकर उन्हें, इससे जुड़े प्रोजेक्ट तैयार करने को कहा है। सरकार की ओर से दी गई आधिकारिक जानकारी में कहा गया है कि सड़कों पर खुले में घूमने वाले आवारा गौवंशों की सुरक्षा और इनसे जुड़े हादसों पर रोक लगाने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
विभागीय अफसरों ने बताया कि साय सरकार प्रदेश में गौवंश अभयारण्य योजना लेकर आ रही है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अधिकारियों को इस संदर्भ में कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं। हालांकि इस प्रोजेक्ट को लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद तैयार किया जाएगा।
इन विभागों को योजना का जिम्मा
गौवंश अभयारण्य योजना राज्य में पशुधन विकास विभाग, पंचायत, राजस्व एवं वन विभाग को एक साथ मिलकर गौवंश अभयारण्य योजना का जिम्मा दिया जा रहा है। इस योजना के लागू होने पर सड़कों पर भूखे-प्यासे भटकने वाले मवेशियों को चारा मिलेगा, चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
इस वजह से महसूस हुई जरूरत
राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि सड़कों पर घूम रहे आवारा मवेशियों की वजह से सड़क हादसों का खतरा है। ट्रैफिक जाम के भी हालात बनते हैं। भूख से बेहाल मवेशी कूड़ा-कचरा या प्लास्टिक खाने से बीमार पड़ रहे हैं, उनकी मौत हो रही है।
भ्रष्टाचार मुक्त, सेवा, सुरक्षा व संवर्धन होगा योजना का ध्येय वाक्यः सीएम साय
सीएम साय ने करप्शन फ्री सिस्टम से काम करने को कहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि ठोस कार्ययोजना के माध्यम से भ्रष्टाचार मुक्त, सेवा, सुरक्षा और संवर्धन का ध्येय वाक्य ध्यान में रखकर ही काम होगा। आवारा मवेशियों, गाय जिन्हें मालिक छोड़ देते हैं उनके लिए गौवंश अभ्यारण्य की रूप रेखा बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। इससे सड़कों पर भूखे-प्यासे भटकने वाले गौवंशों को नियमित आहार, देखभाल और चिकित्सकीय सुविधा मिलेगी। हादसे भी कम होंगे।
गौठान की ईडी जांच की मांग कर चुकी है भाजपा
कांग्रेस सरकार में भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री रहते गौठान योजना शुरू की थी। इसमें भी इसी तरह आवारा मवेशियों को रखा जाता था। गांव या कस्बों के पास जमीन के एक हिस्से को बाउंड्री से घेरकर इसे तैयार किया गया था। इसे तब विपक्ष में रही भाजपा भ्रष्टाचार का केंद्र बताती थी। बृजमोहन अग्रवाल ने ईडी द्वारा जांच की मांग की थी।बृजमोहन अग्रवाल ने कहा था कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार एक गाय पर 40 लाख खर्च कर रही है। क्या यही छत्तीसगढ़ मॉडल है। हर गाय पर तीन चरवाहे हैं, फिर भी सड़कों पर गायों का जमघट है। गौठान योजना को भाजपा फ्लॉप बताया करती थी।