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रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार पिछले वर्षों में हुई जमीन की बड़ी रजिस्ट्रियों की पड़ताल करने जा रही है। यही नहीं एक करोड़ या उससे अधिक की रजिस्ट्रियों पर विजलेंस सेल की नजर रहेगी।  वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि जमीन की रजिस्ट्रियों में गड़बड़ी रोकने के लिए हरियाणा की तर्ज पर जीआईएस मैपिंग कर जमीन का आधार से लिंक करने की योजना है।  

वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि रजिस्ट्री शुल्क में गड़बड़ी का विषय आता था। इन सबको रोकने के लिए बदलाव किया गया है और इससे लोगों को सुविधाएं मिलेगी। ई-वे बिक के मामले पर श्री चौधरी ने कहा कि नोटिफिकेशन जारी हुआ है, जिसमें से 50 हजार से अधिक के वस्तुओं के लिए ई-वे बिल का नियम लाया गया है। उन्होंने कहा कि देश के अन्य राज्यों में इस तरह की व्यवस्थाएं लागू हो चुकी है। कांग्रेस और गैर कांग्रेस शासित राज्यों में भी यह व्यवस्था चल रही है। छोटे व्यापारियों का ध्यान रखते हुए 50 हजार से कम की वस्तुओं पर से ई-वे बिल जनरेट करने की छूट दी गई है। 

छोटे व्यापारियों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा

श्री चौधरी ने कहा कि क्रियान्वयन में भी छोटे व्यापारियों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि मेक इन इंडिया, मेक फॉर वर्ल्ड स्कीम किसने लाया। कांग्रेस ने कभी इस दिशा में सोचा ही नहीं। मोबाइल भी चाइना से बनकर आता था। कांग्रेस दलाली करने के लिए डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग का हब नहीं बनने दिया। पीएम मोदी की लीडरशिप में देश मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग, इलेक्ट्रॉनिक और डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग का हब बन चुका है।