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0 कॉमर्शियल और कृषि उपभोक्ताओं को भी अतिरिक्त शुल्क देना होगा
0 जुलाई में आएगा बढ़ा हुआ बिल

रायपुर। छत्तीसगढ़ में भीषण गर्मी के बीच बिजली उपभोक्ताओं को अगले महीने यानी जून से बड़ा झटका लगने वाला है। बिजली नियामक आयोग नया टैरिफ जारी करेगा। इसके बाद प्रदेश में बिजली महंगी हो जाएगी। उपभोक्ताओं के पास जुलाई में बढ़ा हुआ बिल आएगा। नए टैरिफ का असर बीपीएल, घरेलू और कृषि उपभोक्ता पर कम और कॉमर्शियल उपभोक्ताओं पर ज्यादा पड़ेगा।

आयोग और बिजली कंपनी के अधिकारियों के अनुसार घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 10-15 पैसे तक अतिरिक्त देने होंगे। इसी तरह कॉमर्शियल और कृषि उपभोक्ताओं को भी अतिरिक्त शुल्क देना होगा। उन्होंने बताया कि नुकसान की भरपाई करने के लिए यह कदम उठाया गया है।

बिजली कंपनी ने भेजा है 20 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव
राज्य विद्युत वितरण कंपनी (सीएसपीडीसीएल) ने छत्तीसगढ़ बिजली नियामक आयोग को 4,420 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय की जरूरत बताते हुए 20 प्रतिशत तक टैरिफ में वृद्धि का प्रस्ताव दिया है। तर्क दिया गया है कि, लाइन लॉस, बिजली चोरी की वजह से कंपनी को राजस्व में 3 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो रहा है।

65 लाख से ज्यादा उपभोक्ता
बिजली कंपनी में वर्तमान में 65 लाख से ज्यादा उपभोक्ता है। ये उपभोक्ता बीपीएल, घरेलू, कॉमर्शियल और कृषि उपभोक्ता में बंटे हुए हैं। नए टैरिफ का असर बीपीएल, घरेलू और कृषि उपभोक्ता पर कम और कॉमर्शियल उपभोक्ताओं पर ज्यादा पड़ेगा।

अप्रैल 2022 में आयोग ने बढ़ाई थी दरें
छत्तीसगढ़ बिजली नियामक आयोग ने आखिरी बार बिजली दर में बढ़ोत्तरी 13 अप्रैल 2022 को की थी। वर्ष 2023 में चुनावी साल होने की वजह से बिजली दर में बढ़ोतरी नहीं की थी। इस वर्ष लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद नया टैरिफ जारी करके छत्तीसगढ़ बिजली नियामक आयोग के जिम्मेदार बढ़ोतरी करेंगे।

कंपनी-उपभोक्ताओं को राहत देना हमारा काम
आयोग के अध्यक्ष हेमंत वर्मा ने दैनिक भास्कर से कहा कि कंपनी ने वृद्धि करने का प्रस्ताव दिया है। इसके अलावा जनसुनवाई में उपभोक्ताओं की बातें भी हमने सुनी है। आयोग द्वारा जारी किए जाना वाला टैरिफ कंपनी और उपभोक्ता दोनों का ध्यान में रखकर बनाया गया है। टैरिफ फाइनल है, इसे आने वाले दिनों में जारी किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ में बिजली की 2 दरें लागू होनी चाहिए : उद्योग संघ
छत्तीसगढ़ लघु एवं सहायक उद्योग संघ के अध्यक्ष हरीश केडिया ने आयोग के चेयरमैन को पत्र लिखा है। श्री केडिया ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग अगर बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता के आधार पर बिजली की दो दरें तय कर दें, तो यह उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर हो सकती है। उत्कृष्ट क्वालिटी, बिना कटौती और ट्रिपिंग के बिजली आपूर्ति के लिए पूरी दर ली जाए। वहीं, खराब गुणवत्ता की आपूर्ति के लिए इससे 25 फीसदी कम दर ली जाए। केडिया ने साफ किया है कि बिजली दरों में बढ़ोतरी की चर्चा चल ही रही है, इसलिए उन्होंने बिजली सप्लाई की गुणवत्ता को लेकर आ रही दिक्कतों के आधार पर क्वालिटी आधारित सप्लाई के हिसाब से नई दरें निर्धारित करने का सुझाव दिया है। केडिया ने विद्युत नियामक आयोग को उक्त सुझावों के अतिरिक्त भविष्य में निर्मित होने वाले विद्युत संकट से निपटने अभी से तैयारी करने कहा है। उन्होंने विद्युत उत्पादन में 10 हजार मेगावॉट क्षमता की बढ़ोतरी करने, अविलंब योजना बनाने का भी सुझाव दिया। ताकि विद्युत संकट से निबटा जा सके। उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार लाइन लॉस 3 फीसदी तक पहुंचा सकता है, तो छत्तीसगढ़ 15 फीसदी में क्यों अटका हुआ है? उन्होंने मांग की कि विद्युत कंपनी को बिजली दर बढ़ाने की बजाय बिजली चोरी रोकने और लाइन लॉस घटाने पर ध्यान देकर खराब क्वालिटी की बिजली सप्लाई के दाम नहीं बढ़ाना चाहिए। दो दर लागू करने के नियम बनाने का निर्देश देना चाहिए।