नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली आबकारी नीति से संबंधित धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की गिरफ्तारी के बाद न्यायिक हिरासत में जेल में बंद पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका मंगलवार को खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की अवकाशकालीन पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह आदेश पारित किया।
पीठ ने जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए यह भी स्पष्ट किया कि वह इस मामले के गुण-दोष पर कुछ नहीं कह रही है। याचिकाकर्ता (सिसोदिया) जमानत के लिए नए सिरे से आवेदन करने के लिए स्वतंत्र हैं।
ण्शीर्ष अदालत ने कहा, "हम (गुण-दोष पर) कुछ नहीं कहेंगे। हम आपकी प्रार्थनाओं को पुनर्जीवित करने के लिए स्वतंत्रता के साथ निपटारा करेंगे। हम गुण-दोष पर कुछ नहीं कह रहे हैं।
शीर्ष अदालत ने ईडी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का यह बयान दर्ज किया कि आरोप अंतिम पत्र तीन जुलाई तक दाखिल कर दिया जाएगा।
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने विशेष अदालत की ओर से जमानत याचिका खारिज होने के बाद दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जहां 21 मई को उनकी अपील खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय के आदेश को शीर्ष अदालत के समक्ष चुनौती दी थी।
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