इंदौर। लोकसभा चुनाव के लिए मंगलवार को वोटों की गिनती शुरू होने के बाद जब लोगों की निगाहें एक-एक सीट के उतार-चढ़ाव पर टिकी थीं तब इंदौर ऐसे तीन रिकार्ड अपने नाम करने के लिए वोटों की गिनती कर रहा था जो देश के राजनीतिक इतिहास में पहले नहीं बने थे। यहां के भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी ने न सिर्फ सबसे ज्यादा वोट प्राप्त किए बल्कि अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को सबसे ज्यादा मतों के अंतर से पराजित भी किया। शंकर लालवानी को 12 लाख 26 हजार 751 वोट प्राप्त हुए, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी बसपा के संजय सोलंकी को मात्र 51 हजार 659 मत ही मिले।
शंकर लालवानी ने 11 लाख 75 हजार 92 मतों से देश में सर्वाधिक वोटों से चुनाव जीत लिया। इसके अलावा इंदौर के नाम नोटा (इनमें से कोई नहीं) को सबसे ज्यादा वोट मिलने का रिकार्ड भी दर्ज हो गया। यहां दो लाख 18 हजार 674 लोगों ने नोटा का विकल्प चुना। यह अब तक हुए चुनाव में नोटा को किसी भी विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मिले सर्वाधिक मत हैं। वर्ष 2019 के चुनाव में बिहार के गोपालगंज में नोटा को सबसे अधिक 51 हजार 660 मत मिले थे।
35 वर्षों से भाजपा का अभेद्य गढ़ है इंदौर
इंदौर लोकसभा क्षेत्र को भाजपा का गढ़ कहा जाता है। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने वर्ष 1989 में पहली बार कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रकाशचंद सेठी को परास्त कर भाजपा के लिए सीट जीती थी। उसके बाद वे यहां से लगातार आठ बार सांसद रहीं। वर्ष 2019 में भाजपा ने यहां से शंकर लालवानी को मैदान में उतारा था। तब शंकर लालवानी ने पांच लाख 47 हजार वोटों से बड़ी जीत दर्ज की थी।