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नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन के सुचारु संचालन में सभी सदस्यों से सहयोग की अपेक्षा किये जाने के साथ ही उन्हें पुन: पीठासीन अधिकारी चुने जाने पर आभार व्यक्त किया है।
श्री बिरला ने बुधवार को अध्यक्ष चुने जाने के बाद अपने पहले सम्बोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय मंत्रिपरिषद के सदस्यों, सभी राजनीतिक दलों के नेता और सभी सदस्यों का उन्हें पुन: सदन का पीठासीन अधिकारी के रूप में दायित्व निर्वहन का अवसर प्रदान किये जाने पर हार्दिक आभार व्यक्त करते हुये कहा कि उनके प्रति उन्होंने जो विश्वास जताया है, उसके लिये वह बहुत आभारी हैं।
उन्होंने अठारहवीं लोकसभा के चुनाव के दौरान विपरीत भौगोलिक स्थितियों और प्रतिकूल मौसम के दौरान मतदान करने के लिये 64 करोड़ जनता का आभार व्यक्त किया। उन्होंने पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से चुनाव संपन्न कराने के लिये निर्वाचन आयोग को भी धन्यवाद दिया।
श्री बिरला ने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बनी है, ऐसे में सरकार से जनता की अपेक्षायें, आशायें, आकाक्षायें बढ़ी हैं। उन्होंने कहा, “ आइयें हम प्रभावी तरीके से जनता के कार्य करने का पूरा प्रयास करें।”
श्री बिरला ने कहा कि सदन में चर्चा और संवाद हों, ऐसे प्रयास निरंतर करते रहना है। उन्होंने कहा कि अठारहवीं लोकसभा में 281 सदस्य पहली बार चुने गये हैं। उन्हें सदन के नियमों और परिपाटियों का अध्ययन करना चाहिये।
उन्होंने कहा कि संसद के नये भवन में ऐतिहासिक कानून पारित किये गये हैं। नारी शक्ति वंदन विधेयक पारित किया गया। उन्होंने कहा कि इसी वर्ष संविधान निर्माण के 75 वर्ष पूरे हुये हैं। यह ऐसा संविधान है, जो हमारा मार्गदर्शन करने के साथ ही लोक कल्याण, वंचितों का कल्याण करने का मार्ग प्रशस्त करता है। श्री मोदी के मार्गदर्शन में संविधान दिवस मनाने की परम्परा शुरू हुई है।
श्री बिरला ने सदन का पुन: पीठासीन अधिकारी चुने जाने पर उनकी कोशिश रहेगी कि वह सभी को अपनी बात कहने का पर्याप्त अवसर प्रदान करें। उन्होंने कहा कि सहमति-असहमति लोकतंत्र की ताकत है। पक्ष और विपक्ष से मिलकर सदन चलता है। उनकी कोशिश है कि सबकी सहमति से सदन संचालित करूं। एक दल के सदस्य को भी अपनी बात कहने का अवसर मिले, ऐसी उनकी कोशिश रहेगी। उन्होंने कहा, “ मैं कोशिश करूंगा कि सभी को उनके विचार, भावना व्यक्त करने का मौका मिले। ”
उन्होंने कहा कि वह किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं करना चाहते, हम सब लोग संवाद करें, चर्चा करें। उच्च कोटि के संवाद, चर्चा करें। उन्होंने कहा कि संसद के विरोध और सड़क के विरोध में अंतर रहना चाहिये। सभी सदस्यों का प्रयास होना चाहिये कि सदन का गौरव बढ़ाने का निरंतर प्रयास करें।
श्री बिरला ने प्रोटेम स्पीकर भर्तहरि महताब और अन्य पीठासीन अधिकारियों का सदन के सुचारु संचालन में आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वह सभी सदस्यों से पुन: अपेक्षा करते हैं कि वह सदन की गरिमा और प्रतिष्ठा बढ़ाने में अपना सहयोग देंगे।