Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

tranding

इंदौर। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज कहा कि शिक्षा का उद्देश्य विद्यार्थी के अंदर की सभी शक्तियों को बाहर निकाल कर विकसित करना है और प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सिलेंस विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों में अपनी रुचि के अनुसार काम करने की क्षमता देंगे।
श्री शाह ने यहां एक समारोह के माध्यम से राज्य के सभी 55 जिलों में प्रधानमंत्री काॅलेज ऑफ एक्सिलेंस का उद्घाटन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार समेत अन्य जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
समारोह को संबोधित करते हुए श्री शाह ने कहा कि आज एक ही दिन में एक ही नगर इंदौर में 11 लाख वृक्ष लगाने का रिकॉर्ड बनाया गया है। जो विद्यार्थी इस अभियान से छूट गए हैं, वो अपने घर के पास ही एक पौधा लगाएं और उसकी देखभाल करें।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश भर में 55 कॉलेजों को प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सिलेंस के तौर पर विकसित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हम सब के लिए एक लक्ष्य रखा है कि 2047 में हमारा लक्ष्य हर क्षेत्र में विश्व भर में प्रथम रहना है। ऐसा भारत शिक्षा की नींव मजबूत किए बिना नहीं बनाया जा सकता।
नई शिक्षा नीति के संदर्भ में उन्होंने कहा कि ये नीति न केवल भारत के विद्यार्थियों को विश्व भर के विद्यार्थियों से प्रतिस्पर्धा करने के योग्य बनाएगी, बल्कि विद्यार्थियों को हमारी प्राचीनतम संस्कृति और भाषाओं के साथ भी जोड़ेगी। उन्होंने प्रदेश सरकार को बधाई देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश ने सबसे पहले नई शिक्षा नीति को जमीन पर उतारा।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के संदर्भ में उन्होंने कहा कि उनके उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए वे (श्री शाह स्वयं) एक कार्यक्रम में आए थे और उस दौरान प्रदेश वो पहला राज्य बना, जिसने इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई मातृभाषा में कराना शुरु किया।
पीएम कॉलेज ऑफ एक्सिलेंस के बारे में श्री शाह ने कहा कि ये सिर्फ नाम बदलने का अभियान नहीं है। इसके 'क्राइटेरिया' तय हैं और राज्य के सभी 55 काॅलेज इसका दर्जा प्राप्त करने योग्य हैं। इन कॉलेजों में 'कंपार्टमेंटल एजुकेशन' नहीं होगा।
गृह मंत्री ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य विद्यार्थी के अंदर की सभी शक्तियों को बाहर निकाल कर विकसित करना है। प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सिलेंस विभिन्न विषयों में अपनी रुचि के अनुसार काम करने की क्षमता देंगे। इनमें छात्र रोजगार से जुड़े बहुत से डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स कर सकेंगे।
उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे एक बार नई शिक्षा नीति को जरूर पढ़ें, ये उनका भविष्य संवारने के लिए है। ये 'सिलेबस ऑफ एकेडमिक्स' के साथ 'सिलेबस ऑफ लाइफ' भी सिखाइएगी। 'आउट ऑफ द बॉक्स' सोचने के लिए इसमें बहुत से उपक्रम हैं।
उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी इंटरनेट और 'एआई' की पीढ़ी है, इसलिए नई शिक्षा नीति में प्रैक्टिकल ज्ञान के प्रावधान भी तय किए गए हैं।