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 पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय बजट को सकारात्मक एवं स्वागत योग्य बताया और कहा कि बजट में बिहार के विकास की गति को बढ़ाने के लिए उठाये गए कदम सराहनीय है।
श्री कुमार ने मंगलवार को केंद्रीय बजट 2024-25 पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि इस बजट के माध्यम से देश के साथ-साथ बिहार के विकास की गति को बढ़ाने के लिये कई कदम उठाए गए हैं, जो सराहनीय है। उन्हों कहा, "संतुलित बजट पेश करने के लिये मैं केंद्र सरकार को बधाई देता हूं। देश में बड़े पैमाने पर आधारभूत संरचना के निर्माण का निर्णय भी स्वागत योग्य है।"
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार अपने तीसरे कार्यकाल के पहले बजट में बिहार की विभिन्न विकास योजनाओं के लिये विशेष आर्थिक मदद देने की घोषणा की है, जो सराहनीय है। उन्होने कहा कि आज केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तुत किये गये बजट में बिहार की जरूरतों का विशेष ध्यान रखा गया है। इसके तहत बिहार के मानव संसाधन विकास एवं बुनियादी विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। इस बजट में बिहार की सड़क सम्पर्क परियोजनाओं, विद्युत परियोजनाओं, एयरपोर्ट, मेडिकल काॅलेजों और खेलकूद की संरचनाओं के लिये विशेष राशि का प्रावधान किया गया है, इससे बिहार को काफी फायदा मिलेगा।
श्री कुमार ने कहा कि बजट में बिहार के पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिये विशेष सहायता की घोषणा की गयी है। साथ ही बिहार को बाढ़ से बचाव के लिये भी बजट में बड़ा ऐलान किया गया है, जो सराहनीय है। कोसी-मेची नदी जोड़ परियोजना, नदी प्रदूषण न्यूनीकरण और सिंचाई परियोजनाओं के लिये विशेष आर्थिक मदद देने की घोषणा की गयी है। इसके लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को विशेष रूप से धन्यवाद देता हूं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में बिहार के लिये की गयी इन घोषणाओं से बिहार के विकास में सहयोग मिलेगा और तेज गति से तरक्की होगी। केंद्र सरकार ने बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के विकास के लिए पूर्वोदय योजना की घोषणा की है, यह बहुत खुशी की बात है। मुझे पूरी उम्मीद है कि आगे भी इसी प्रकार बिहार की जरूरतों को ध्यान में रखते हुय केन्द्र सरकार राज्य के विकास में सहयोग करेगी।
श्री कुमार ने बिहार विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा, "आपलोग जानते हैं कि विशेष राज्य के दर्जे के लिए हमलोग वर्ष 2010 से ही आंदोलन चला रहे हैं। उस समय की तत्कालीन केंद्र की सरकार ने इस मांग को नहीं माना था। हमलोगों ने पटना से लेकर दिल्ली तक इसके लिए आंदोलन चलाया।"
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह बिहार के विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर लगातार बोलते रहे हैं। हमने केंद्र सरकार को भी कहा कि या तो विशेष राज्य का दर्जा दीजिए या फिर विशेष मदद दीजिए, जिससे बिहार का तेजी से विकास हो सके क्योंकि बिहार को भी आगे बढ़ना है। यदि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के प्रावधान में दिक्कत है तो बिहार के विकास के लिए विशेष सहायता दी जाय, इससे बिहार के विकास को और अधिक गति मिलेगी।
श्री कुमार ने कहा कि पहले बिहार का कितना बुरा हाल था, जब हमने वर्ष 2005 के नवंबर माह में सत्ता संभाली थी तब से बिहार के समुचित विकास के लिए लगातार काम कर रहे हैं। हमलोगों ने सड़कों की संपर्कता बढ़ाने के लिये काफी काम किया है। बिहार में नई सड़कों का जाल बिछा है। स्कूलों का निर्माण हो रहा है। उन्होंने कहा कि पहले शाम में पटना में भी कोई बाहर नहीं निकलता था, बहुत बुरा हाल था। आज केंद्र की सरकार ने बिहार को काफी कुछ दिया है। कई नई सड़क परियोजनायें और एक्सप्रेस-वे की घोषणा हुई है।