नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को यहां नीति आयोग की बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का माइक्रोफोन बंद किये जाने के दावे को ‘मिथ्या प्रचार’ बताया और कहा कि वह विपक्षी इंडिया गठबंधन को खुश करने के लिये ऐसा कर रही हैं।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि सुश्री बनर्जी ने बैठक में अपने पूरे समय का उपयोग किया और अपनी बात रखी। उन्होंने इस विषय पर कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश के सोशल मीडिया पर जारी बयान के जवाब में कहा, “ लेकिन अब जब वह बाहर बेबुनियाद बातें कह रही हैं, तो मैं केवल यही निष्कर्ष निकाल सकती हूँ कि वह इंडिया गठबंधन को खुश रखने की कोशिश कर रही हैं। ”
वित्त मंत्री ने कहा, “ जयराम आप तो वहां (बैठक में) थे भी नहीं। हम सभी ने माननीय मुख्यमंत्री को सुना। उन्होंने अपने पूरे निर्धारित समय तक बोला। हमारी टेबल के सामने लगी स्क्रीन पर (वक्ताओं का) समय दिखता था। कुछ दूसरे मुख्यमंत्रियों ने अपने निर्धारित समय से ज़्यादा समय तक बात की। उनके अनुरोध पर, बिना किसी शोर-शराबे के उन्हें अतिरिक्त समय दिया गया। माइक बंद नहीं किये गये, किसी के लिये नहीं, खास तौर पर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के लिये नहीं।”
श्रीमती सीतारमण ने कहा,“ ममता जी ने मिथ्या बातें फैलाने का मन बना लिया है। ”
उन्होंने कहा, “ मुझे खुशी है कि वह (ममता) बैठक शामिल हुईं। मुझे खुशी तब हुई, जब उन्होंने कहा कि वह बंगाल और वास्तव में पूरे विपक्ष के लिये बोल रही हैं। मैं (सीतारमण) उनकी बातों से सहमत या असहमत हो सकती हूँ। लेकिन अब जब वह बाहर बेबुनियाद बातें कह रही हैं, तो मैं केवल यही निष्कर्ष निकाल सकती हूं कि वह इंडिया गठबंधन को खुश रखने की कोशिश कर रही हैं। ”
श्री रमेश ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में नीति आयोग की बैठकों को एक तमाशा करार देते हुये कहा था , “आज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के साथ इस तरह का व्यवहार, हालांकि नीति आयोग के लिये विशिष्ट है, अस्वीकार्य है। ”
श्री रमेश ने कहा है कि नीति आयोग का काम इसके गठन के समय से ही स्पष्ट रूप से पक्षपातपूर्ण रहा है, और यह पेशेवर और स्वतंत्र से बिलकुल अलग है। यह सभी अलग-अलग और असहमतिपूर्ण दृष्टिकोणों को दबाता है, जो एक खुले लोकतंत्र का सार है।
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