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नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद को आज आश्वासन दिया कि मूसलाधार बरसात एवं भूस्खलन के केरल के वायनाड में हुई त्रासदी में केन्द्र सरकार केरल की सरकार एवं लोगों के साथ चट्टान की तरह डट कर खड़ी है तथा राहत, पुनर्वास के कार्यों में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

श्री शाह ने लाेकसभा में नियम 193 के तहत केरल की बाढ़ की स्थिति पर संक्षिप्त चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि उनके विभाग के सहयोगी राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार एवं बुधवार को केरल की स्थिति पर बयान सदन के पटल पर रखे हैं तथा वह भी कुछ नये मुद्दों पर जानकारी देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सबसे पहले वह इस आपदा में उन लोगाें के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं जिन्होंने स्वजनों को खोया है या लापता हैं।
उन्होंने कहा, “मैं एक बात स्पष्ट करना चाहता हूं कि आपदा के समय भारत सरकार एवं राजनीतिक दलों के लिए एक भी प्राथमिकता है कि हम केरल की सरकार, केरल के लोगों एवं वायनाड के लोगों के साथ चट्टान की तरह खड़े रहेंगे। उन्हें राहत एवं पुनर्वास के लिए भारत सरकार की ओर से हर संभव मदद प्रदान की जाएगी।”
चर्चा में सदस्यों द्वारा आधुनिक चेतावनी प्रणाली के बारे में सवाल उठाये जाने पर स्पष्टीकरण देते हुए श्री शाह ने कहा कि देश में हमारे पास विश्व का सबसे आधुनिक पूर्व चेतावनी प्रणाली है जो सात दिन पहले भी सटीक पूर्वानुमान देती है। चक्रवात, भूकंप, बिजली गिरने, सुनामी, बाढ़, भूस्खलन आदि के पूर्वानुमान सटीकता से मिल रहे हैं। ये उपकरण 2300 करोड़ रुपये की लागत से लगाये गये हैं।
उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन के लिए लोगों का बचाना, राहत एवं पुनर्वास की तैयारी के साथ शून्य जनहानि की योजना कार्यान्वित की गयी है। इस घटना के बारे में 18 जुलाई को पूर्वानुमान में सामान्य से बहुत अधिक वर्षा का अनुमान व्यक्त किया गया था। 23 जुलाई को चेतावनी दी गयी थी कि 20 मिलीमीटर से अधिक की बहुत भारी बरसात होगी। इसे देखते हुए 23 तारीख को ही राष्ट्रीय आपदामोचन बल की आठ टीमें भेज दी गयी थीं।
उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन में तकनीक के उपयोग से पूर्वानुमान का विश्लेषण करके राज्यों को सतर्कता संदेश देने का काम किया गया। राज्य का काम आपदा से पहले लोगों को सुरक्षित जगह ले जाने काम करना होता है। तकनीक की सटीकता एवं राज्यों की तैयारी से जनहानि को बहुत कम करने में कामयाबी मिली है। छह साल पहले आईआईटी की रिपोर्टों में इसी स्थान से लोगों को हटाने की चेतावनी दी गयी थी। 2020 में भी ऐसी ही रिपोर्ट दी गयी थी। करीब 4000 लोगों को हटाना चाहिए था। यही दुख है कि छह साल पहले की सूचना के बावजूद नहीं हटाया गया।
श्री शाह ने कहा कि केरल सरकार का संकेत मिलते ही एनडीआरएफ, सेना, वायुसेना, अर्द्धसैनिक बलों को भेजा गया। तमाम कोशिशों के कारण बड़ी संख्या में लोगों में बचाने में सफल रहे। कुछ हो नहीं बचा सके, इसका दुख है। उन्होंने कहा कि राज्यों को आपदा प्रबंधन की योजनाओं का अभ्यास करना चाहिए। किसी को भी हटाने का काम स्फूर्ति से करना चाहिए।
गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केरल की स्थिति को लेकर कंट्रोल रूम से निरंतर संपर्क में हैं। केरल की जनता को राहत एवं पुनर्वास के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी। भारत सरकार केरल के साथ चट्टान की तरह खड़ी रहेगी।
इससे पहले कांग्रेस के सदस्यों ने भाजपा के सांसद तेजस्वी सूर्या के बयान को लेकर विवाद करने की कोशिश की लेकिन अध्यक्ष ने इसे आगे नहीं बढ़ने दिया।