0 वायु सेना ने प्रोडक्शन क्लीयरेंस दिया
0 2900 करोड़ के प्रोजेक्ट को 2022-23 में मंजूरी मिली थी
नई दिल्ली। वायुसेना ने डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) और भारत डायनामिक्स लिमिटेड को 200 नए अस्त्र मार्क-1 मिसाइल बनाने का प्रोडक्शन क्लीयरेंस दे दिया है। 110 किलोमीटर की इस एयर-टु-एयर मिसाइल का इस्तेमाल वायु सेना लंबे समय से कर रही है। इसे सुखोई-30 और तेजस फाइटर जेट के जरिए फायर किया जा सकता है।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक रक्षा मंत्रालय ने 2022-23 में इस 2900 करोड़ के प्रोजेक्ट को अप्रूवल दिया गया था। वायु सेना के डिप्टी चीफ एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने हाल ही में हैदराबाद स्थित डीआरडीओ की डेवलपमेंट लैब का दौरा किया था। इसी दौरान इन मिसाइल का प्रोडक्शन क्लीयरेंस दिया गया है।
अस्त्र मार्क-2 मिसाइल का ट्रायल भी जल्द
भारतीय वायुसेना जल्द ही अस्त्र एमके-2 मिसाइल का ट्रायल भी करने वाली है। अस्त्र मार्क-1 का अपग्रेडेड वर्जन होगा। यह मिसाइल भी बियॉन्ड विजुअल रेंज कैटेगरी में आती है। अस्त्र मार्क-2 का भी 200 मिसाइलों का ऑर्डर जल्द हो सकता है। इसमें ऑप्टिकल प्रॉक्सीमिटी फ्यूज लगा है, जो अस्त्र मार्क-1 में नहीं है। ऑप्टिकल प्रॉक्सीमिटी फ्यूज से मिसाइल टारगेट पर सटीक नजर रख सकने में कामयाब होती है। टारगेट कितना भी दाएं-बाएं हो, यह मिसाइल उससे टकराकर फट जाती है। इसका वजन 154 किलोग्राम है और लंबाई 12.6 फीट है। इसकी रेंज 130 से 160 किलोमीटर है। यह अधिकतम 66 हजार फीट की ऊंचाई तक जाती है।
यह बियॉन्ड विजुअल रेंज मिसाइल है
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अस्त्र एमके-1 बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर टू एयर मिसाइल है। यानी जहां किसी फाइटर जेट या अटैक हेलिकॉप्टर का पायलट नहीं देख सकता, वहां भी यह मिसाइल एकदम सटीक हमला करती है। इसका वजन 154 किलोग्राम, लंबाई 3.84 मीटर और चौड़ाई 178 एमएम है। इसके साथ ही यह तकनीकी और आर्थिक रूप से बाकी मिसाइलों से बेहतर है। ऐसी मिसाइल अपने फाइटर जेट को स्टैंड ऑफ रेंज देती करते हैं। स्टैंड ऑफ रेंज का मतलब होता है कि दुश्मन की तरफ मिसाइल फायर करके खुद उसके हमले से बचने के लिए दूर हो जाना। आने वाले समय में डसॉल्ट मिराज 2000, तेजस और मिग विमानों में भी इसे लगाए जाने की योजना बनाई जा रही है। मिसाइल को नौसेना अपने मिग 29के लड़ाकू विमान में भी असेंबल करेगी। यह मिसाइल अलग-अलग हाइट पर फायर की जा सकती है। इसे फायर करने के लिए कोई एक रेंज जरूरी नहीं है।