नई दिल्ली। सरकार ने देश में जीवंत सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के उद्देश्य से भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के तहत गुजरात के साणंद में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करने के लिए केनेस सेमीकॉन प्राइवेट लिमिटेड के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। साणंद में सेमीकंडक्टर क्षेत्र के लिए स्वीकृत यह दूसरा प्रस्ताव है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की सोमवार को यहां हुयी बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। मंत्रिमंडल के निर्णय की जानकारी देते हुए सूचना प्रसारण एवं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संवाददाताओं को बताया कि प्रस्तावित इकाई 3,300 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित की जाएगी। इस इकाई की क्षमता प्रतिदिन 60 लाख माइक्रो चिप होगी। इस इकाई में उत्पादित चिप विभिन्न प्रकार के अनुप्रयोगों को पूरा करेंगे, जिसमें औद्योगिक, ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रिक वाहन, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार, मोबाइल फोन आदि जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण इकाईयों के लिए अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए कार्यक्रम 21 दिसंबर 2021 को 76 हजार करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ अधिसूचित किया गया था। इस क्रम में जून, 2023 में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुजरात के साणंद में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करने के पहले प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
इस वर्ष फरवरी में तीन और सेमीकंडक्टर इकाइयों को मंजूरी दी गई। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स गुजरात के धोलेरा में एक सेमीकंडक्टर फैब और असम के मोरीगांव में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित कर रही है। सीजी पावर गुजरात के साणंद में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित कर रही है।
सभी चार सेमीकंडक्टर इकाइयों का निर्माण तेजी से आगे बढ़ रहा है और इकाइयों के पास एक मजबूत सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र उभर रहा है। ये चार इकाइयाँ लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश लाएँगी। इन इकाइयों की संचयी क्षमता लगभग सात करोड़ चिप प्रतिदिन है।