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0 केंद्रीय मंत्री ने कहा- सरकार ने कायन्स के 3,300 करोड़ रुपए के चिप प्रपोजल को मंजूरी दी

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 2025 के मध्य तक भारत की पहली सेमीकंडक्टर चिप आएगी। अश्विनी वैष्णव ने यह बात सोमवार (2 सितंबर) को कैबिनेट मीटिंग के बाद ब्रीफिंग में कही है। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कैबिनेट ने इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरर कायन्स इंडस्ट्रीज के हर दिन 63 लाख चिप्स बनाने की कैपेसिटी वाला सेमीकंडक्टर पैकेजिंग प्लांट बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कायन्स इस प्लांट के लिए 3,300 करोड़ रुपए का निवेश करेगी।

यह प्लांट गुजरात के साणंद में 46 एकर्स में बनाया जाएगा
यह प्लांट गुजरात के साणंद में 46 एकर्स में बनाया जाएगा। जहां 76,000 करोड़ रुपए के इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के तहत दो अन्य चिप मेकिंग प्रपोजल को भी मंजूरी दी गई है।

जून 2023 में प्लांट बनाने के पहले प्रस्ताव को मंजूरी मिली थी
इस प्लांट में बनी चिप को इंडस्ट्रियल, ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, कंज्यूमर, इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलिकॉम और मोबाइल फोन जैसे सेक्टरों को सप्लाई किया जाएगा। जून 2023 में यूनियन कैबिनेट ने गुजरात के साणंद में सेमीकंडक्टर प्लांट बनाने के पहले प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।

फरवरी 2024 में तीन और सेमीकंडक्टर प्लांट को मंजूरी दी गई थी
फरवरी 2024 में तीन और सेमीकंडक्टर प्लांट को मंजूरी दी गई थी। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, गुजरात के धोलेरा में एक सेमीकंडक्टर प्लांट और असम के मोरीगांव में दूसरा प्लांट स्थापित कर रही है। वहीं सीजी पावर गुजरात के साणंद में एक सेमीकंडक्टर प्लांट स्थापित कर रही है। सभी प्लांट की टोटल कैपेसिटी प्रतिदिन लगभग 7 करोड़ चिप्स वैष्णव ने कहा कि सभी 4 सेमीकंडक्टर प्लांट का निर्माण तेजी से चल रहा है और यूनिट्स के पास एक मजबूत सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम उभर रहा है। इन 4 प्लांट्स में लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपए का निवेश आएगा। इन सभी प्लांट की टोटल कैपेसिटी प्रतिदिन लगभग 7 करोड़ चिप्स है।

दुनिया की 60% सेमीकंडक्टर चिप ताइवान बनाता है
सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री एसोसिएशन (एसईएमआई) के अनुसार, ताइवान ग्लोबल चिप फैब्रिकेशन कैपेसिटी (भौतिक रूप से सेमीकंडक्टर बनाने की क्षमता) में 60% हिस्सेदारी है। टीएसएमसी अकेले दुनिया के लगभग आधे सेमीकंडक्टर्स की मैन्युफैक्चरिंग करती है।

सिलिकॉन से बनती है चिप, यह गैजेट के दिमाग की तरह
सेमीकंडक्टर चिप्स सिलिकॉन से बनी होती है, जो सर्किट में बिजली नियंत्रित करने का काम करते हैं। यह चिप गैजेट्स को दिमाग की तरह संचालित करने में मदद करती है। इसके बिना कोई भी इलेक्ट्रॉनिक इंस्ट्रूमेंट अधूरा है। कंप्यूटर, लैपटॉप, कार, वॉशिंग मशीन, एटीएम, अस्पताल की मशीनें और यहां तक ​​कि स्मार्टफोन भी सेमीकंडक्टर चिप्स पर काम करते हैं।