Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

tranding

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सोमवार को न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ दिलाई। श्रीमती मुर्मु ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में शीर्ष अदालत के वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति खन्ना को 51वें मुख्य न्यायाधीश के पद की शपथ दिलाई। वह 13 मई 2025 को सेवानिवृत्त होंगे।
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, शीर्ष अदालत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के अलावा मौजूदा और पूर्व न्यायाधीश, कई केंद्रीय मंत्री और अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ रविवार 10 नवंबर को शीर्ष अदालत के 50 वें मुख्य न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हो गए।
उन्होंने अक्टूबर में केंद्र सरकार को पत्र लिखकर न्यायमूर्ति खन्ना को शीर्ष अदालत का अगला मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की थी। इसके बाद राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद 24 अक्टूबर 2024 को केंद्र सरकार के विधि एवं न्याय मंत्रालय के न्याय विभाग ने न्यायमूर्ति खन्ना के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने से संबंधित एक अधिसूचना जारी की।
न्यायमूर्ति खन्ना 2018 की 'चुनावी बॉन्ड योजना' को रद्द करने वाली पांच सदस्यीय पीठ में शामिल थे।
न्यायमूर्ति खन्ना को 18 जनवरी 2019 को शीर्ष न्यायालय के न्यायाधीश के पद पर पदोन्नत किया गया था, तब वह दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे।
उन्हें 2005 में दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया और एक साल बाद उन्हें यहां स्थायी न्यायाधीश के तौर पर पदोन्नत किया गया था।
न्यायमूर्ति खन्ना संविधान के अनुच्छेद 370 का प्रभाव जम्मू कश्मीर से हटाने और सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (नई संसद भवन और इसके आसपास के क्षेत्रों का पुर्नविकास) हरी झंडी देने वाली पीठ सहित कई महत्वपूर्ण फैसलों के हिस्सा थे।
उनकी अगुवाई वाली पीठ ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति मामले से जुड़े प्रवर्तन निदेशालय के एक मामले में अंतरिम जमानत दी थी।
न्यायमूर्ति खन्ना का जन्म 14 में 1960 को एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था। वह अपने चाचा सर्वोच्च न्यायालय न्यायमूर्ति हंस राज खन्ना की उल्लेखनीय वंशावली और विरासत को आगे ले जा रहे हैं।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना के पिता देव राज खन्ना दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे। वह 1985 में सेवानिवृत्त हुए थे। उनकी मां सरोज खन्ना दिल्ली के लेडी श्री राम कॉलेज में हिंदी की लेक्चरर थीं।
न्यायमूर्ति खन्ना ने दिल्ली विश्वविद्यालय के 'कैंपस लॉ सेंटर' से विधि में स्नातक (एलएलबी) की पढ़ाई पूरी करने के बाद 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में पंजीकरण कराया।
उन्होंने शुरुआत में दिल्ली के तीस हजारी परिसर में जिला न्यायालयों में और बाद में दिल्ली उच्च न्यायालय और न्यायाधिकरणों में संवैधानिक कानून, प्रत्यक्ष कराधान, मध्यस्थता, वाणिज्यिक कानून, कंपनी कानून, भूमि कानून, पर्यावरण कानून और चिकित्सा लापरवाही जैसे विविध क्षेत्रों में वकालत की।
आयकर विभाग के वरिष्ठ स्थायी वकील के रूप में भी उनका कार्यकाल लंबा रहा। उन्हें 2004 में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लिए स्थायी वकील (सिविल) के रूप में नियुक्त किया गया था।
न्यायमूर्ति खन्ना को 2005 में दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया और 2006 में उन्हें स्थायी न्यायाधीश बनाया गया।
दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में उन्होंने दिल्ली न्यायिक अकादमी, दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र और जिला न्यायालय मध्यस्थता केंद्रों के अध्यक्ष/प्रभारी न्यायाधीश का पद संभाला।
न्यायमूर्ति खन्ना 18 जनवरी 2019 को उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया। उन्होंने 17 जून 2023 से 25 दिसंबर 2023 तक शीर्ष अदालत की लीगल सर्विस कमेटी के अध्यक्ष का पद शोभा बढ़ाई।

जस्टिस संजीव खन्ना बने 51वें चीफ जस्टिस, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई  पद की शपथ - justice sanjiv khanna 51 st chief justice india supreme court  takes oath president draupadi ...