0 अवैध कब्जाधारियों पर नगरपालिका प्रशासन के नोटिस का कोई असर नहीं
0 अतिक्रमण हटाने नपा प्रशासन ने लिखा तहसीलदार पाटन को पत्र
0 पत्र लिखने के 9 माह बाद भी राजस्व विभाग मौन
समवेत शिखर संवाददाता
अमलेश्वर/पाटन। अमलेश्वर नगरपालिका क्षेत्र में शासकीय जमीन पर बेखौफ होकर धड़ल्ले से अवैध कब्जा किया जा रहा है। इन कब्जाधारियों को प्रशासन का थोड़ा भी खौफ नहीं है। अमलेश्वर से पाहंदा जाने वाले रोड पर स्थित शासकीय चारागाह भूमि पर सड़क किनारे से ही अवैध मकान बनाकर लोग कब्जा कर रहे हैं। इधर इन अवैध कब्जाधारियों को कब्जा हटाने के लिए अमलेश्वर नगरपालिका की ओर से नोटिस भी दिया जा चुका है, लेकिन कब्जाधारियों का इस पर कोई असर नहीं हो रहा है। राजस्व विभाग भी इन अवैध कब्जाधारियों को हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है, जबकि नगरपालिका प्रशासन ने इन अवैध कब्जाधारियों को हटाने के लिए तहसीलदार पाटन को पत्र भी लिख चुका है।
राजधानी से लगे अमलेश्वर को कांग्रेस सरकार ने नगरपालिका घोषित किया था। नगरपालिका क्षेत्र घोषित होते ही यहां तेजी से शहरीकरण होने लगा है। कई कालोनियां बनने लगी हैं। इसके साथ ही इस इलाके में शासकीय चारागाह जमीन पर अवैध कब्जाधारी भी तेजी से सक्रिय हो गए हैं। अमलेश्वर से पाहंदा जाने वाले रोड पर महादेव वाटिका के पास स्थित शासकीय चारागाह जमीन पर 12 लोग धड़ल्ले से अवैध कब्जा कर वहां पर रहवासी मकान बना लिए हैं। इनके देखादेखी अन्य लोग भी शासकीय जमीन पर कब्जा करने में लगे हुए हैं। धड़ल्ले से यह अवैध कब्जा अमलेश्वर नगरपालिका कार्यालय से महज 2-3 सौ मीटर की दूरी पर हो हो रहा है। नगरपालिका प्रशासन इन अवैध कब्जाधारियों को अतिक्रमण हटाने का नोटिस भी दे चुका है, लेकिन नोटिस का इन अवैध कब्जाधारियों पर कोई असर नहीं हो रहा है। चूंकि यह शासकीय जमीन राजस्व विभाग के अंतर्गत आता है, इस कारण इस अवैध कब्जे को हटाने के लिए नगरपालिका प्रशासन तहसीलदार पाटन को 20/03/2024 को पत्र भी लिख चुका है। इसके बावजूद राजस्व विभाग मौन है। राजस्व विभाग इन अवैध कब्जाधारियों को हटाने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा है।
सड़क किनारे से ही अवैध कब्जा
अमलेश्वर से लेकर पाहंदा तक सड़क के चौड़ीकरण का काम चल रहा है। कब्जाधारी सड़क के किनारे से ही अवैध कब्जा कर रहे हैं।
महादेव वाटिका के पास 3.61 हेक्टेयर पर अवैध कब्जा
अमलेश्वर नगरपालिका कार्यालय से महज 2-3 सौ मीटर की दूरी पर महादेव वाटिका के पास स्थित शासकीय चरागाह जमीन खसरा क्र. 22 के 3.61 हेक्टेयर जमीन पर अवैध कब्जा किया जा चुका है। नगरपालिका द्वारा दिए गए नोटिस का इन कब्जाधारियों पर कोई असर नहीं हो रहा है। अवैध कब्जाधारी बेखौफ होकर इस पर मकान बना रहे हैं।
तहसीलदार पाटन को पत्र लिखने के 9 माह बाद भी कार्रवाई नहीं
नगरपालिका प्रशासन ने इन अवैध कब्जाधारियों को अतिक्रमण हटाने के लिए पहले नोटिस दिया, लेकिन इस नोटिस का इन पर कोई असर नहीं हुआ। यह शासकीय जमीन राजस्व विभाग के अंतर्गत आता है, इसलिए नपा प्रशासन ने इन अवैध कब्जाधारियों को हटाने के लिए तहसीलदार पाटन को पत्र लिखा है। साथ कलेक्टर दुर्ग को भी इसकी सूचना दी गई है। पत्र के माध्यम से मुख्य नगरपालिका अधिकारी ने बताया कि निकाय द्वारा उक्त सभी अवैध कब्जा को हटाए जाने नोटिस जारी किया गया है, किंतु इनके द्वारा उपरोक्त अतिक्रमण को आज पर्यन्त तक नहीं हटाया गया है। चूंकि अवैध कब्जाधारी भूमि शासकीय एवं राजस्व विभाग के अधीन होने के कारण निकाय द्वारा उक्त अतिक्रमण को हटाए जाने की कार्यवाही नहीं की जा सकती है। अत: राजस्व विभाग द्वारा इन अवैध कब्जाधारियों पर कार्यवाही कर अतिक्रमण को अतिशीघ्र हटाए जाएं।
इधर मुख्य नपा अधिकारी के पत्र लिखने के 9 महीने बाद भी अवैध अतिक्रमण हटाने के संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इससे नपा क्षेत्र में अवैध कब्जाधारियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं। यहां स्थित शासकीय जमीन तेजी से अवैध कब्जे की चपेट में आ रही है।