
रायपुर। आईपीएस जीपी सिंह ने शुक्रवार को सुबह 11.30 बजे पुलिस मुख्यालय पहुंच कर ज्वाइनिंग दे दी है। यहां उन्होंने डीजीपी अशोक जुनेजा से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने जॉइनिंग दे दी। गुरुवार को छत्तीसगढ़ शासन के गृह मंत्रालय ने उन्हें बहाल करने के आदेश जारी किए थे। इसके बाद उन्होंने आज जॉइनिंग दी। पूर्ववर्ती सरकार ने उन्हें 20 जुलाई 2023 को अनिवार्य सेवानिवृत्ति का प्रस्ताव भेज दिया था। जिसके आधार पर जीपी सिंह को मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर्स ने फोर्सली रिटायरमेंट दे दिया था।
सबसे पहले कैट ने उन्हें बहाल करने के आदेश दिए। उनकी बहाली आदेश को यूनियन ने दिल्ली हाईकोर्ट में चैलेंज कर दिया। दिल्ली हाईकोर्ट में भी जीपी सिंह को जीत मिली। इसके खिलाफ यूनियन ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी 10 दिसंबर को जीपी सिंह को फोर्सली रिटायरमेंट को गलत बताया और उन्हें सेवा में लेने के आदेश जारी किए। सुप्रीम कोर्ट के रूप को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 12 दिसंबर को जीपी सिंह की बहाली आदेश जारी कर दिया। आदेश के परिपालन में कल छत्तीसगढ़ शासन के गृह विभाग ने भी जीपी को बहाल कर दिया।
बता दें कि गुरजिंदर पाल सिंह ने 4 सितंबर 1994 को आईपीएस की सेवा ज्वाइन की। पहले वे मध्यप्रदेश कैडर के आईपीएस थे। वे प्रशिक्षु आईपीएस के तौर पर ग्वालियर में तैनात रहें। इंदौर के एडिशनल एसपी भी रहें। पृथक छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद जीपी सिंह ने छत्तीसगढ़ कैडर चुन लिया। वे यहां महासमुंद व दंतेवाड़ा एसपी रहे। दंतेवाड़ा में उनके नक्सल विरोधी अभियान को काफी सफलता मिली। उन्होंने कई नक्सलियों को सरेंडर करवाया। वे बिलासपुर रेंज के आईजी रहें। इसके अलावा रायपुर व दुर्ग के आईजी भी रहे हैं। एडीजी दूरसंचार व तकनीकी सेवाएं व परिवहन में रहे हैं। छत्तीसगढ़ के एसीबी ( एंटी करप्शन ब्यूरो) के चीफ रहे हैं।