0 रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
मुंगेली। छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में कुसुम पावर प्लांट में गुरुवार दोपहर को बड़ा हादसा हो गया। रामबोर्ड गांव में स्थित कुसुम इस्मेल्टर्स स्टील प्लांट में साइलो (स्टोरेज टैंक) गिरने से 6 मजदूर चपेट में आ गए। इनमें से एक की मौत हो गई। वहीं अभी 4-5 मजदूर नीचे दबे हुए हैं।
मामला सरगांव थाना इलाके का है। बताया जा रहा है कि प्लांट प्रशासन ने पहले तो लोगों को अंदर जाने से रोका, लेकिन हंगामे और कर्मचारियों के दबाव के बाद ही रेस्क्यू टीम को अंदर जाने दिया गया। फिलहाल, रेस्क्यू टीम बचाव कार्य में जुटी हुई है। वहीं नीचे दबे लोगों की संख्या को लेकर कोई स्पष्ट नहीं कर पा रहा है। फैक्ट्री मालिक आदित्य अग्रवाल ने मीडिया से चर्चा में बताया कि प्लांट में रोज करीब 400 के आसपास मजदूर कार्य करने आते हैं। इस लिहाज से बंकर में दबे लोगों की संख्या में आधा दर्जन से ज्यादा भी हो सकती है। फिलहाल फैक्टरी प्रबंधन की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक अवधेश कश्यप और जयंत साहू 2 मजदूर लापता बताये जा रहे हैं।
हादसे के बाद आईजी डॉ संजीव शुक्ला ने कहा कि फैक्ट्री प्रबंधन के अनुसार 2 से 3 लोग दबे हैं। हालांकि, सही जानकारी साइलो के हटाए जाने के बाद ही सामने आ पाएगी। 2 लोग घायल थे, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है, इनमें से एक मजदूर की मौत हुई है।
कर्मचारियों ने कहा- मशीनों की जांच नहीं हुई
यह हादसा मनियारी नदी के पास, बिलासपुर-रायपुर हाइवे से लगे रामबोर्ड गांव के कुसुम प्लांट में हुआ। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, प्लांट में भारी साइलो अचानक गिर गया, जिससे वहां काम कर रहे कर्मचारी इसकी चपेट में आ गए। प्लांट के कुछ कर्मचारियों ने बताया कि हादसा प्रबंधन की लापरवाही से हुआ है। अंदर की मशीनों और स्ट्रक्चर की समय पर जांच और मरम्मत नहीं की गई थी, जिसकी वजह से यह घटना हुई। प्लांट विस्तार में जल्दबाजी का खामियाजा भुगतना पड़ा है।
उच्चस्तरीय जांच की मांग
इससे पहले भी क्षेत्रवासी प्लांट से हो रहे प्रदूषण से काफी परेशान रहे हैं। हादसे के बाद घटनास्थल के पास बड़ी संख्या में स्थानीय और परिजन जुट गए। उनकी मांग है कि हादसे की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और दोषियों पर कार्रवाई की जाए। प्रभावित परिवारों ने प्लांट प्रबंधन से मुआवजे की मांग की है।
परिजनों ने किया हंगामा
हादसे बाद परिजनों और ग्रामीणों ने हंगामा कर दिया। उनका आरोप है कि दोपहर 1 बजे घटना हुई है, लेकिन 6-7 घंटे बाद भी साइलो को हटाया नहीं गया है। जानबूझकर देरी की जा रही है। ताकि सभी लोग घर चले जाए और सही जानकारी को छिपाया जा सके। 5 से 6 लोगों के नीचे दबे होने की आशंका है।