
0 नगर पंचायत चुनाव में पूर्व मंत्री व वर्तमान विधायक अजय चंद्राकर की साख गिरी
रवि शर्मा
कुरूद। नगर पंचायत कुरूद के चुनाव में इस बार भाजपा की जीत जरूर हुई, लेकिन जिस जोरशोर से भाजपा ने इस चुनाव में ताकत झोंकी थी, उस हिसाब से परिणाम नहीं आया। नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर भाजपा प्रत्याशी ने बहुत की कम मतों से जीत हासिल की।
जिस गर्म जोश से पूर्व मंत्री व क्षेत्रीय विधायक अजय चंद्राकर ने चुनाव में एक-एक वार्ड, समाज, युवा एवं महिला समूह की ताकत झोंकी थी। साथ ही शाम-दण्ड-भेद की नीति भी अपनाया था। इसके बावजूद चुनाव परिणाम पे निगाहें, कही पे निशाना को चरितार्थ कर आधी खुशी आधा गम की स्थिति रही। नगर पंचायत के कुल 15 वार्ड में से 6 पर भाजपा की जीत हुई, जबकि 9 वार्डों में कांग्रेस ने परचम लहराया। महज 15 वार्डों में भाजपा प्रत्याशी ज्योति चंद्राकर के पति भानु चंद्राकर की मजबूत छवि के कारण भाजपा प्रत्याशी की नैया पार हो गई। भाजपा प्रत्याशी ज्योति भानु चन्द्राकर को बोल बम सेवा समिति, आटो यूनियन और वंदेमातरम् परिवार की कार्य शैली के चलते भोले बाबा के आशीर्वाद स्वरुप 15 वार्डों वाली नगर पंचायत में बहुत कम मतों 261 वोट से ज्योति की ज्योत जली। इसी तरह डाक मत पत्र कुल 6 में 5 भाजपा व 1 मत कांग्रेस प्रत्याशी तपन चन्द्राकर को मिला। भाजपा की ज्योति चन्द्राकर को कुल 4594 मत मिले, जबिक कांग्रेस के तपन चन्द्राकर को 4333 वोट मिले। वहीं आम आदमी पार्टी के विनोद सचदेवा को मात्र 74 और कांग्रेस से बागी होकर निर्दलीय लड़े योगेश चन्द्राकर को 163 वोट मिले। इस तरह बागी योगेश चंद्राकर व आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस का समीकरण बिगाड़ा। यहां नोटा में 71 वोट पड़े। निर्दलीय और नोटा का कुल मत 308 होता हैं। इस हिसाब से अगर सभी वोट कांग्रेस प्रत्याशी को मिल जाते तो वे नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर कांग्रेस कब्जा हो जाता। इस तरह देखा जाए तो तेज तर्रार पूर्व कैबिनेट मंत्री अजय चंद्राकर की साख और ग्राफ उनके ही गृह नगर में गिरी। इसी तरह नजदीकी नगर पंचायत मगरलोड़ भैंसमुण्डी में कांग्रेस का कब्जा रहा। अब देखना यह है कि जीते 9 कांग्रेसी पार्षदों में से कौन उपाध्यक्ष और कौन नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी संभालेंगे। संभावनाओं पर खरे उतरे तो पूर्व विधायक कुरुद विधानसभा स्व. डॉ. चंद्रहास साहू के सुपुत्र युवा नेता देवव्रत साहू को उपाध्यक्ष पद मिल सकता है। वहीं नेता प्रतिपक्ष की बात करें तो यह अहम जिम्मेदारी तेज तर्रार अनुभवी निष्ठावान दमदार विरोधी नगर विकास में भ्रष्टाचार पर पैनी नजर रखने वाले रजत चन्द्राकर को यह अहम जिम्मेदारी मिल सकती है, जो कि पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक के प्रबल विरोधी नीलम चन्द्राकर के बड़े भाई हैं। बीते विधानसभा चुनाव में भी नीलम चन्द्राकर ने वर्तमान विधायक को करारी टक्कर दी थी। वो तो कांग्रेस में गुटबाजी के चलते विधायकी हासिल की, जो कि नगर में चर्चा का विषय बना हुआ हैं। नगर पंचायत चुनाव से आम जनता में दबी जुबान चर्चा है कि लोगों ने विधायक कामकाज पर नकारात्मक वोट दिया है। इस चुनाव को देखा जाय तो कद्दावर वर्तमान भाजपा विधायक के भावी राजनीतिक सफर पर प्रश्नचिन्ह लगता नजर आ रहा।
