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0 हाईकोर्ट में लगाई अग्रिम जमानत याचिका
0 सुनवाई की तारीख तय नहीं, 38 दिनों से जेल में
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा पिछले 38 दिनों से जेल में बंद हैं। ईडी के बाद अब लखमा को ईओडब्ल्यू-एसीबी की गिरफ्तारी का डर सता रहा है। गिरफ्तारी से बचने उन्होंने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की है।

हाईकोर्ट ने अभी सुनवाई की तारीख तय नहीं की है, लेकिन मामले की सुनवाई जल्द होने की बात कही जा रही है। इसके पहले ईडी की स्पेशल कोर्ट से लखमा की जमानत खारिज हो चुकी है। साथ ही उन्हें विधानसभा सत्र में भी शामिल होने की अनुमति नहीं मिली। ईडी ने लखमा को 15 जनवरी को गिरफ्तार किया था। ईडी ने रिमांड पर उनसे 7 दिन पूछताछ की। इसके बाद 21 जनवरी से 4 फरवरी तक न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया। ईडी की विशेष अदालत 2 बार उनकी रिमांड बढ़ा चुकी है। लखमा 4 मार्च तक न्यायिक रिमांड पर जेल में हैं।

अब जानिए लखमा को क्यों है गिरफ्तारी का डर ?
दरअसल, शराब घोटाला केस में ईडी ने ईओडब्ल्यू में 2 पूर्व मंत्री, अफसरों सहित 100 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया है। इसमें कवासी लखमा का भी नाम है। लखमा ने ऐसे में लखमा को आशंका है कि अगर उनको बेल मिलती है, तो फौरन ईओडब्ल्यू गिरफ्तार कर सकती है। शराब घोटाला केस में सुप्रीम कोर्ट से अरुण त्रिपाठी को बेल मिल चुकी है, लेकिन वह जेल से बाहर नहीं आ सके। ऐसे कई अफसर हैं, जिनको सुप्रीम कोर्ट से बेल मिल चुकी है, लेकिन वह ईओडब्ल्यू में दर्ज एफआईआर के कारण जेल से रिहा नहीं हो सके।

लखमा को नहीं मिली विधानसभा सत्र में शामिल होने की अनुमति
कवासी लखमा ने 18 फरवरी को सुनवाई के दौरान विधानसभा सत्र में शामिल होने के लिए ईडी कोर्ट से अनुमति मांगी थी, लेकिन गुरुवार को सुनवाई के दौरान स्पेशल कोर्ट ने अनुमति नहीं दी। कोर्ट ने कहा कि लखमा की अनुपस्थिति से विधानसभा सत्र के संचालन में कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा।

ईडी के वकील ने रखा था तर्क
पिछली सुनवाई में कवासी लखमा की अर्जी पर आपत्ति जताते हुए ईडी के वकील सौरभ पांडे ने कहा था कि अगर विधानसभा में कोई वोटिंग चल रही है, लखमा की ओर से कोई सवाल पूछा गया है या उन्हें कोई जवाब देना है, ऐसी कोई स्थिति है तो आप बताइए। ईडी के वकील ने अपने तर्क में कहा था कि छत्तीसगढ़ के राज्यपाल की ओर से विधानसभा में कवासी लखमा को पार्टिसिपेट करने के लिए कोई पत्र नहीं आया है, इसलिए इन्हें अनुमति नहीं मिलनी चाहिए।