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0 योजना को लेकर अफसरों को खड़े किया कटघरे में
रायपुर। विधानसभा बजट सत्र के तीसरे दिन गुरुवार को सत्ता पक्ष के सदस्यों ने राजधानी रायपुर में अमृत मिशन योजना के कार्यों में अनियमितता को लेकर पीएचई मंत्री व डिप्टी सीएम अरुण साव को घेरा। भाजपा सदस्यों ने इस योजना में अफसरों के कामकाज पर सवाल खड़े किए। 
भाजपा सदस्यों ने आरोप लगाया कि करोड़ों रुपए खर्च करने के  बाद भी राजधानी के एक भी घर में 24 घंटे पानी नहीं पहुंच पाया। पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने कहा कि वे नल जल कनेक्शन योजना में अनियमितता की जानकारी समीक्षा बैठक में दे चुके हैं। इस पूरे मामले में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के हस्तक्षेप के बाद पीएचई मंत्री ने जांच का आश्वासन दिया। 

प्रश्नकाल में पूर्व मंत्री व विधायक राजेश मूणत ने अमृत जल जीवन मिशन के कामकाज को लेकर विभागीय अफसरों पर जमकर हमला बोला। अफसरों के कामकाज पर सवालिया निशान उठाते हुए विधायक मूणत ने डिप्टी सीएम व विभागीय मंत्री अरुण साव से पूछा कि अमृत मिशन के तहत घर-घर पानी पहुंचाने का आपका दावा पूरी तरह फेल हो गया है। राजधानी रायपुर में जब आप पानी नहीं दे पा रहे हैं, तब गांवों की बात छोड़ दीजिए। डीपीआर बनाने से लेकर पाइपलाइन बिछाने और ओवर लेपिंग के मामले में अफसरों की मनमानी साफ दिखाई दे रही है। राजधानी में एक भी वार्ड ऐसा नहीं जहां लोगों को पानी मिल रहा हो। विधायक के सवाल और अफसरों की मनमानी के मुद्दे पर डिप्टी सीएम अरुण साव को जवाब देते नहीं बना। वे अपने जवाब पर ही घिरते रहे।

विधायक अजय चंद्राकर के बाद विधायक मोतीलाल साहू ने भी जल जीवन मिशन योजना के कार्यों में गड़बड़ी का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि अमृत मिशन की जल प्रदाय योजना के जरिए 45 वार्डों में नल जल कनेक्शन का कार्य होना था। पाइपलाइन बिछाने के लिए सड़कों की खुदाई की गई। बाद में कार्यों को अधूरा छोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि इन वार्डों में जलापूर्ति अब तक नहीं हो पाई है। 
इस पर पीएचई मंत्री श्री साव ने बताया कि नगर निगम के 70 वार्डों में में 20 वार्डों में अमृत मिशन योजना के जरिए पानी सप्लाई की जा रही है। 2 लाख 60 हजार 255 मकान हैं। इनमें से 1 लाख 95 हजार 964 घरों में नल कनेक्शन पहुंचाए जा चुके हैं। छह वार्डों में स्मार्ट सिटी और पीएचई विभाग द्वारा मिलकर नल के कनेक्शन दिए जा चुके हैं और पानी की सप्लाई की जा रही है। वहीं 13 वार्डों में नल के कनेक्शन नहीं हुए हैं और 19 वार्डों में आंशिक रूप से कनेक्शन दिए जा चुके हैं। श्री साव ने माना कि रायपुर ग्रामीण में दो जगह पानी टंकी बने हैं, लेकिन नल कनेक्शन का कोई प्रावधान नहीं था। उन्होंने कहा कि 2016-17 के सर्वे के आधार पर अमृत मिशन की योजना बनी थी। इसके बाद अलग परिस्थितियां बन गई। चूंकि यह योजना बंद हो चुकी है। छोटे शहरों के लिए चल रही है। ऐसे में फिर से सर्वे कराकर योजना पर काम शुरू करने पर विचार करेंगे। 
इस पर मोतीलाल साहू ने मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने कहा कि अभी भी कई क्षेत्रों में काम अधूरे पड़े हैं। ऐसे में कैसे सर्वे कराया जा सकता है। इस पर स्पीकर डॉ. सिंह ने टोकते हुए कहा कि मंत्री जी ने सर्वे कराकर अधूरे काम को पूरा करने की बात कही है।  
इस पर भाजपा सदस्य राजेश मूणत ने सवाल उठाया कि राजधानी रायपुर की आबादी 30 लाख है। यहां के 70 में से एक भी वार्ड आप बता दीजिए जिसमें सात दिन चौबीस घंटे पानी की आपूर्ति की जा रही है। पानी पहुंचाने के नाम पर पाइप लाइन बिछाई गई है। ओवर लेपिंग के चलते व्यवस्था और भी बिगड़ गई है। विधायक मूणत ने डिप्टी सीएम से पूछा कि किसने डीपीआर बनाया,पाइप लाइन बिछाने काम किसने किया। किस अधिकारी ने यह स्वीकृति दी। विधायक ने फिर कहा कि यह सबको पता है कि पानी आपूर्ति का काम नगर निगम के जरिए किया जाता है। पाइप लाइन बिछाते समय निगम से एनओसी क्यों नहीं ली गई। निगम काे इससे अलग क्यों रखा गया है। विधायक मूणत ने कहा कि पानी पहुंचाने के नाम पर 411 करोड़ की राशि खर्च कर दी है, इसके बाद भी हम लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंचा पा रहे हैं।