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0 बंद कारखानों पर उद्योग मंत्री को घेरा, पूछा- यह कैसी औद्योगिक नीति?’

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान गुरुवार को नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने बंद कारखानों के मजदूरों को मुआवजा भुगतान का मामला सदन में उठाया। डॉ. महंत ने कहा कि अगर इसी तरह कारखाने से बंद होते रहे, तो कैसी औद्योगिक नीति बना रहे हैं। इस पर उद्योग मंत्री लखन देवांगन ने नियमों के अनुसार मजदूरों को भुगतान किए जाने की बात कही। 

इस पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने सवाल किया कि जनवरी 2024 से जनवरी 2025 तक कितने उत्पादन केंद्र बंद हुए? उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने बताया कि पांच उद्योग बंद हुए हैं। सरकार की योजना अनुरूप अनुदान दिया गया था। वित्तीय कारणों की वजह से उद्योग बंद हुए हैं। 2023 में कांग्रेस शासनकाल के दौरान 18 उद्योग बंद हुए थे, और बीते पाँच साल में 27 उद्योग बंद हुए हैं।
इस पर डॉ. महंत ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल के नाम पर पंडरिया में शक्कर कारखाना शुरू हुआ था। 28 फ़रवरी को इसे बंद कर दिया गया, क्योंकि गन्ने का भुगतान नहीं किया गया। भोरमदेव का शक्कर कारखाना और बालोद का शक्कर कारखाना भी बंद कर दिया गया है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने एक रिवॉल्विंग फण्ड बनाया था, जिससे भुगतान होता है। यदि कारखाने इस तरह से बंद होते रहे, तो कैसी औद्योगिक नीति बना रहे हैं। उद्योग बंद होने पर कारखाना अधिनियम में मुआवजा देने का प्रावधान है। क्या मजदूरों को मुआवजा का भुगतान किया गया है? इस पर उद्योग मंत्री लखन देवांगन ने कहा कि श्रम अधिनियम के अनुसार मजदूरों के भुगतान की प्रक्रिया की जाएगी. जो नियम में होगा वैसा किया जाएगा।