
0 याचिकाकर्ता को लगाई फटकार
0 कहा- सुरक्षाबलों का मनोबल गिराना चाहते हैं क्या, ऐसी अर्जियां मत लाइए
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की न्यायिक जांच का आदेश देने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही जस्टिस सूर्यकांत और एनके सिंह की बेंच ने याचिकाकर्ता को फटकार भी लगाई।
कोर्ट ने कहा कि यह संवेदनशील समय है। पूरा देश एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ खड़ा है। क्या आप सिक्योरिटी फोर्स का मनोबल गिराना चाहते हैं। ऐसी याचिकाएं कोर्ट में मत लाइए। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, ऐसी जनहित याचिकाएं दायर करने से पहले जिम्मेदारी से काम लें। देश के प्रति भी आपका कुछ कर्तव्य है। आप रिटायर्ड जज से जांच करने के लिए कह रहे हैं। हम जांच (आतंकी हमले) के एक्सपर्ट कब से बन गए। हमारा काम केवल फैसला सुनाना है। हालांकि कोर्ट ने कहा स्टूडेंट की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे पर आज हाईकोर्ट जा सकते हैं। इसके बाद तीन याचिकाकर्ताओं में से एक ने याचिका वापस ले ली।
किसने दायर की थी पिटीशन
जनहित याचिका कश्मीर के रहने वाले मोहम्मद जुनैद ने दायर की थी। याचिकाकर्ताओं में फतेश कुमार साहू और विकी कुमार का भी नाम है। याचिका में ये भी कहा गया है कि केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार कश्मीर में पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
पहलगाम में आतंकियों ने धर्म पूछकर गोली मारी थी
कश्मीर के पहलगाम स्थित बायसरन घाटी में 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ था। इसमें 26 पर्यटक मारे गए थे। इसमें एक नेपाल का टूरिस्ट भी शामिल था। आतंकियों ने पर्यटकों का धर्म पूछकर गोली मारी थी। हमले की जिम्मेदारी पहले द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली थी, हालांकि बाद में इससे मुकर गया था। पहलगाम हमला मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कर रही है। एनआईए ने मामले में 27 अप्रैल को जम्मू में केस दर्ज किया था।