
0 पूछा- क्या पहलगाम हमले में लश्कर शामिल था
0 यूएन चीफ ने कहा- कोई गलती न करें
वॉशिंगटन डीसी। पहलगाम अटैक और भारत-पाकिस्तान तनाव पर सोमवार रात यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल (यूएनएससी) की मीटिंग में पाकिस्तान से सवाल हुए। न्यूज एजेंसीकी रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान से पूछा गया कि क्या पहलगाम अटैक में लश्कर-ए-तैयबा शामिल था।
बैठक में यूएनएससी मेंबर्स ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की और इसकी जवाबदेही की जरूरत पर भी जोर दिया। इस दौरान यूएनएससी मेंबर्स ने कहा कि पहलगाम में पर्यटकों को उनके धर्म के आधार पर निशाना बनाया गया। मेंबर्स ने पाकिस्तान की ओर से 3 दिन में 2 मिसाइल परीक्षण किए जाने पर भी चिंता जाहिर की। यूएनएससी के अस्थाई सदस्य पाकिस्तान ने भारत-पाकिस्तान तनाव पर मीटिंग की अपील की थी। साथ ही यह भी कहा था कि यह मीटिंग बंद कमरे में हो। मीटिंग पर यूएनएससी ने अभी कोई स्टेटमेंट जारी नहीं किया है।
सूत्रों के मुताबिक मेंबर्स ने पाकिस्तान के भारत पर लगाए आरोपों को स्वीकार नहीं किया। हालांकि, बैठक से पहले यूएन चीफ एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों देशों से अपील की कि कोई गलती न करें, मिलिट्री ऑपरेशन समाधान नहीं है।
पाकिस्तान की अपील पर कंसल्टेशन रूम में मीटिंग
यह बैठक सिक्योरिटी काउंसिल के मुख्य कक्ष में नहीं बल्कि ‘कंसल्टेशन रूम’ में हुई थी। इस कमरे में गोपनीय बातचीत होती है। बैठक में 15 देशों के प्रतिनिधि शामिल थे। बातचीत लगभग डेढ़ घंटे तक चली। बैठक के बाद सिक्योरिटी काउंसिल ने कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
यूएनएससी बैठक से जुड़ी 4 अहम बातें
1. पाकिस्तान के उस झूठे दावे को खारिज कर दिया गया, जिसमें उसने कहा था कि भारत ने पहलगाम में खुद आतंकी हमला कराया।
2. मामले को ग्लोबल बनाने से इनकार। पाक को भारत के साथ द्विपक्षीय रूप से मुद्दों को सुलझाने की सलाह दी गई।
3. पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की गई और इसकी जवाबदेही ठहराने की मांग की गई।
4. पाकिस्तान ने भारत के सिंधु जल समझौता स्थगित करने की आलोचना की। कहा कि पानी को हथियार के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
पाकिस्तान बोला- भारत के भड़काऊ बयान से तनाव बढ़ा
बैठक के बाद यूएन में पाकिस्तानी राजदूत इफ्तिखार अहमद ने कहा कि पाकिस्तान ने इस मीटिंग का अनुरोध किया था, ताकि दक्षिण एशिया में पैदा हो रहे तनाव को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि उनका जो मकसद था वो पूरा हुआ। इफ्तिखार ने कहा कि सुरक्षा परिषद के कई सदस्य इस बात पर सहमत थे कि तमाम मुद्दों को शांति से हल किया जाना चाहिए। इसमें कश्मीर का मुद्दा भी शामिल है। उन्होंने कहा कि इलाके में शांति सिर्फ बातचीत और अंतरराष्ट्रीय कानून की पाबंदी से ही मुमकिन है। इफ्तिखार ने आरोप लगाया कि भारत ने 23 अप्रैल को ‘एकतरफा और गैरकानूनी’ कदम उठाए। इसके साथ ही सैन्य जमावड़ा और भड़काऊ बयान दिए। इससे तनाव खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। इफ्तिखार ने कहा कि पाकिस्तान टकराव नहीं चाहता, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की हिफाजत के लिए पूरी तरह तैयार है।"