
0 हर महीने 3.6 करोड़ चिप बनेंगी
0 केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में अनुमाेदन
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एचसीएल और फॉक्सकॉन के संयुक्त उद्यम के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के जेवर में 3706 करोड़ रुपए के निवेश से एक और सेमी कंडक्टर इकाई की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को यहां केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव का अनुमाेदन किया गया।
बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी कुमार वैष्णव ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि यह इकाई 2027 में उत्पादन शुरु कर देगी। उन्होंने बताया कि देश में पांच सेमीकंडक्टर इकाईयों का निर्माण चल रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 में शुरु किये गये भारत सेमी कंडक्टर मिशन में जेवर में विकसित होने वाली इस छठी इकाई के साथ भारत रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सेमीकंडक्टर उद्योग को विकसित करने की अपनी यात्रा में आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने बताया कि स्वीकृत इकाई एचसीएल और फॉक्सकॉन का संयुक्त उद्यम है। ये यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में जेवर हवाई अड्डे के पास एक संयंत्र स्थापित करेंगे। यह संयंत्र मोबाइल फोन, लैपटॉप, ऑटोमोबाइल, पीसी और डिस्प्ले वाले अन्य उपकरणों के लिए डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स का निर्माण करेगा। इस संयंत्र को 20,000 वेफर्स प्रति माह के हिसाब से तैयार किया गया है। इसकी उत्पादन क्षमता तीन करोड 60 लाख चिप प्रति माह होगी। इस संयंत्र में दो हजार लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। इस संयंत्र से भारत की जरूरत की 40 प्रतिशत डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स की आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
श्री वैष्णव ने बताया कि सेमी कंडक्टर उद्योग पूरे देश में आकार ले रहा है। देश भर के कई राज्यों में विश्व स्तरीय संयंत्र स्थापित हो चुकी हैं। देश में 270 शैक्षणिक संस्थानों और 70 स्टार्टअप में छात्र और उद्यमी नए उत्पादों के विकास के लिए विश्व स्तरीय नवीनतम डिजाइन प्रौद्योगिकियों पर काम कर रहे हैं। उन्हाेंने बताया कि भारत में लैपटॉप, मोबाइल फोन, सर्वर, चिकित्सा उपकरण, बिजली इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा उपकरण और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के तेजी से विकास के साथ सेमीकंडक्टर की मांग बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि भारत में मेमोरी, इलैक्ट्रॉनिक डिस्प्ले, इलैक्ट्रिक वाहन, भारी इलैक्ट्रॉनिक्स मशीनों आदि में लगने वाली चिप्स बनने से देश के इलैक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में बुनियादी आत्म निभर्रता हासिल होगी।
उन्होंने कहा कि भारत चिप डिज़ायन के क्षेत्र में भी तेजी से प्रगति कर रहा है। हाल ही में भारत ने तीन नैनोमीटर की डिज़ायन तैयार की है। उन्होंने कहा कि भारत ने छह सात साल से रक्षा उपकरणों में काम आने वाली चिपों के डिज़ायन एवं उत्पादन पर ध्यान देना शुरू किया है और अब इनके विनिर्माण के काम में बहुत तेजी आएगी ताकि भारत जल्द से जल्द अपने रक्षा उपकरण विदेशी चिपों की बजाय स्वदेशी एवं आधुनिक चिपों से युक्त बन सकें।