
श्रीनगर। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की निगरानी में रखा जाना चाहिए।
रक्षा मंत्री श्रीनगर में सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने कई बार भारत को परमाणु हमले की धमकी दी है। आज श्रीनगर की धरती से मैं पूरी दुनिया के सामने यह सवाल उठाना चाहता हूं कि क्या ऐसे गैरजिम्मेदार और दुष्ट देश के हाथों में परमाणु हथियार सुरक्षित हैं? मेरा मानना है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को आईएईए (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) की निगरानी में रखा जाना चाहिए।
श्री सिंह ने कहा कि भारत के बारे में पूरी दुनिया जानती है कि हमने हमेशा शांति को प्राथमिकता दी है। हम कभी भी युद्ध का समर्थन नहीं करते हैं। लेकिन जब ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है तो हमारे बलों को पूरे देश में सम्मान के साथ देखा जाता है।
उन्होंने कहा कि “एक मजबूत राष्ट्र वह होता है जो अपनी सेनाओं का सम्मान करता है और साथ ही उन्हें आधुनिक हथियारों और उपकरण से सुसज्जित करता है जिनकी उन्हें ज़रूरत होती है। मुझे गर्व है कि आज सरकार हमारी सेनाओं के लिए सब कुछ कर रही है। उन्होंने कहा कि जब देश की संप्रभुता पर हमला होता है तो जवाब देना आवश्यक हो जाता है।
उन्होंने कहा कि पिछले चार दशकों से भारत पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर इतिहास में आतंकवाद के खिलाफ भारत द्वारा की गई सबसे बड़ी कार्रवाई थी।”
रक्षा मंत्री ने कहा कि “पहलगाम हमले को अंजाम देकर भारत को चोट पहुंचाने की कोशिश की गई और भारत की सामाजिक एकता को तोड़ने का प्रयास किया गया।”
रक्षा मंत्री गुरुवार को श्रीनगर पहुंचे, जो ऑपरेशन सिंदूर होने के बाद से उनकी जम्मू-कश्मीर की पहली यात्रा थी।
यह यात्रा भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को हाल ही में घोषित युद्ध विराम के मद्देनजर हो रही है, जिसके बाद कई दिनों तक सीमा पार से भीषण झड़पें और गोलाबारी हुई, जिसके परिणामस्वरूप नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर कई लोग हताहत हुए और अवसंरचना को नुकसान पहुंचा।
अधिकारियों ने कहा कि आगमन के तुरंत बाद रक्षा मंत्री श्रीनगर स्थित सेना की 15वीं कोर के मुख्यालय गये, जहां उन्होंने सैन्यकर्मियों से बातचीत की और उन्हें मौजूदा सुरक्षा स्थिति से अवगत कराया गया।
उन्होंने बताया कि रक्षा मंत्री युद्ध की तैयारियों और सीमावर्ती क्षेत्रों, विशेषकर हाल में सीमा पार से हुई गोलाबारी से प्रभावित क्षेत्रों सहित समग्र सुरक्षा परिदृश्य का आकलन कर सकते है।