Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

tranding

0 हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में पहले होगी जातीय जनगणना 
0 केंद्र ने 1 महीने पहले जातीय गणना की घोषणा की थी
0 जातियों की गणना के साथ-साथ जनसंख्या जनगणना भी होगी

नई दिल्ली। केंद्र सरकार दो चरणों में जातीय जनगणना कराएगी। गृह मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि पहले फेज की शुरुआत 1 अक्टूबर 2026 से होगी। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 4 पहाड़ी राज्यों- हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में जातीय जनगणना कराई जाएगी। 1 मार्च 2027 से दूसरे फेज में बाकी राज्यों को कवर किया जाएगा। इसके लिए अधिसूचना 16 जून को जारी की जाएगी।

गृह मंत्रालय ने अपने प्रेस रिलीज में बताया कि जातियों की गणना के साथ-साथ जनसंख्या जनगणना भी कराने का फैसला लिया गया है। इससे जुड़ा नोटिफिकेशन 16 जून 2025 तक आधिकारिक राजपत्र में पब्लिश किया जाएगा। केंद्र ने 30 अप्रैल 2025 को जातीय जनगणना कराने का ऐलान किया था। देश में आजादी के बाद यह पहली जातीय जनगणना होगी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि जातीय जनगणना को मूल जनगणना के साथ ही कराया जाएगा।
सरकार 2021 की जनगणना कोविड के कारण नहीं करा सकी थी। जनगणना-2021 के पहले चरण की सभी तैयारियां पूरी हो गयी थी और पहली अप्रैल, 2020 से कुछ राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों में फील्ड वर्क शुरू होने वाला था। महामारी के प्रकोप के कारण जनगणना का काम स्थगित करना पड़ा था।
बता दें कि कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल जाति जनगणना कराने की मांग करते रहे हैं। देश में पिछली जनगणना 2011 में की गई थी और उस समय भी यह काम दो चरणों में पूरा किया गया था। इसे हर 10 साल में किया जाता है। इस हिसाब से 2021 में अगली जनगणना होनी थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे टाल दिया गया था।  

2011 में सामाजिक-आर्थिक गणना हुई, आंकड़े जारी नहीं
मनमोहन सिंह सरकार के दौरान 2011 में सामाजिक-आर्थिक और जातिगत जनगणना करवाई गई थी। इसे ग्रामीण विकास मंत्रालय, शहरी विकास मंत्रालय और गृह मंत्रालय ने करवाया था। हालांकि इस सर्वेक्षण के आंकड़े कभी भी सार्वजनिक नहीं किए गए। ग्रामीण विकास मंत्रालय की वेबसाइट पर इसके एससी-एसटी हाउसहोल्ड के आंकड़े ही जारी किए गए हैं। जनगणना एक्ट 1948 में एससी-एसटी की गणना का प्रावधान है। ओबीसी की गणना के लिए इसमें संशोधन करना होगा। इससे ओबीसी की 2,650 जातियों के आंकड़े सामने आएंगे। 2011 की जनगणना के अनुसार, 1,270 एससी और 748 एसटी जातियां हैं। 2011 में एससी आबादी 16.6% और एसटी 8.6% थी।

जातियों की गिनती के लिए एक्ट में संशोधन करना होगा
जनगणना एक्ट 1948 में एससी-एसटी की गणना का प्रावधान है। ओबीसी की गणना के लिए इसमें संशोधन करना होगा। इससे ओबीसी की 2,650 जातियों के आंकड़े सामने आएंगे। 2011 की जनगणना के अनुसार, 1,270 एससी, 748 एसटी जातियां हैं। 2011 में एससी आबादी 16.6% और एसटी 8.6% थी।

जनगणना फॉर्म में 29 कॉलम, केवल एससी-एसटी की डिटेल
2011 तक जनगणना फॉर्म में कुल 29 कॉलम होते थे। इनमें नाम, पता, व्यवसाय, शिक्षा, रोजगार और माइग्रेशन जैसे सवालों के साथ केवल एससी और एसटी कैटेगरी से ताल्लुक रखने को रिकॉर्ड किया जाता था। अब जाति जनगणना के लिए इसमें एक्स्ट्रा कॉलम जोड़े जा सकते हैं।

राहुल जाति जनगणना कराने की मांग करते रहे हैं
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने 2023 में सबसे पहले जाति जनगणना की मांग की थी। इसके बाद वे देश-विदेश की कई सभाओं और फोरम पर केंद्र से जाति जनगणना कराने की मांग करते रहे हैं।  

कांग्रेस ने हमेशा जाति जनगणना का विरोध कियाः वैष्णव 
केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा कि 1947 से जाति जनगणना नहीं की गई। कांग्रेस की सरकारों ने हमेशा जाति जनगणना का विरोध किया। 2010 में दिवंगत डॉ. मनमोहन सिंह सिंह ने कहा था कि जाति जनगणना के मामले पर कैबिनेट में विचार किया जाना चाहिए। इस विषय पर विचार करने के लिए मंत्रियों का एक समूह बनाया गया था। अधिकांश राजनीतिक दलों ने जाति जनगणना की सिफारिश की। इसके बावजूद कांग्रेस सरकार ने जाति का सर्वेक्षण या जाति जनगणना कराने का फैसला नहीं किया।