
0 ‘रिच डैड, पुअर डैड’ के लेखक रॉबर्ट कियोसाकी ने निवेशकों को चेताया
होनोलूलू (अमेरिका)। क्या शेयर मार्केट में इतिहास का सबसे बड़ा क्रैश होने वाला है? ‘रिच डैड पुअर डैड’ के लेखक रॉबर्ट कियोसाकी ने निवेशकों को चेताया है। रॉबर्ट कियोसाकी ने भविष्यवाणी की है कि 2025 में आर्थिक संकट गहराएगा, बाजारों में भारी गिरावट आएगी और चांदी में निवेश करने से लोग अमीर बन सकते हैं।
‘रिच डैड पुअर डैड’ जैसी मशहूर किताब के लेखक और वित्तीय सलाहकार रॉबर्ट कियोसाकी ने एक बार फिर निवेशकों को सावधान किया है। उन्होंने दावा किया है कि इस साल शेयर, बॉन्ड और रियल एस्टेट बाजार में अब तक का सबसे बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। कियोसाकी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी चेतावनी दी और निवेशकों को सलाह दी कि वे इस संकट से बचने और आर्थिक रूप से संपन्न बनने के लिए अभी से कदम उठाएं।
कियोसाकी ने अपनी किताब रिच डैड्स प्रोफेसी (2013) में पहले ही इस तरह के संकट की भविष्यवाणी की थी। उन्होंने कहा कि यह संकट अब शुरू हो चुका है और गर्मियों तक इसका असर साफ दिखेगा। उनके मुताबिक इस संकट से सबसे ज्यादा नुकसान उनकी पीढ़ी यानी बूमर पीढ़ी को होगा, क्योंकि लाखों लोग शेयर और बॉन्ड बाजार के गिरने से अपनी जमा-पूंजी खो देंगे। लेकिन उन्होंने यह भी जोड़ा कि जो लोग अभी से सही कदम उठाएंगे, वे इस संकट में भी बहुत अमीर बन सकते हैं।
सिल्वर में निवेश की सलाह
कियोसाकी ने निवेशकों को सलाह दी कि इस संकट के दौरान लोग सोना, चांदी और बिटकॉइन जैसी संपत्तियों की ओर भागेंगे। खास तौर पर उन्होंने चांदी को आज का सबसे बड़ा निवेश अवसर बताया। उनके अनुसार, चांदी की कीमत अभी करीब 35 डॉलर प्रति औंस है, जो इसके सर्वकालिक उच्च स्तर से 60% कम है। उन्होंने भविष्यवाणी की कि 2025 में चांदी की कीमत तीन गुना तक बढ़ सकती है। कियोसाकी ने कहा कि चांदी की कम कीमत की वजह से दुनिया भर के लोग इसे खरीद सकते हैं और इस मौके का फायदा उठाकर अमीर बन सकते हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इस संकट को एक अवसर के रूप में देखें। कियोसाकी ने कहा कि चांदी की कीमत अभी इतनी कम है कि लगभग हर कोई इसे खरीद सकता है। यह मौका है कि आप अमीर बनें, जबकि लाखों लोग इस संकट में गरीब हो जाएंगे। आप कल क्या करेंगे. अमीर बनना चुनेंगे या गरीब? कियोसाकी की यह चेतावनी और सलाह सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई है। उन्होंने निवेशकों से कहा है कि उन्हें अब यह तय करना है कि वे इस संकट को कैसे देखते हैं-एक खतरे के रूप में या एक बड़े अवसर के रूप में।