
0 आसिम मुनीर बोले- अमेरिकी राष्ट्रपति को नोबेल प्राइज मिलना चाहिए
वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर से बंद कमरे में मुलाकात की। दोनों ने व्हाइट हाउस के कैबिनेट रूम में साथ लंच किया। यह पहली बार है जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने पाकिस्तान के आर्मी चीफ की मेजबानी की है।
यह मुलाकात मुनीर के ट्रम्प को नोबेल शांति पुरस्कार देने की मांग वाले बयान के बाद हुई। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता एना केली ने बताया कि मुनीर ने ट्रम्प को मई में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष रुकवाने का क्रेडिट दिया है। उनके इस बयान के सम्मान में ट्रम्प ने उन्हें लंच पर बुलाया था।
आसिम मुनीर अभी अमेरिका के दौरे पर हैं। ट्रम्प से उनकी मुलाकात से कुछ घंटे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से 35 मिनट तक फोन पर बातचीत की थी। इस दौरान मोदी ने साफ कहा था कि 7 से 10 मई तक चले ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय और पाकिस्तानी सेनाओं के बीच बातचीत के बाद सीजफायर हुआ था। किसी बाहरी मध्यस्थता के माध्यम से नहीं।
मुनीर की तारीफ में ट्रम्प बोले- संघर्ष रोकने में इनकी अहम भूमिका
मुनीर से मुलाकात के बाद ट्रम्प ने व्हाइट हाउस लॉन में मीडिया से बात की। उन्होंने कहा, 'इस आदमी ने पाकिस्तान की तरफ से इसे (भारत-पाकिस्तान लड़ाई) रोकने में अहम भूमिका निभाई।' ट्रम्प ने बताया कि मुनीर के साथ उनकी ईरान-इजराइल संघर्ष पर भी चर्चा हुई। मुनीर से मुलाकात से पहले भी ट्रम्प ने मीडिया से बात की थी। तब उन्होंने कहा, 'मैंने उन्हें (मुनीर) यहां इसलिए बुलाया है क्योंकि मैं उन्हें भारत के साथ युद्ध में नहीं उतरने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी धन्यवाद देना चाहता हूं, जो कुछ दिन पहले ही यहां से गए हैं। ट्रम्प ने कहा कि हम भारत और पाकिस्तान के साथ व्यापार समझौते पर काम कर रहे हैं। इन दो बहुत ही चतुर लोगों (पीएम मोदी और आसिम मुनीर) ने एक टकराव रोकने का फैसला किया जो परमाणु युद्ध बन सकता था। पाकिस्तान और भारत दो बड़ी परमाणु शक्तियां हैं।'
अमेरिका में मुनीर के खिलाफ पाकिस्तानियों ने नारेबाजी की
इससे पहले मुनीर ने मंगलवार को वॉशिंगटन में पाकिस्तानी समुदाय को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने कहा- भारत पहलगाम हमले का इल्जाम पाकिस्तान पर लगाकर सीमा उल्लंघन कर रहा है। हम शहादत स्वीकार करेंगे, लेकिन अपमान नहीं। मुनीर ने ईरान-इजराइल युद्ध खत्म करने की वकालत की और अमेरिका के साथ आतंकवाद विरोधी साझेदारी की तारीफ की। हालांकि पाकिस्तानियों को संबोधित करने के दौरान उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा। अमेरिकी-पाकिस्तानी नागरिकों ने मुनीर के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उन्हें तानाशाह और कातिल बताया।