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0 भूपेश बघेल ने उठाया मामला, पक्ष-विपक्ष के बीच जमकर नारेबाजी
0 विधानसभा अध्यक्ष ने किया हस्पक्षेप, विभागीय मंत्री के जवाब से असंतुष्ट 
 
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जल जीवन मिशन का मामला उठाया और इस मिशन को फेल होने का आरोप लगाया। इसके जवाब में डिप्टी सीएम और विभागीय मंत्री अरुण साव ने कहा कि हमने 10 लाख नल कनेक्शन दिया है। इस पर विपक्षी विधायकों ने मंत्री पर गलत जानकारी देने की बात कहते हुए हंगामा किया और जवाब से असंतुष्ट होकर सदन से वॉकआउट कर दिया। 

प्रश्नकाल में जल जीवन मिशन मामले को लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ। इस मामले को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर नारेबाजी हुई। भारी हंगामे पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह को हस्तक्षेप करना पड़ा। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि प्रश्नकाल को बाधित नहीं किया जाना चाहिए। आसंदी की मर्यादा का ध्यान रखें। प्रश्नकाल में हंगामा करना उचित नहीं है। पूरा देश छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्यवाही को देखता है। सदस्यों को आपस में देखकर बात नहीं करनी चाहिए। आसंदी की ओर देख कर बात करनी चाहिए। आसंदी की मर्यादाओं का पालन हम सभी को करना होगा। 
प्रश्नकाल में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जल जीवन मिशन का मामला उठाते हुए पूछा कि साल 2022-23, 23-24 और 24-25 में कितनी राशि खर्च हुई? लक्ष्य के विरुद्ध कितने घरों में पानी पहुंच पाया? बघेल ने कहा कि कई जिलों में कम राशि खर्च की गई। वहीं कई जिलों में दूसरे जिलों के मुकाबले बहुत कम घरों में पानी पहुंचा है।

इस पर विभागीय मंत्री अरुण साव ने कहा कि अब तक साल 2022-23 से 15 हजार 45 करोड़ मतलब 57 प्रतिशत राशि खर्च हुआ है। 31 लाख 16 हजार 398 घरों में नल से पानी दे रहे हैं। 3 हजार 836 गांवों में पूरी तरह नल से पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। राशि का भुगतान काम के प्रोग्रेस के मुताबिक किया जाता है, इसलिए अलग-अलग जिलों में अलग-अलग स्थिति है। 49 लाख से ज्यादा घरों में नल कनेक्शन के जरिए पानी पहुंचाना है। देरी से काम शुरू हुआ है।

इस पर भूपेश बघेल ने कहा कि डबल इंजन की सरकार में सिर्फ 3 हजार 500 करोड़ रुपये योजना पर खर्च हुआ। सिर्फ 57 प्रतिशत का लक्ष्य हासिल हुआ है। इस पर मंत्री अरुण साव ने कहा कि साल 2023 के आखिर तक 36 लाख परिवारों तक नल का कनेक्शन दिखाया गया, सिर्फ आंकड़े दिखाने के लिए ये किया गया। हमने जो वेरिफिकेशन किया तो पता चला कि सिर्फ 21 लाख घरों में पानी जा रहा था, बाकी 15 लाख में सिर्फ नल लगाया गया था। आपने समय पर काम किया होता तो ये हालात नहीं बनते। आपकी सरकार ने बगैर पानी के नल टोटी लगाए।
इस पर भूपेश बघेल ने कहा कि 21 लाख घरों में हमने पानी दिया। अब तक 31 लाख घरों में पानी पहुंच रहा कह रहे हैं। मतलब करीब 2 साल में डबल इंजन की सरकार ने सिर्फ 10 लाख घरों में नल से पानी दिया। ये भी सही है या आंकड़ेबाजी है? नल से पानी नहीं मिलने के मामले पर सदन में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। पक्ष-विपक्ष के बीच नोक-झोंक हुई। विपक्षी विधायकों ने झूठा आंकड़ा बताने का आरोप लगाते हुए कहा कि कई जिलों में पानी तक नहीं मिल रहा।

इस बीच नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि 20 महीने की सरकार में सिर्फ 7 प्रतिशत काम हुआ है, जबकि हमने अपनी सरकार के दौरान करीब 74 प्रतिशत काम किया है। फिर ज्यादा काम किसने किया? इस पर अरुण साव ने कहा कि हमने 10 लाख नल कनेक्शन पानी के साथ दिया। भूपेश बघेल ने कहा कि 7 महीने में कितने नल कनेक्शन दिए और कितनी राशि खर्च की। अरुण साव ने कहा कि 10 लाख नल कनेक्शन दिया है। इस पर विपक्ष के विधायकों ने गलत जानकारी देने की बात कही। जवाब से असंतुष्ट विपक्ष के विधायकों ने सदन से वॉक आउट किया।

प्रश्नकाल में भाजपा विधायक धरम लाल कौशिक ने राज्य स्तरीय उच्च पावर समिति की अनुशंसा पर कृत कार्रवाई का मुद्दा उठाया। उन्होंने पूछा कि कब-कब क्या-क्या अनुशंसा की गई? किन फर्मों और अधिकारियों को दोषी पाया गया और क्या कार्रवाई की गई? कुछ संस्थाओं ने फर्जी दस्तावेज के जरिए काम प्राप्त किया, जो बाद में प्रमाणित भी हुआ है, इन पर क्या कार्रवाई की गई?

विधायक के सवाल का जवाब देते हुए उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने कहा कि 12 अनुबंध निरस्त किए हैं। मामले की जांच जारी है। अधिकारियों की संलिप्तता के संबंध में अभी कोई रिपोर्ट नहीं आई है, इसलिए कार्यवाही नहीं की। रिपोर्ट में जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी। किसी को बक्शा नहीं जाएगा।
इस पर भाजपा सदस्य धरमलाल कौशिक ने कहा कि जब इसमें प्रमाणित पाया गया है तो एक के खिलाफ आपने कार्यवाही की तो बाकी के खिलाफ क्यों नहीं की? अधिकारियों को दिशा निर्देश हाईकोर्ट से प्राप्त हुआ है। इस पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि जिसने एफिडेविट प्रस्तुत किया था, उसके खिलाफ एफआईआर की है। बाकी को ब्लैक लिस्टेड कर रहे हैं। जैसा उच्च न्यायालय के दिशा निर्देश होंगे, उस पर कार्यवाही की जाएगी। इस पर धरम कौशिक ने कहा कि उदाहरण लता उसेडी जी का प्रश्न है, जिसमें 80 प्रतिशत का भुगतान हो चुका है।ऐसे अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही करेंगे?

इस बीच विपक्ष के विधायक देवेंद्र यादव ने कहा कि मंत्री ने ही सदन में कहा था कि जब तक कार्य 70 प्रतिशत पूरा नहीं किया जाएगा, तब तक भुगतान नहीं किया जाएगा? इस दौरान विधायक देवेंद्र यादव और अजय चंद्राकर के बीच तीखी बहस हुई।  मामले को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार हंगामा हुआ। उपमुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर विपक्ष ने कहा कि लगातार सदन को गुमराह किया जा रहा। इस पर विधासभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने सभी सदस्यों से कहा कि मर्यादा का ख्याल रखें। उपमुख्यमंत्री साव ने कहा कि पत्र लिखकर यह स्पष्ट किया गया है कि किसी भी कार्य का 70 प्रतिशत कार्य पूरा ना होने तक राशि का भुगतान नहीं किया जाएगा। इसके बाद विपक्षी सदस्य हंगामा करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया। 

मानसून सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल में पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने जल जीवन मिशन का मुद्दा उठाया।

अरुण साव ने बताया कि- 31 लाख 16 हजार 398 घरों में नल से पानी दिया जा रहा है।