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0 नेता प्रतिपक्ष डॉ. महंत ने कहा-पुलिस और माइनिंग अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा अवैध खनन 
 
रायपुर। विधानसभा मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को शून्यकाल में प्रदेश में धड़ल्ले से चल रहे अवैध रेत उत्खनन को लेकर विपक्ष ने काम रोको प्रस्ताव लाकर चर्चा की मांग की। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि लगातार प्रदेश में अवैध रेत उत्खनन पुलिस और माइनिंग वालों की देखरेख में चल रहा है। खदानों में गोली चल रही है। जिंदा आदमियों पर ट्रक चढ़ा दिए जा रहे हैं। इसे स्वीकृत कर सदन में चर्चा कराई जाए। इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने सदन में चर्चा की ग्राह्यता को अस्वीकार कर दिया। इससे नाराज विपक्षी सदस्यों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। 

शून्यकाल में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व अन्य कांग्रेस विधायकों ने काम रोको प्रस्ताव की सूचना दी। नेता प्रतिपक्ष डॉ. महंत ने कहा कि पर्यावरण का संरक्षण और संवर्धन करना राज्य का संवैधानिक उत्तरदायित्व है। राज्य में ऐसी कोई नदी नहीं है, जहां रेत का अवैध उत्खनन नहीं हो रहा है। अवैध रेत उत्खनन की गतिविधियां खनिज, पर्यावरण, पुलिस और राजस्व विभाग के पूर्ण संरक्षण में चल रहा है। डॉ. महंत ने कहा कि रेत नदियों के लिए रीढ़ की हड्डी के समान है, किंतु अवैध उत्खनन के कारण हमारी प्राकृतिक धरोहर रूप नदियां नष्ट होने की कगार पर है। विगत 18 माह में प्रदेश में स्थिति इतनी खराब हो गई है कि प्रदेश के बाहर के रेत माफियाओं द्वारा गैंगवार, गोलीकांड, तलवारबाजी, चाकूबाजी तथा वाहन से कुचलने जैसे कृत्य किए जा रहे हैं। बलरामपुर में तो एक पुलिस आरक्षक को ही प्रदेश के बाहर के रेत माफियाओं द्वारा वाहन से कुचलकर मार दिया गया। एक घटना में रेत का अवैध उत्खनन करने वालों ने वन विकास निगम के कई अफसरों को बुरी तरह से मार-पीटकर मरणासन्न कर दिया गया। इसी तरह राजनांदगांव में रेत माफियाओं ने अवैध रेत उत्खनन का विरोध करने पर ग्रामीणों पर गोली चलाई। राजनांदगांव में तो अवैध रेत उत्खनन का कार्य पुलिस थाना के टीआई और जिला खनिज अधिकारी के ही संरक्षण में किया जा रहा था, लेकिन इन दोनों अधिकारियों को सिर्फ निलंबित किया गया। आरोपी बनाकर गिरफ्तार नहीं किया गया। डॉ. महंत ने कहा कि राज्य में ऐसे कई अधिसूचित रेत खदान हैं, जिनके पट्टे दिए जाने के लिए जानबूझकर निविदाएं आमंत्रित नहीं किए जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ता पक्ष के नेताओं द्वारा ही बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन कराया जा रहा है। प्रदेश में 100 से अधिक रेत घाटों को पट्टे पर दिए जाने के आवेदन पत्रों को शासन द्वारा लंबित रखा गया है, ताकि अवैध उत्खन्न धड़ल्ले से चलता रहे। डॉ. महंत ने कहा कि बांगो नदी और बलरामपुर-रामानुजगंज से व्यापक पैमाने पर अवैध रेत उत्खनन कर सीमावर्ती राज्यों मध्यप्रदेश व झारखंड में विक्रय की जाती है। लीज की शर्तों का घोर उल्लंघन कर सूर्यास्त के बाद मशीनों से अवैध रेत उत्खनन कर प्रदेश की नदियों को छलनी किया जा रहा है। 
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि यह निर्माण से संबंधित है। रेत खनन में माफिया सरकार को अपने जेब में रखकर दादागिरी के साथ नदियों को खाली कर रहे हैं। आपके जिले में गोलियां चला रही है। यह विषय बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है, इसलिए इसमें चर्चा कराना जरूरी है। 

वहीं कांग्रेस सदस्य उमेश पटेल ने कहा कि माइनिंग के अधिकारियों को जब पूछा जाता है तो वो कहते हैं कि हमें ऊपर से आदेश है कि इन्हें नहीं पकड़ना है। पत्रचार के बाद भी कार्यवाही नहीं की जा रही है। रेत माफियों ने रायगढ़ जिले के मांड नदी का कोई किनारा नहीं छोड़ा है। यहां धड़ल्ले से अवैध उत्खनन चल रहा है, इसलिए इस पर चर्चा करना बहुत जरूरी है। इस बीच देवेंद्र यादव ने कहा कि आज के समय में पत्रकार भी सुरक्षित नहीं हैं। पूरी मिलीभगत के साथ अवैध रेत खनन का काम किया जा रहा है। इस पर चर्चा कराना बेहद जरूरी है। वहीं दिलीप लहरिया ने कहा कि महानदी में कई जगहों पर रेत की सप्लाई बारिश में भी नहीं हो पा रही है। रेत माफिया चाकूबाजी करते हैं। समस्या गंभीर है, इसलिए हम चाहते हैं कि इस पर चर्चा हो। कांग्रेस सदस्य रामकुमार यादव ने कहा कि ऐसे विषय में चर्चा कराना बेहद आवश्यक है। 
विपक्षी सदस्यों के बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि स्थगन की सूचना आज प्राप्त हुई। उन्होंने इस मुद्दे पर सदन में चर्चा की ग्राह्यता को अस्वीकार कर दिया। इसके बाद विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन कर दिया।