
0 इनमें 1 करोड़ का इनामी बालकृष्ण भी शामिल
0 मुठभेड़ स्थल से हथियार और भारी मात्रा में नक्सली सामग्री बरामद
गरियाबंद। गरियाबंद जिले के मैनपुर के मटाल इलाके के घने जंगल में गुरुवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई, जो समाचार लिखे जाने तक जारी रही। इस मुठभेड़ में 1 करोड़ के इनामी नक्सली मोडेम बालकृष्ण समेत 10 नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि मुठभेड़ स्थल से हथियार और भारी मात्रा में नक्सली सामग्री बरामद की गई है। एसपी निखिल राखेचा ने मैनपुर के जंगलों में मुठभेड़ की पुष्टि की है।
गरियाबंद एसपी निखिल राखेचा ने मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए बताया कि बड़े नक्सली मारे गए हैं। अभियान पूरी तरह समाप्त होने के बाद विस्तृत जानकारी अलग से जारी की जाएगी। वहीं, आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों से अपील की गई है कि वे अपने घरों से बाहर न निकलें और सुरक्षा बलों को काम करने में सहयोग दें। जिला प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां नक्सलियों के खिलाफ कड़े अभियान को सफल बनाने के लिए सतर्कता और रणनीति के साथ काम कर रही हैं।
रायपुर रेंज के आईजी अमरेश मिश्रा ने बताया कि मैनपुर थाना क्षेत्र के जंगल में सुरक्षाकर्मी नक्सल विरोधी अभियान पर थे, तभी उनका सामना नक्सलियों से हो गया और दोनों तरफ से गोलीबारी शुरू हो गई। उन्होंने कहा कि एसटीएफ, कोबरा (सीआरपीएफ की कमांडो बटालियन फॉर रेजोल्यूट एक्शन) और राज्य पुलिस के जवान इस अभियान में शामिल हैं।
मिली जानकारी के अनुसार कम से कम 10 नक्सलियों को मार गिराया गया है। गोलीबारी अभी भी जारी है। आईजी अमरेश मिश्रा ने बताया कि जंगल में नक्सलियों के शव पड़े हुए हैं। आईईडी लगे होने का भी खतरा है। रात में सर्च ऑपरेशन नहीं किया जा सकता।
गरियाबंद में जनवरी में 16 नक्सली मारे गए थे
गरियाबंद जिले में इसी साल 24 जनवरी को करीब 80 घंटे तक चले इस ऑपरेशन में 16 नक्सली मारे गए थे। इनमें से 12 नक्सलियों पर कुल 3 करोड़ 16 लाख रुपए का इनाम घोषित था। मारे गए नक्सलियों में नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी का मेंबर चलपति भी था।चलपति पर ही 90 लाख का इनाम था। वहीं नुआपड़ा-गरियाबंद-धमतरी डिवीजन कमेटी का प्रमुख सत्यम गावड़े भी एनकाउंटर में मारा गया था। यह पहला मौका था जब छत्तीसगढ़ में किसी मुठभेड़ में सेंट्रल कमेटी का सदस्य मारा गया। चलपति ऊर्फ अप्पा राव गरियाबंद के भालूडिग्गी इलाके से ही 3 राज्यों में नक्सल एक्टिविटी को कंट्रोल करता था।
चलपति महीनों से इसी डिवीजन में था
एसपी निखिल राखेचा ने बताया कि कई माह से चलपति इसी इलाके में मौजूद था। धमतरी गरियाबंद नुआपड़ा डिवीजन कमेटी में 20 से 25 नक्सलियों के साथ सक्रिय था। पंचायत चुनाव को प्रभावित करने के अलावा सामान्य मासिक बैठक की सूचना एजेंसियों से मिली थी। इसके बाद पुलिस ने नक्सल ऑपरेशन सेल के साथ रणनीति बनाई। इस ऑपरेशन में जिला पुलिस बल के ई-30, एसटीएफ, कोबरा 207, सीआरपीएफ 65 एवं 211 के लगभग 400 जवानों को भेजा गया था।

