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नई दिल्ली। राज्य सभा के सभापति सी पी राधाकृष्णन ने सदन के सभी दलों के नेताओं से मंगलवार को आग्रह किया कि सदन की कार्यवाही के एक-एक पल का इस्तेमाल लोकतंत्र को मजबूत करने के लिये किया जाना चाहिए और सभी नेताओं ने उन्हें सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से चलाने में सहयोग देने का आश्वासन दिया है।
श्री राधाकृष्णन ने राज्य सभा का सभापति बनने के बाद पहली बार सदन के सभी दलों के नेताओं की आज शाम यहां बैठक बुलायी। इसका उद्देश्य सदन की कार्यवाही को बिना किसी व्यवधान के सुचारू रूप से चलाने और सदन का पूरा समय निर्धारित विषयों पर अधिकतम चर्चा सुनिश्चित करने के लिए नेताओं के सुझाव प्राप्त करना था।
श्री राधाकृष्णन पिछले महीने ही उपराष्ट्रपति निर्वाचित हुए हैं और उपराष्ट्रपति राज्य सभा के पदेन सभापति होते हैं।
श्री राधाकृष्णन के कार्यालय की ओर से बताया गया कि सभापति ने इस बात पर जोर दिया कि बातचीत और चर्चा संसदीय लोकतंत्र के मूल तत्व हैं। उन्होंने सभी नेताओं से सदन में शून्य काल, प्रश्न काल तथा विशेष उल्लेख के दौरान सार्वजनिक महत्व के मुद्दों को उठाने का और समय का अधिक से अधिक उपयोग करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि देश का संविधान तथा राज्य सभा की नियमावली संसदीय विचार-विमर्श की लक्ष्मण रेखा होनी चाहिए।
सभापति ने बैठक में हुए विचार-विमर्श को अत्यंत उपयोगी बताते हुए सभी नेताओं के उनके सुझावों के लिए धन्यवाद दिया।
बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं सांसद प्रमोद तिवारी ने संवाददाताओं से कहा कि सभी दलों के नेताओं ने राज्य सभा की कार्यवाही सुचारु रूप से चलाने में सभापति को सहयोग देने पर सहमति जतायी।
उन्होंने कहा कि वह कुछ दिन पूर्व ही उप राष्ट्रपति निर्वाचित हुये हैं और उन्होंने बैठक आयोजित कर अच्छी परम्परा शुरू की है।
श्री तिवारी ने बताया कि सभापति ने सभी नेताओं की बातों को ध्यानपूर्वक सुना। सभी की मंशा थी कि सदन की कार्यवाही शांतिपूर्वक चले। उन्होंने बैठक में कहा कि विपक्षी दलों के सदस्यों की ओर से उठाये गये जनहित के विषयों को उचित महत्व दिया जाना चाहिए और उन चर्चा अवश्य करायी जानी चाहिए। उनके अनुसार सभापति ने आश्वासन दिया है कि जनहित के मुद्दों को गंभीरता से लिया जायेगा।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी पी संतोष कुमार ने कहा कि श्री राधाकृष्णन के साथ हुई पहली बैठक बहुत रचनात्मक रही। उन्होंने कहा कि बैठक में सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से चलाने पर जोर दिया गया।
तमिल मनीला कांग्रेस (एम) के जी के वासन ने कहा कि सभापति ने सभी दलों के नेताओं की बातों को ध्यानपूर्वक सुना। आशा है कि सदन के अगले सत्र से नयी शुरुआत होगी। प्रश्न काल और शून्य काल बहुत महत्वपूर्ण होता है, इनके लिए निर्धारित समय में बाधा उत्पन्न नहीं की जानी चाहिए। इन्हें सुचारु रूप से चलाने पर विशेष जोर दिया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि 21 जुलाई को श्री जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों से उप राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिये जाने के कारण कराये गये चुनाव में श्री राधाकृष्णन नौ सितंबर को उप राष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे। वह राज्य सभा के आगामी शीतकालीन सत्र का पहली बाद संचालन करेंगे।
बैठक में सदन के नेता और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा, संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, तृणमूल कांग्रेस की सागरिका घोष, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और अन्य दलों के नेता मौजूद थे।