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0 210 माओवादियों ने डाले हथियार, संविधान की किताब-गुलाब से स्वागत
0 कार से आया सेंट्रल कमेटी मेंबर रूपेश

जगदलपुर। जगदलपुर में शुक्रवार को 210 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण  किया। 153 हथियार भी सौंपे गए हैं। इनमें गुरुवार को बस्तर में सरेंडर करने वाले 140 और कांकेर में पहले आत्मसमर्पण कर चुके 60 से ज्यादा नक्सली शामिल हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया कि सरेंडर करने वालों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत मकान, जमीन और तीन साल तक आर्थिक सहायता दी जाएगी।

पुलिस लाइन परिसर में आयोजित कार्यक्रम में सभी नक्सलियों को भारतीय संविधान की किताब और एक गुलाब भेंट कर उनका स्वागत किया गया। सरेंडर कार्यक्रम स्थल पर नक्सलियों को 3 बसों के जरिए लाया गया, जिनमें महिला नक्सलियों की संख्या पुरुषों से अधिक रही। सेंट्रल कमेटी मेंबर (सीसीएम) सतीश उर्फ टी. वासुदेव राव उर्फ रूपेश को अलग से कार से कार्यक्रम स्थल तक लाया गया। रूपेश माड़ डिवीजन में सक्रिय था और उस पर 1 करोड़ रुपए का इनाम घोषित था, जबकि अन्य नक्सलियों पर 5 लाख से 25 लाख तक के इनाम थे।

सरेंडर नक्सलियों को 3 साल आर्थिक मददः सीएम साय
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को सरकार तीन साल तक आर्थिक सहायता देगी। उन्हें पुनर्वास नीति का पूरा लाभ मिलेगा। रहने के लिए मकान और आजीविका के लिए जमीन भी उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि वे सम्मानजनक जीवन की ओर बढ़ सकें। सीएम साय ने कहा कि हमारे भाई-बहन अब विकास की मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं। उन्हें संविधान की प्रति भी दी गई है, ताकि वे लोकतांत्रिक व्यवस्था को समझें और अपनाएं। उन्होंने कहा कि बस्तर में अब बदलाव दिख रहा है- "सड़कें बन रही हैं, बिजली और राशन लोगों तक पहुंच रहा है। राज्य सरकार बस्तर के समग्र विकास के लिए वचनबद्ध है।

माता-पिता के सुख से वंचित लोगों का मेडिकल ट्रीटमेंट होगाः विजय शर्मा
डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री ने लक्ष्य तय किया है कि 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद समाप्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 'यह मान लिया जाए कि तय समय में यह लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा। पुनर्वास नीति के तहत उन्होंने कहा कि कोई नक्सली माता-पिता के सुख से वंचित है, तो सरकार मेडिकल ट्रीटमेंट तक की सुविधा देगी।उन्होंने बताया कि इस सरेंडर में माड़ डिवीजन की पूरी कमेटी आई है। गढ़चिरौली वाले वापस गढ़चिरौली लौट गए हैं। केशकाल यूनिट शेष है। कंपनी-1, 10 पूरी तरह सरेंडर कर चुके हैं। 
कंपनी-5 में 1-2 को छोड़कर सभी आत्मसमर्पण कर चुके हैं। कम्युनिकेशन टीम और जोनल डॉक्टर टीम पूरी तरह सरेंडर कर चुकी है। उत्तर-पश्चिम ज़ोन पूरी तरह खाली हो चुका है।  डीआरजी (डिस्ट्रिक रिजर्व गार्ड) को लेकर उन्होंने कहा कि इसमें जो शामिल होना चाहें, उन्हें शामिल किया जाएगा। डीआरजी की मौजूदा टीम में 10% ही सरेंडर्ड नक्सली हैं, बाकी सभी नए भर्ती हुए लोग हैं।

 

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