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0 पीएम मोदी ने नवा रायपुर स्थित नवीन विधानसभा भवन का लोकार्पण किया
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्योत्सव के ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को नवा रायपुर स्थित नवीन विधानसभा भवन का लोकार्पण किया। इस दौरान कार्यक्रम में मंच पर पीएम मोदी के साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, राज्यपाल रामेन डेका, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत मौजूद रहे।

लोकार्पण के बाद समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा के लिए आज का दिन एक स्वर्णिम शुरुआत का दिन है और मेरे लिए व्यक्तिगत तौर पर यह बहुत ही सुखद दिन है, अहम दिन है। मेरा बीते कई दशकों से इस भूमि से बहुत आत्मीय नाता रहा है। एक कार्यकर्ता के रूप में मैंने छत्तीसगढ़ में बहुत समय बिताया। यहां से मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला। मेरे जीवन को गढ़ने में यहां के लोगों का, यहां की भूमि का बहुत बड़ा आशीर्वाद रहा है। छत्तीसगढ़ की परिकल्पना और इसके निर्माण का संकल्प और फिर इस संकल्प की सिद्धि हर एक क्षण पर मैं छत्तीसगढ़ में परिवर्तन का साक्षी रहा हूं। आज जब छत्तीसगढ़ 25 साल की यात्रा के अहम पड़ाव पर पहुंचा है, तो मुझे इस क्षण का भी सहभागी बनने का अवसर मिला है। आज इस रजत जयंती के उत्सव पर मुझे राज्य के लोगों के लिए इस नई विधानसभा का लोकार्पण करने का सौभाग्य मिला है। मैं छत्तीसगढ़ के लोगों को और राज्य सरकार को इस अवसर पर शुभकामनाएं और बधाई देता हूं।

प्रदेश के स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया
पीएम मोदी ने कहा कि 2025 का यह साल भारतीय गणतंत्र का अमृत वर्ष भी है। 75 साल पहले भारत ने अपना संविधान देशवासियों को समर्पित किया था। ऐसे में आज इस ऐतिहासिक अवसर पर मैं इस अंचल से संविधान सभा के सदस्य रहे रविशंकर शुक्ल, बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल, घनश्याम सिंह गुप्त, ईश्वरी मोहन त्रिपाठी, रामप्रसाद पोटाई और रघुराज सिंह जैसे महापुरुषों को स्मरण करते हुए उन्हें अपनी श्रद्धांजलि देता हूं। तब के काफी पिछड़े रहे इस क्षेत्र से दिल्ली पहुंचकर इन विभूतियों ने बाबा साहेब के नेतृत्व में संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज का दिन छत्तीसगढ़ के इतिहास का स्वर्णिम अध्याय बनकर चमक रहा है।

यह केवल एक इमारत का समारोह नहीं
आज जब हम इस भव्य और आधुनिक विधानसभा भवन का लोकार्पण कर रहे हैं, तो यह केवल एक इमारत का समारोह नहीं, बल्कि 25 वर्षों की जन-आकांक्षा, जन-संघर्ष और जन-गौरव का उत्सव बन गया है। आज छत्तीसगढ़ अपने स्वप्न के नए शिखर पर खड़ा है और इस गौरवशाली क्षण में मैं उन महापुरुषों को नमन करता हूं जिनकी दूरदृष्टि और करुणा ने इस राज्य की स्थापना की। वो महापुरुष हैं भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी। साल 2000 में जब अटल जी ने छत्तीसगढ़ राज्य का गठन किया, तो वह निर्माण केवल प्रशासनिक नहीं था, वह निर्णय था विकास की नई राह खोलने का और वह निर्णय था छत्तीसगढ़ की आत्मा को पहचान दिलाने का। इसलिए आज जब इस भव्य विधानसभा के साथ-साथ अटल जी की प्रतिमा का भी अनावरण हुआ है, तो मन कह उठता है मेरे भाव व्यक्त हो रहे हैं। अटल जी जहां भी हों,  अटल देखिये आपका सपना साकार हो रहा है। आपका बनाया हुआ छत्तीसगढ़ आज आत्मविश्वास से भरा हुआ है, विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है।

छत्तीसगढ़ के भाग्य को दिशा देंगे
छत्तीसगढ़ विधानसभा का इतिहास अपने आप में प्रेरणा स्रोत है। 2000 में जब इस सुंदर राज्य की स्थापना हुई तो पहली विधानसभा की बैठक राजकुमार कॉलेज (रायपुर) के जशपुर हॉल में हुई थी। वह समय सीमित संसाधनों का तो था लेकिन असीम सपनों का था। तब केवल एक भावना थी कि हम अपने भाग्य को और तेजी से उज्ज्वल बनाएंगे। बाद में विधानसभा को जो भवन तैयार हुआ वह भी पहले किसी दूसरे विभाग का परिसर था। वहीं से छत्तीसगढ़ में लोकतंत्र की यात्रा नई ऊर्जा के साथ प्रारंभ हुई और आज 25 वर्षों के बाद वही लोकतंत्र, वही जनता एक आधुनिक, डिजिटल और आत्मनिर्भर विधानसभा भवन का उद्घाटन कर रही है। यहां लिए गए निर्णय दशकों तक छत्तीसगढ़ के भाग्य को दिशा देंगे।

यह भवन छत्तीसगढ़ की नीति, नियति और नीतिकारों का केंद्र बनेगा
उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है यह भवन आने वाले दशकों के लिए छत्तीसगढ़ की नीति, नियति और नीतिकारों का केंद्र बनेगा। आज पूरा देश विरासत और विकास को साथ लेकर चल रहा है, और यह भावना सरकार की हर नीति और निर्णय में भी दिखती है। आज देश की संसद को हमारा पवित्र सेंगोल प्रेरणा देता है। नई संसद की नई गैलरियां पूरी दुनिया को भारत के लोकतंत्र की प्राचीनता से जोड़ती हैं। संसद परिसर में लगी प्रतिमाएं पूरे विश्व को बताती हैं कि भारत में लोकतंत्र की जड़ कितनी गहरी है।

नया परिसर राज्य की समृद्ध संस्कृति का परिमार्जन है
उन्होंने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि भारत की यही सोच, यही भावना छत्तीसगढ़ की इस नई विधानसभा में भी झलकती है। विधानसभा का नया परिसर राज्य की समृद्ध संस्कृति का परिमार्जन है। इस विधानसभा के कण-कण में छत्तीसगढ़ की भूमि पर जन्मे हमारे महापुरुषों की प्रेरणा है। उन्होंने कहा कि मैं जब इस भवन को देख रहा था तो मुझे बस्तर आर्ट की सुंदर झलक दिखाई दी। पीएम ने बताया कि जब मैं कुछ महीने पहले थाईलैंड के प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी, तो उन्हें बस्तर आर्ट भेंट की थी। बस्तर की यह कला हमारी सृजनशीलता और संस्कृति का प्रतीक है।

इस भवन की दीवारों में बाबा गुरु घासीदास का संदेश 
पीएम मोदी ने कहा कि इस भवन की दीवारों में बाबा गुरु घासीदास का मनखे-मनखे एक समान का संदेश है, जो हमें सबका साथ, सबका विकास, सबका सम्मान सिखाता है। यहां की दीवारों में माता सबरी की सिखाई अतिथ्य भावना है, जो हमें हर अतिथि, हर नागरिक का स्वागत करने की बात बताती है। इस सदन की कुर्सी में संत कबीर की सिखाई सच्चाई और निडरता का भाव है और यहां की नींव में महाप्रभु वल्लभाचार्य जी का बताया नर सेवा, नारायण सेवा का संकल्प है।

मुरिया दरबार- बस्तर की ‘आदिम संसद’ इसका जीवंत उदाहरण 
उन्होंने कहा, भारत लोकतंत्र की जननी है, मदर ऑफ डेमॉक्रेसी है, हमारा आदिवासी समाज तो, पीढ़ियों से लोकतांत्रिक परंपराओं को जीता आया है। मुरिया दरबार- बस्तर की ‘आदिम संसद’ इसका जीवंत उदाहरण है। वो आदिम संसद थी, सालों से हमारे यहां समाज और शासन मिलकर, समस्याओं का समाधान करते रहे हैं। और मुझे प्रसन्नता है कि इस विधानसभा में भी मुरिया दरबार की परंपरा को स्थान मिला है। पीएम मोदी ने कहा कि एक ओर, इस सदन के हर कोने में, हमारे महापुरुषों के आदर्श हैं, तो वहीं इसकी अध्यक्ष पीठ पर, रमन सिंह जी जैसा अनुभवी नेतृत्व भी है। रमन जी, इस बात का बहुत बड़ा उदाहरण हैं कि एक कार्यकर्ता अपने परिश्रम से, अपने समर्पण भाव से लोकतांत्रिक व्यवस्था को कितना सशक्त बना सकता है।

मोदी ने विस अध्यक्ष डॉ. रमन की तारीफ की
पीएम मोदी ने कहा कि क्रिकेट में तो देखते हैं, कि जो कभी कैप्टन रहता है, वो कभी टीम में खिलाड़ी बनकर के भी खेलता है, लेकिन राजनीति में ऐसा देखने को नहीं मिलता है, ये उदाहरण रमण सिंह जी दे सकते हैं, कि जो कभी कैप्टन हुआ करते थे, वो आज सच्चे स्पिरिट से कार्यकर्ता के छत्तीसगढ़ की सेवा के लिए समर्पित हर कार्यकर्ता के लिए प्रेरणा के रूप में कार्य कर रहे हैं।

यह भवन ‘नव स्वर’ का प्रतीक है,
पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रकवि निराला जी ने अपनी कविता में माँ सरस्वती से प्रार्थना की थी- प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव भारत में भर दे, यह केवल काव्य नहीं था, यह आज़ाद भारत के नवसृजन का मंत्र था। उन्होंने नव गति, नव लय, नव स्वर की बात कही, यानी कि एक ऐसे भारत की, जो परंपरा से जुड़ा हो, लेकिन भविष्य की ओर पूरे आत्मविश्वास से आगे बढ़े। आज जब हम छत्तीसगढ़ के नए विधानसभा में खड़े हैं, तो यह भावना यहां भी उतनी ही सार्थक है। यह भवन भी उसी ‘नव स्वर’ का प्रतीक है, जहाँ पुराने अनुभवों की ध्वनि है, और नए सपनों की ऊर्जा भी है। और इस ऊर्जा के साथ, हमें एक ऐसे भारत का निर्माण करना है, एक ऐसे छत्तीसगढ़ की नींव बनानी है, जो विरासत से जुड़कर, विकास के पथ पर आगे बढ़ सके।

नागरिक देवो भव:, ये हमारे सुशासन का मंत्र
उन्होंने कहा कि नागरिक देवो भव:, ये हमारे सुशासन का मंत्र है। और इसीलिए, हमें विधानसभा के हर निर्णय में जनता के हित को ध्यान में रखकर काम करना होगा। यहां कानून ऐसे बनें, जो रिफॉर्म को गति दे, जिससे लोगों का जीवन आसान हो, जो लोगों के जीवन से सरकार के अनावश्यक दखल को बाहर करे। सरकार का न अभाव हो और न ही अनावश्यक प्रभाव हो, यही तेज़ प्रगति का एकमात्र मंत्र है।

हमारा छत्तीसगढ़ भगवान श्रीराम का ननिहाल
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह हमारा छत्तीसगढ़ तो भगवान श्रीराम का ननिहाल है। भगवान श्रीराम इस धरती के भांजे हैं। आज इस नए परिसर में श्रीराम के आदर्शों को याद करने का इससे बेहतर दिन और क्या होगा। भगवान राम के आदर्श, हमें सुशासन की सीख देते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि अयोध्या में राममंदिर की प्राणप्रतिष्ठा के समय, हम सभी ने देव से देश और ‘राम से राष्ट्र’ का संकल्प लिया था। हमें याद रखना है, राम से राष्ट्र का अर्थ है- रामराज बैठे त्रैलोका। हरषित भए गए सब सोका। इसका अर्थ है, सुशासन और जनकल्याण का राज! इसका अर्थ है, सबका साथ, सबका विकास की भावना से शासन! राम से राष्ट्र का अर्थ है, नहिं दरिद्र कोउ, दुखी न दीना। जहां कोई ना गरीब हो, ना कोई दुखी हो, जहां भारत गरीबी से मुक्त होकर आगे बढ़े, राम से राष्ट्र का अर्थ है- अल्पमृत्यु नहिं कवनिउ पीरा। यानी, बीमारियों से असमय मृत्यु ना हो, यानी स्वस्थ और सुखी भारत का निर्माण हो, राम से राष्ट्र का मतलब है- मानउँ एक भगति कर नाता। अर्थात हमारा समाज ऊंच नीच के भाव से मुक्त हो, और हर समाज में सामाजिक न्याय की स्थापना हो

भारत नक्सलवाद, माओवादी आतंक को समाप्त करने की तरफ बढ़ रहा 
उन्होंने कहा कि राम से राष्ट्र का एक अर्थ ये भी है कि, “निसिचर हीन करउँ महि भुज उठाइ पन कीन्ह”। यानी, मानवता विरोधी ताकतों का, आतंक के विनाश की प्रतिज्ञा! और यही तो हमने ऑपरेशन सिंदूर में देखा है। भारत, आतंक के विनाश की प्रतिज्ञा करके आतंकियों की कमर तोड़ रहा है। भारत आज नक्सलवाद, माओवादी आतंक को भी समाप्त करने की तरफ बढ़ रहा है। भारत आज अभूतपूर्व विजय के गर्व से भरा हुआ है। और गर्व की यही भावना, आज छत्तीसगढ़ विधानसभा के इस नए परिसर में हमें चारों तरफ दिख रही है।

25 वर्षों में छत्तीसगढ़ ने जो परिवर्तन देखा है, वह अद्भुत
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ ने जो परिवर्तन देखा है, वह अद्भुत और प्रेरणादायी है। कभी यह राज्य नक्सलवाद और पिछड़ेपन से पहचाना जाता था। आज वही राज्य समृद्धि, सुरक्षा और स्थायित्व का प्रतीक बन रहा है। आज बस्तर ओलंपिक की चर्चा देश के कोने-कोने में है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आज विकास की लहर और सुकून की मुस्कान लौट आई है। और इस परिवर्तन के पीछे है छत्तीसगढ़ की जनता का परिश्रम और भाजपा सरकारों का दूरदर्शी नेतृत्व।

विकसित भारत के निर्माण में छग की बड़ी भूमिका
पीएम मोदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के रजत जयंती समारोह का उत्सव, अब एक बड़े लक्ष्य का आरंभ बिंदु बनने जा रहा है। 2047 तक, जब भारत अपनी आजादी के 100 साल मनाएगा, हमें विकसित भारत निर्माण के जो लक्ष्य तय किए हैं, उसमें छत्तीसगढ़ की भूमिका बहुत बड़ी होने वाली है। और इसीलिए, मैं यहां उपस्थित सभी साथियों से भी कहूंगा, सभी जनप्रतिनिधियों से कहूंगा, कि आप एक ऐसी व्यवस्था का निर्माण करिए, एक ऐसी विधानसभा का उदाहरण बनाइए, जो विकसित भारत के हर राज्य को कुछ नया करने के लिए प्रेरित करे। यहां होने वाले संवादों में, यहां पूछे जाने वाले प्रश्नों में, सदन में होने वाली कार्यवाहियों में, सब में एक श्रेष्ठता लाने का प्रयास हो, और हम जो भी करें, जिस भी रूप में करें, सबका लक्ष्य विकसित छत्तीसगढ, विकसित भारत का निर्माण हो।

नई विधानसभा की श्रेष्ठता इसके भवन की भव्यता से ज्यादा
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की इस नई विधानसभा की श्रेष्ठता इसके भवन की भव्यता से ज्यादा, यहां लिए जाने वाले जनकल्याण के निर्णयों से निर्धारित होगी। यह इस बात से तय होगी कि यह सदन छत्तीसगढ़ के सपनों को, इसकी सोच को कितनी गहराई से समझता है, और उन्हें साकार करने के लिए कितनी दूर तक चलता है। हमारा हर निर्णय ऐसा होना चाहिए, जो किसान की मेहनत को सम्मान दे, युवा के सपनों को दिशा दे, नारीशक्ति के जीवन में नई आशा की किरण लेकर आए, और समाज में अंत्योदय का माध्यम बने। हम सबको ये याद रखना है कि यह विधानसभा केवल कानून बनाने का स्थान नहीं, बल्कि यह छत्तीसगढ़ के भाग्य निर्माण का प्रखर केंद्र है, जीवंत इकाई है। इसीलिए हम सब को ये सुनिश्चित करना होगा, कि यहां से निकलने वाले हर विचार में जनसेवा की भावना हो, विकास का संकल्प हो, और भारत को नई ऊंचाई पर ले जाने का विश्वास हो। यही हमारी कामना है।

 हम सब सार्वजनिक जीवन में अपनी भूमिका निभायें
पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में कर्तव्य को सर्वोपरि रखते हुए, हम सब सार्वजनिक जीवन में अपनी भूमिका निभायें, यह संकल्प लेना ही नए विधानसभा भवन के लोकार्पण के इस अवसर के सबसे बड़ी सार्थकता होगी। आइए इस परिसर से हम सभी, भारतीय गणतंत्र के इस अमृत वर्ष में यह संकल्प लेकर जाए, कि जनता-जनार्दन की सेवा को ही अपने जीवन का ध्येय बनाएंगे। आप सभी को लोकतंत्र के इस सुंदर नव मंदिर के लोकार्पण पर मैं पुन: शुभकामनाएं और बधाई देता हूं। मैं मुख्यमंत्री को और विशेष रूप से मेरे मित्र रमन सिंह जी को इस कल्पना को साकार करने के लिए हृदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

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