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बीजापुर। छत्तीसगढ़ के अत्यधिक नक्सल प्रभावित बीजापुर जिला में बुधवार का दिन सुरक्षा अभियानों और पुनर्वास नीति की ऐतिहासिक उपलब्धि का रहा जब 41 सक्रिय माओवादी कैडरों ने लंबे समय तक चली हिंसक, क्रूर और जनविरोधी विचारधारा को छोड़कर भारतीय संविधान, लोकतांत्रिक व्यवस्था और सामाजिक पुनर्समावेशन में आस्था व्यक्त करते हुए आत्मसमर्पण किया।

दक्षिण बस्तर, विशेष रूप से बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा के घने जंगलों में दशकों से सक्रिय प्रतिबंधित माओवादी संगठन के लिए यह समर्पण इसलिए भी बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि इन कैडरों पर कुल मिलाकर एक करोड़ 19 लाख रुपये का इनाम घोषित था और इनमें संगठन के दक्षिण सब-जोनल ब्यूरो के 39 सदस्य शामिल बताए जा रहे हैं। जानकारों के मुताबिक हाल के वर्षों में माओवादी गतिविधियों, हथियार मूवमेंट, टैक्टिकल ऑपरेशन, सप्लाई नेटवर्क, मिलिशिया ढांचे, जनताना सरकार, पीएलजीए बटालियन और एरिया कमेटी में नेतृत्वकारी भूमिका निभाने वाले सदस्य जब मुख्यधारा में लौटते हैं, तो यह केवल एक कार्यक्रम नहीं होता, बल्कि यह एक वैचारिक ढांचे के क्षरण का प्रतीक बन जाता है।
पुलिस अधीक्षक कार्यालय से बुधवार को मिली जानकारी के मुताबिक, समर्पण करने वालों में 12 महिला और 29 पुरुष कैडर शामिल रहे, जो दक्षिण बस्तर दंडकारण्य स्पेशल जोन कमेटी (डीकेएसजेडसी) के अलावा तेलंगाना स्टेट कमेटी, धमतरी-गरियाबंद-नुआपाड डिवीजन, पश्चिम बस्तर सप्लाई टीम, डीके जोन और विभिन्न आरपीसी मिलिशिया समूहों में सक्रिय थे। इन 41 कैडरों में पीएलजीए बटालियन नंबर-01 के पीपीसीएम पदनाम वाले सदस्य, अलग-अलग कंपनियों, प्लाटून और एरिया कमेटी के प्रमुख कार्यकर्ता, मिलिशिया प्लाटून कमांडर और डिप्टी कमांडर, जनताना सरकार के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष स्तर पर सक्रिय सदस्य, डीएकेएमएसऔर केएएमएस संगठन से जुड़े फैसले लेने वाले कैडर भी शामिल हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वालों में पण्डरू हपका उर्फ मोहन और उनकी पत्नी बण्डी हपका का नाम सबसे प्रमुख रहा, जो पीएलजीए बटालियन नंबर-01 में पीपीसीएम पद पर सक्रिय थे और दोनों पर आठ-आठ लाख रुपये का इनाम घोषित था। इसके अलावा कंपनी नंबर-02 के पीपीसीएम सदस्य लक्खू कोरसा पर भी आठ लाख का इनाम था, जबकि प्लाटून नंबर-30 के पीपीसीएम सदस्य बदरू पुनेम और प्लाटून नंबर-50 के पीपीसीएम सदस्य सुखराम हेमला और उनकी पत्नी मंजूला हेमला उर्फ शांति पर भी आठ-आठ लाख रुपये का इनाम घोषित था।
कंपनी नंबर-02 की पार्टी सदस्य मंगली माडवी उर्फ शांति उर्फ मंगलो पर आठ लाख, कंपनी नंबर-02 के पार्टी सदस्य जयराम कडियम और डीकेएनजी कंपनी-05 की सदस्य पाण्डो मडकम उर्फ चांदनी पर भी आठ लाख रुपये का इनाम था। भैरमगढ़ एरिया कमेटी सदस्य माटा कडियम उर्फ मंगल, और उनकी पत्नी जमली कडियम पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम घोषित था, जबकि धमतरी-गरियाबंद-नुआपाड डिवीजन के एसीएम सदस्य जोगी मडकम उर्फ मालती पर भी पांच लाख रुपये का इनाम रखा गया था। तेलंगाना स्टेट कमेटी के पार्टी सदस्य छोटू कारम उर्फ छोटू कारम पर दो लाख का इनाम, पश्चिम बस्तर डिवीजन की सप्लाई टीम से जुड़े अनिल मड़कम उर्फ मूडा और तेलंगाना स्टेट कमेटी पीएलजीए सदस्य सावित्री कारम उर्फ कविता पर भी दो-दो लाख रुपये का इनाम घोषित था। इसके अलावा कई अन्य नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया जिन पर इनाम रखा गया था।

पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि आत्मसमर्पण के तत्काल बाद दस्तावेजीकरण , विधिक सत्यापन और पुनर्समावेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और राज्य शासन की आत्मसमर्पण तथा पुनर्वास नीति के तहत प्रत्येक कैडर को 50 हजार रुपये की तात्कालिक आर्थिक सहायता भी दी जाएगी। पिछले 11 महीनों के आंकड़े माओवाद कमजोर होने की पुष्टि करते हैं। इस वर्ष एक जनवरी से अब तक माओवादी घटनाओं में शामिल 528 कैडर गिरफ्तार किए गए, 560 माओवादी संगठन छोड़कर मुख्यधारा में लौटे, और जिले और आसपास के अभियानों में 144 माओवादी मुठभेड़ों में मारे गए, जबकि एक जनवरी 2024 से अब तक 790 माओवादी मुख्यधारा में लौटे, 1031 गिरफ्तार हुए और 202 कैडर अलग-अलग मुठभेड़ों में मारे गए हैं।