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0 हथियार छोड़कर थामा संविधान की किताब
राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में सोमवार को टॉप नक्सली कमांडर रामधेर समेत 12 माओवादियों ने डीजीपी अरुण देव गौतम के सामने हथियार डालकर मुख्यधारा से जुड़े। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों से एके-17, 303 राइफल और इंसास समेत कई हथियार बरामद किए गए। इसके बाद उन्हें फूल और संविधान की किताब दी गई। 

एक करोड़ का था इनामी
1 करोड़ का इनामी खूंखार नक्सली रामधेर के समर्पण के बाद छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के जंगल में नक्सलियों का बनाया गया एमएमसी जोन अब पूरी तरह नक्सलमुक्त माना जा रहा है। रामधेर यहां का इंचार्ज था। नक्सलियों की मिलिट्री कमिशन को 30 साल तक रामधेर ने ही ट्रेंड किया है। बताया जा रहा है कि रामधेर संगठन का बेहद पुराना मेंबर था। वहीं बड़े-बड़े नक्सलियों का गुरु भी रहा है। 

कौन है नक्सली रामधेर? 
54 वर्ष का सेंट्रल कमेटी मेंबर रामधेर बीजापुर जिले के भैरमगढ़ के मज्जीमेंढ़्री गांव का रहने वाला है। उसे ग्रामीण मज्जीदेव के नाम से भी जानते है। रामधेर 35 साल पहले नक्सल संगठन में भर्ती हुआ था। वो उन शुरुआती लोगों में से है, जिन्हें नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी मेंबर मुप्पला लक्ष्मण राव ने नक्सल संगठन में भर्ती किया था।